| Ranthambore Fort | रणमल,रतिपाल और भोजराज की गद्दारी से अलाउद्दीन खिलजी जीत पाया इस रणथंभौर किले को
| Ranthambore Fort | रणमल,रतिपाल और भोजराज की गद्दारी से अलाउद्दीन खिलजी जीत पाया इस रणथंभौर किले को।@Gyanvikvlogs
📌You can join us other social media 👇👇👇
💎INSTAGRAM👉https://www.instagram.com/gyanvikvlogs/
💎FB Page Link 👉https://www.facebook.com/Gyanvikvlogs/
सवाई माधोपुर से लगभग छह मील दूर रणथम्भौर दुर्ग अरावली पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा विकट दुर्ग है. रणथम्भौर का वास्तविक नाम रन्त:पुर है, अर्थात ‘रण की घाटी में स्थित नगर’. इस दुर्ग का निर्माण राजा सज्जन वीर सिंह नागिल ने करवाया था और उसके बाद से उनके कई उत्तराधिकारियों ने रणथम्भौर दुर्ग के निर्माण की दिशा में योगदान दिया. अबुल फजल ने इसके बारे में कहा कि अन्य सब दुर्ग नंगे है, यह बख्तरबंद किला है. राव हम्मीर देव चौहान की भूमिका इस किले के निर्माण में प्रमुख मानी जाती है।
हम्मीद देव चौहान ने अलाउद्दीन खिलजी के विद्रोही सेनापति मीर मुहम्मदशाह को अपने यहां शरण दी थी. इससे क्रोधित होकर और अपनी साम्राजयवादी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए 1300 ई. में खिलजी ने विशाल सैन्य बल के साथ रणथम्भौर पर आक्रमण कर दिया. इसमें उसका सेनापति नुसरत खां मारा गया. इस दौरान किले पर कब्जा करने की कोशिशें कीं, लेकिन ऐसा करने में विफल रहा. तीन असफल प्रयासों के बाद खिलजी की सेना ने अंततः 1 जुलाई 1301 में रणथंभौर किले पर कब्जा कर लिया।
रणथम्भौर दुर्ग तक पहुंचने का मार्ग संकरी व तंग घाटी से होकर सर्पिलाकार में आगे जाता है. दुर्ग इस प्रकार बना है कि उसकी प्राचीर पहाड़ियों के साथ एकाकार हो गई प्रतीत होती है. किले में ऐतिहासिक स्थानों में हाथी पोल, गणेश पोल, नौलखा दरवाजा, सूरजपोल और त्रिपोलिया प्रमुख प्रवेश द्वार है. त्रिपोलिया अंधेरी दरवाजा भी कहलाता है. इसके पास से एक सुरंग महलों तक गई है. इसके अलावा हम्मीर महल, रानी महल, हम्मीर की कचहरी, बादल महल, 32 खम्भों की छतरी, रनिहाड़ तालाब, सुखसागर और पद्मला तालाब प्रमुख हैं. पद्मला तालाब वही है, जहां हम्मीर देव चौहान की राजकुमारियों और कुंवारी कन्याओं ने जल जौहर किया था. तब विवाहित महिलाएं अग्नि-जौहर और कुंवारी कन्याएं जल-जौहर किया करती थीं।
#RanthamboreFort #SawaiMadhopurFort #Gyanvikvlogs #RajasthanForts #रणथंभौरकिला
Видео | Ranthambore Fort | रणमल,रतिपाल और भोजराज की गद्दारी से अलाउद्दीन खिलजी जीत पाया इस रणथंभौर किले को канала Gyanvik vlogs
📌You can join us other social media 👇👇👇
💎INSTAGRAM👉https://www.instagram.com/gyanvikvlogs/
💎FB Page Link 👉https://www.facebook.com/Gyanvikvlogs/
सवाई माधोपुर से लगभग छह मील दूर रणथम्भौर दुर्ग अरावली पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा विकट दुर्ग है. रणथम्भौर का वास्तविक नाम रन्त:पुर है, अर्थात ‘रण की घाटी में स्थित नगर’. इस दुर्ग का निर्माण राजा सज्जन वीर सिंह नागिल ने करवाया था और उसके बाद से उनके कई उत्तराधिकारियों ने रणथम्भौर दुर्ग के निर्माण की दिशा में योगदान दिया. अबुल फजल ने इसके बारे में कहा कि अन्य सब दुर्ग नंगे है, यह बख्तरबंद किला है. राव हम्मीर देव चौहान की भूमिका इस किले के निर्माण में प्रमुख मानी जाती है।
हम्मीद देव चौहान ने अलाउद्दीन खिलजी के विद्रोही सेनापति मीर मुहम्मदशाह को अपने यहां शरण दी थी. इससे क्रोधित होकर और अपनी साम्राजयवादी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए 1300 ई. में खिलजी ने विशाल सैन्य बल के साथ रणथम्भौर पर आक्रमण कर दिया. इसमें उसका सेनापति नुसरत खां मारा गया. इस दौरान किले पर कब्जा करने की कोशिशें कीं, लेकिन ऐसा करने में विफल रहा. तीन असफल प्रयासों के बाद खिलजी की सेना ने अंततः 1 जुलाई 1301 में रणथंभौर किले पर कब्जा कर लिया।
