Загрузка страницы

रुक्मिणी हरण | Rukmani Haran | Movie | Tilak

https://youtu.be/6NmX-ActJ20
बजरंग बाण | पाठ करै बजरंग बाण की हनुमत रक्षा करै प्राण की | जय श्री हनुमान | तिलक प्रस्तुति 🙏 भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद।

Watch the video song of ''Darshan Do Bhagwaan'' here - https://youtu.be/j7EQePGkak0

Watch the film ''Rukmani Haran'' now!

Subscribe to Tilak for more devotional contents - https://bit.ly/SubscribeTilak

नारद मुनि जी श्री कृष्ण जी के पास द्वारिका पहुँचते हैं और कहते हैं की माता लक्ष्मी ने आपकी सेवा करने के लिए रुक्मणी के रूप में जनम लिया है। रुक्मिणी के पिता भिषमत ने रुक्मिणी के स्वयंवर को अपने पुत्र रुकमी के भय के कारण कराने से मना कर दी है। राजकुमार रुकमी अपनी बहन रुक्मणी का विवाह शिशुपाल के साथ कराने की सोच रखी है। जिसे सुन नारद दुखी हो कर श्री कृष्ण से विनती करते हैं की जल्दी ही माता रुक्मणी से मिलकर उन्हें अपना ले। रुक्मणी गौरी माँ के मंदिर में आकर उनकी पूजा अर्चना करके उनसे श्री कृष्ण को पाने का आशीर्वाद माँगती हैं। रुकमी अपने पिता भिषमत के सामने रुक्मिणी के विवाह शिशुपाल के साथ करवाने की बात रखता है। जिस पर भिषमत के पुत्रों में विवाद होता है जिसे उनकी माता रोक कर रुकमी को अपनी बहन के मन की बात सुनने को कहती है लेकिन रूकमी नहीं मानता और अपनी माता को ही रुक्मिणी को समझाने को कह देता है और ये भी कहता है की मैं शिशुपाल को जल्द से जल्द बारात लाने के लिए कहता हूँ।

रुक्मिणी की माँ जब उसे ये सब बताती है तो वह रुक्मिणी को बहुत दुःख पहुँचता है। रूकमी अपने दूत को शिशुपाल के पास भेजता है और जरासंध से कहने के लिए कहता है की बारात में श्री कृष्ण के सभी दुशमन राजाओं को अपनी सेनाओं के साथ लाए यदि यादवों ने कुछ भी करना चाहा तो उनसे युद्ध करके यही समाप्त कर देंगे। रूकमी अपनी बहन रुक्मिणी को बताता है की शिशुपाल ने रुक्मिणी से विवाह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। जरासंध ने शिशुपाल को गोद ले लिया था इसलिए जरासंध शिशुपाल को बारात के साथ लेकर चल पड़ता है। रुक्मिणी अपनी दासी के साथ रात्रि में ऋषि सदानंद के पास जाती है। रुक्मिणी ऋषि सदानंद को अपने भाई द्वारा उनका विवाह शिशुपाल के साथ उनकी इच्छा के बिना तय कर दी है। रुक्मिणी गुरु सदानंद को उनकी सहायता कि लिए कहती है। ऋषि सदानंद रुक्मिणी की सहायता करने के लिए तैयार हो जाते हैं। रुक्मिणी उन्हें श्री कृष्ण को अपना पत्र देने के लिए भी कहती है। ऋषि सदानंद रुक्मिणी का पत्र लेकर श्री कृष्ण के पास चले जाते हैं और उनके पास पहुँच कर उन्हें दे देते हैं।

ऋषि सदानंद श्री कृष्ण को रुक्मिणी को ले जाने के लिए गौरी मंदिर पर पहुँचने के लिए कहते हैं। श्री कृष्ण अपने रथ पर ऋषि सदानंद को लेकर तभी निकल पड़ते हैं। बलराम श्री कृष्ण के रातों रात द्वारिका से बाहर चले जाने की बात सुन परेशान हो जाते हैं। बलराम जब श्री कृष्ण के कक्ष में जाते हैं तो वहाँ रखे रुक्मिणी के पत्र को पाता है उसे पढ़ने के बाद सब समझ जाता है और अपनी सेना को लेकर श्री कृष्ण की सहायता करने के लिए कुंडिनपुर की ओर चल पड़ता है। शिशुपाल अपने पिता जरासंध के साथ बारात लेकर कुंडिनपुर पहुँच जाता है।