रणथम्भौर दुर्ग तक पहुंचने का मार्ग संकरी व तंग घाटी से होकर सर्पिलाकार में आगे जाता है. दुर्ग इस प्रकार बना है कि उसकी प्राचीर पहाड़ियों के साथ एकाकार हो गई प्रतीत होती है. किले में ऐतिहासिक स्थानों में हाथी पोल, गणेश पोल, नौलखा दरवाजा, सूरजपोल और त्रिपोलिया प्रमुख प्रवेश द्वार है. त्रिपोलिया अंधेरी दरवाजा भी कहलाता है. इसके पास से एक सुरंग महलों तक गई है. इसके अलावा हम्मीर महल, रानी महल, हम्मीर की कचहरी, बादल महल, 32 खम्भों की छतरी, रनिहाड़ तालाब, सुखसागर और पद्मला तालाब प्रमुख हैं. पद्मला तालाब वही है, जहां हम्मीर देव चौहान की राजकुमारियों और कुंवारी कन्याओं ने जल जौहर किया था. तब विवाहित महिलाएं अग्नि-जौहर और कुंवारी कन्याएं जल-जौहर किया करती थीं।
#RanthamboreFort #SawaiMadhopurFort #Gyanvikvlogs #RajasthanForts #रणथंभौरकिला
Видео | Ranthambore Fort | रणमल,रतिपाल और भोजराज की गद्दारी से अलाउद्दीन खिलजी जीत पाया इस रणथंभौर किले को канала Gyanvik vlogs
Показать
Комментарии отсутствуют
Информация о видео
Другие видео канала
| Jami masjid Champaner | जहरीले बादशाह महमूद बेगड़ा की सबसे खूबसूरत मस्जिद।Kedarnath Yatra में पहाड़ से गिरते पत्थर बन सकते हैं, मौत का कारण😱 इसलिए ऐसी जगह पर न लें Selfie!| Patwa Haveli | राजस्थान की वो हवेली जिसे डिज़ाइन करने में लग गए थे करीब 30 साल।| Kuldhara Haunted Village | एक श्राप से तबाह कुलधरा हुआ, अपनी बर्बादी की गाथा सुनाता कुलधरा! (Ep-2)| Panchkunda Chattriya | जोधपुर घराने की महारानियों का समाधि स्थल!भारत का सबसे रहस्यमई मंदिर, जहां पर चूहों को देवदूतो का दर्जा दिया जाता है! चूहों का रहस्यलोक?| Ratneshwar Mahadev Temple | पीसा की मीनार से 5 डिग्री ज्यादा झुका हुआ है, रत्नेश्वर महादेव मंदिर!Khabba Fort | रहस्यों से भरा एक वीरान किला, पालीवाल ब्राह्मणों की एक शापित जगह, जहां कोई ना बस पाया!Khandit Haveli | Orchha | ओरछा बुंदेलखंड के राजाओं की खंडित हवेली!(Part-1)| Ranthambore Fort | इसी किले में हमीर देव चौहान ने अपना सिर चढ़ाया था शिव के चरणों में(Ep-12)लंदन Clock टावर जैसी घड़ी दुनिया में केवल जोधपुर में: 3 लाख में बनी, 1 Lakh इसलिए कि ऐसी दूसरी न बने।Khandit Haveli | Orchha | आखिरकार क्यों लोग खजाने के चक्कर में इन इमारतों को नुकसान पहुंचाते हैं?| Barud Khana | Orchha | ओरछा रियासत की सेना इसी बारूदखाने में अपना गोला-बारूद का भंडारण करती थी!| Ibrahim Suri Tomb | Narnaul | ताजमहल जैसा खूबसूरत,शेरशाह सूरी के दादा इब्राहिम सूरी का मकबरा!| Jama Masjid | ऐतिहासिक धरोहर का खजाना है जौनपुर, सैकड़ों साल पुरानी इमारतें आज भी है मौजूद(Part-2)| Toorji Ka Jhalra | जोधपुर को भयंकर अकाल से बचाने के लिए महारानी जी ने अपनी प्रजा को दिया था तोहफा!| Rampuria Haveli | बीकानेर के रामपुरिया परिवार के द्वारा बनायी गई भारत में यूरोप जैसी हवेलियाँ!| Jaisalmer Fort | इन मंदिरों पर इतनी बारीक नक्काशी, समझ नहीं आता कैसे मुमकिन किया उन कारीगरों ने!| Habash Khan Tomb | Rohtasgarh fort कैमूर की पहाड़ियों पर मौजूद शेरशाह सूरी के जनरल का मकबरा!(Ep-2)| Lakshmi Vilas Palace Vadodara | 170 कमरे, 500 एकड़ में फैला, ब्रिटेन के शाही महल से 4 गुना बड़ा।| Rohtasgarh Fort | Bihar | अनेक रहस्य और रोमांच से भरा हुआ है बिहार का ये रोहतासगढ़ किला!(Ep-6)