श्री कृष्ण के पीछे पीछे बलराम बड़ी तेज़ी से उनके पास पहुँच जाता है। ऋषि सदानंद राजा भिषमत के महल पहुँच जाते हैं। ऋषि सदानंद रुक्मिणी से मिलने आते हैं और उन्हें बताती है की श्री कृष्ण उनके साथ तुम्हें लेने आए हैं और वो तुम्हें लेने के लिए गौरी मंदिर के पास इंतज़ार कर रहें हैं। रुक्मिणी को गुरु देव मंदिर जाने के लिए कहते है और उन्हें बताते हैं की उन्हें श्री कृष्ण वहीं से अपने साथ ले जाएँगे। रुक्मिणी गौरी मंदिर चली जाती है। रूकमी का गुप्तचर उन्हें बताता है की श्री कृष्ण और बलराम अपनी सेना के साथ नगर के पास पहुँचने हाई वाले हैं जिसे सुन शिशुपाल जरासंध के साथ अपनी सेना लेकर श्री कृष्ण की और निकल पड़ते हैं। रुक्मिणी के गौरी मंदिर जाने की बात शिशुपाल को पता चलती है तो वह और क्रोधित हो उठता है। शिशुपाल जरासंध और राजा शैलय अपनी सेना के साथ भवानी मंदिर की ओर चल पड़ते हैं। बलराम शिशुपाल और रूकमी की सेना से लड़ने के लिए चल पड़ता है और श्री कृष्ण को रुक्मिणी के पास जाने को कह देता है। श्री कृष्ण रुक्मिणी के पास चले जाते हैं और उनके पास पहुँच कर उनसे पनिग्रहण कर लेते हैं। दोनो सेनाओं में युद्ध शुरू हो जाता है।

श्री कृष्ण रुक्मिणी को लेकर द्वारिका की ओर निकल पड़ते हैं। रूकमी अपनी बहन रुक्मिणी का हरण श्री कृष्ण द्वारा कर लेने की बात सुन उनके पीछे चल पड़ता है। श्री कृष्ण के पास पहुँच कर रूकमी उन्हें रुक्मिणी को लौटाने को कहता है जिस पर दोनों में युद्ध शुरू हो जाता है। शिशुपाल श्री कृष्ण पर ब्रह्मास्त्र से हमला करता है लेकिन ब्रह्मास्त्र उनको हानि नहीं पहुँचाता। श्री कृष्ण और रूकमी में गदा युध शुरू हो जाता है। श्री कृष्ण रूकमी को हरा देते हैं और उसका वध करने के लिए सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल करने ही वाले थे तभी रुक्मिणी उन्हें रोक देती है और उनसे प्रार्थना करती हैं की रूकमी का वाध ना करे। जिस पर श्री कृष्ण रूकमी को जीवन दान दे देते हैं। श्री कृष्ण रुक्मिणी के साथ द्वारिका की ओर निकल पड़ते हैं।

In association with Divo - our YouTube Partner

#SriKrishna #SriKrishnaonYouTube

Видео रुक्मिणी हरण | Rukmani Haran | Movie | Tilak канала Tilak
Показать
Информация о видео
31 января 2021 г. 17:30:13
01:23:45
Другие видео канала
निराकार ब्रह्म से ना होते संतुष्ट कई | श्री कृष्णा | गीत संवादनिराकार ब्रह्म से ना होते संतुष्ट कई | श्री कृष्णा | गीत संवादअयि गिरिनन्दिनि- महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र | मधुबंती बागची  - 9 #shortsअयि गिरिनन्दिनि- महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र | मधुबंती बागची - 9 #shortsअयि गिरिनन्दिनि- महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र | मधुबंती बागची  - 5 #shortsअयि गिरिनन्दिनि- महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र | मधुबंती बागची - 5 #shortsअयि गिरिनन्दिनि- महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र | मधुबंती बागची  - 4 #shortsअयि गिरिनन्दिनि- महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र | मधुबंती बागची - 4 #shortsचंचल मन पर क़ाबू पाना बहुत कठिन होता है | Shree Krishna | Geeta Updeshचंचल मन पर क़ाबू पाना बहुत कठिन होता है | Shree Krishna | Geeta Updeshमन को वश में करने हेतु अभ्यास और वैराग्य को अपना पड़ता है | Shree Krishna | Geeta Updesh #Shortsमन को वश में करने हेतु अभ्यास और वैराग्य को अपना पड़ता है | Shree Krishna | Geeta Updesh #Shortsजो जिस रूप में प्रभु को ध्याता है उसी रूप में प्रभु प्राप्त होते हैं | Shree Krishna Samvadजो जिस रूप में प्रभु को ध्याता है उसी रूप में प्रभु प्राप्त होते हैं | Shree Krishna Samvadमाया की ऐसी शक्ति नहीं की वह भक्तों के साथ खेल सके | Shree Krishna Samvad | श्री कृष्ण संवादमाया की ऐसी शक्ति नहीं की वह भक्तों के साथ खेल सके | Shree Krishna Samvad | श्री कृष्ण संवादRamayan Dialogue Status | रामायण डायलॉग | जटायु तुम मेरे प्राणों जैसे प्यारे होRamayan Dialogue Status | रामायण डायलॉग | जटायु तुम मेरे प्राणों जैसे प्यारे होप्रेम तो किसी दूसरे से किया जाता है | Shree Krishna Samvad | श्री कृष्ण संवादप्रेम तो किसी दूसरे से किया जाता है | Shree Krishna Samvad | श्री कृष्ण संवादअगर्वसर्वमंगला कलाकदम्बमंजरी- रसप्रवाह माधुरी विजृंभणा मधुव्रतम्‌ | शिव तांडव स्तोत्र | तिलक 🙏अगर्वसर्वमंगला कलाकदम्बमंजरी- रसप्रवाह माधुरी विजृंभणा मधुव्रतम्‌ | शिव तांडव स्तोत्र | तिलक 🙏जो होता है वह अच्छे के लिए होता है | Ramayan Dialogues | रामायण डायलोग #Shortsजो होता है वह अच्छे के लिए होता है | Ramayan Dialogues | रामायण डायलोग #ShortsRamayan Dialogue Status । रामायण डायलॉग | Raavan | रावणRamayan Dialogue Status । रामायण डायलॉग | Raavan | रावणमनुष्य के दृढ़ संकल्प के आगे कुछ भी असंभव नहीं | Shree Krishna Samvad | श्री कृष्ण संवादमनुष्य के दृढ़ संकल्प के आगे कुछ भी असंभव नहीं | Shree Krishna Samvad | श्री कृष्ण संवादइस सृष्टि के अच्छे बुरे हर प्राणी में हम ही हैं | Shree Krishna Samvad | श्री कृष्ण संवादइस सृष्टि के अच्छे बुरे हर प्राणी में हम ही हैं | Shree Krishna Samvad | श्री कृष्ण संवादराम जिसके ईश्वर हैं वही रामेश्वर हैं | Ramayan Samvad | रामायण संवादराम जिसके ईश्वर हैं वही रामेश्वर हैं | Ramayan Samvad | रामायण संवादनारद ने महामाया को किया प्रणाम | Shree Krishna Samvad | श्री कृष्ण संवादनारद ने महामाया को किया प्रणाम | Shree Krishna Samvad | श्री कृष्ण संवादमैं तो केवल प्रेम के वश में हूँ | Shree Krishna Samvad | श्री कृष्ण संवादमैं तो केवल प्रेम के वश में हूँ | Shree Krishna Samvad | श्री कृष्ण संवाददुर्भाग्य की संक्षिप्त व्याख्या | Shree Krishna Samvad | श्री कृष्ण संवाददुर्भाग्य की संक्षिप्त व्याख्या | Shree Krishna Samvad | श्री कृष्ण संवादवही सुरक्षित है जिसकी सुरक्षा धर्म के द्वारा हो | Shree Krishna Samvad | श्री कृष्ण संवादवही सुरक्षित है जिसकी सुरक्षा धर्म के द्वारा हो | Shree Krishna Samvad | श्री कृष्ण संवादश्री कृष्ण ने राधा का ऋण चुकाने की बात कही | Shree Krishna Samvad | श्री कृष्ण संवादश्री कृष्ण ने राधा का ऋण चुकाने की बात कही | Shree Krishna Samvad | श्री कृष्ण संवाद
Яндекс.Метрика
Страницу в закладки Мои закладки
Все заметки Новая заметка Страницу в заметки