Загрузка страницы

भक्तामर स्त्रोत श्लोक 45 (27 बार) । Bhaktamar Strotra 45th Shloka (27 times)

सर्वरोगनाशक है भक्तामर स्तोत्र - पद 45
इसके बाद पढे जाने वाले रिद्धि मंत्र जाप (108 बार) का लिंक https://youtu.be/G6r37HU_yR4

भक्तामर स्तोत्र पद 45 (संस्कृत)

उद्भूत-भीषण-जलोदर-भार-भुग्नाः,
शोच्यां दशा-मुपगताश्-च्युत-जीविताशाः ।
त्वत्पाद-पंकज-रजोमृतदिग्ध-देहाः,
मर्त्या भवंति मकर-ध्वज-तुल्य-रूपाः ॥45॥

हिन्दी

महा जलोदर रोग, भार पीड़ित नर जे हैं।
वात पित्त कफ कुष्ट, आदि जो रोग गहै हैं॥
सोचत रहें उदास, नाहिं जीवन की आशा।
अति घिनावनी देह, धरैं दुर्गंध निवासा॥तुम पद-पंकज-धूल को, जो लावैं निज अंग।
ते नीरोग शरीर लहि, छिनमें होय अनंग॥45॥

अर्थात

उत्पन्न हुए भीषण जलोदर रोग के भार से झुके हुए,
शोभनीय अवस्था को प्राप्त और नहीं रही है जीवन की आशा जिनके,
ऐसे मनुष्य आपके चरण कमलों की रज रुप अम्रत से लिप्त
शरीर होते हुए कामदेव के समान रुप वाले हो जाते हैं|

English
udbhuta-bhishana-jalodara - bhara-bhugnah
shochyam dasha-mupa-gatashchyuta-jivitashah |
tvat-pada-pankaja-rajoamrita-digdha-deha,
martya bhavanti makaradhvaja tulyarupah || 45 ||

जय जिनेन्द्र…!

भक्तामर स्तोत्र के नियमित पढ़ने से भयानक रोग से मुक्ति मिल सकती है, खासतौर पर पद 45 को प्रतिदिन 27 बार पढ़ने से। भक्तामर स्तोत्र का प्रतिदिन आराधन कर धर्मध्यान कर जीवन में सुख-शांति का अनुभव करें।

Regular reading of Bhaktamar Stotra can get rid of terrible disease, especially by reading verse 45 for 27 times daily. Worship Bhaktamar Stotra daily by paying homage and experience happiness with peace in life.

भक्तामर स्तोत्र की रचना कब हुई, कैसे हुई और क्यों हुई, कैसे पढ़ें, कब पढ़ें और किस तरह पढ़ें? आदि सब जानें।

भक्तामर स्तोत्र की रचना आचार्य मानतुंगजी ने की थी। इस स्तोत्र का दूसरा नाम आदिनाथ स्तोत्र भी है। यह संस्कृत में लिखा गया है तथा प्रथम शब्द ‘भक्तामर’ होने के कारण ही इस स्तोत्र का नाम ‘भक्तामर स्तोत्र’ पड़ गया। ये वसंत-तिलका छंद में लिखा गया है। हम लोग ‘भक्ताम्बर’ बोलते हैं जबकि ये ‘भक्तामर’ है।

भक्तामर स्तोत्र में 48 श्लोक हैं। हर श्लोक में मंत्र शक्ति निहित है। इसके 48 के 48 श्लोकों में ‘म’, ‘न’, ‘त’ व ‘र’ ये 4 अक्षर पाए जाते हैं।

इस स्तोत्र की रचना के संदर्भ में प्रमाणित है कि आचार्य मानतुंगजी को जब राजा भोज ने जेल में बंद करवा दिया था, तब उन्होंने भक्तामर स्तोत्र की रचना की तथा 48 श्लोकों पर 48 ताले टूट गए। मानतुंग आचार्य 7वीं शताब्दी में राजा भोज के काल में हुए हैं। इस स्तोत्र में भगवान आदिनाथ की स्तुति की गई है।

मंत्र थैरेपी में भी इसका उपयोग विदेशों में होता है, इसके भी प्रमाण हैं।

भक्तामर स्तोत्र के पढ़ने का कोई एक निश्चित नियम नहीं है। भक्तामर स्तोत्र को किसी भी समय प्रात:, दोपहर, सायंकाल या रात में कभी भी पढ़ा जा सकता है। इसकी कोई समयसीमा निश्चित नहीं है, क्योंकि ये सिर्फ भक्ति प्रधान स्तोत्र हैं जिसमें भगवान की स्तुति है। धुन तथा समय का प्रभाव अलग-अलग होता है।

भक्तामर स्तोत्र का प्रसिद्ध तथा सर्वसिद्धिदायक महामंत्र है- ‘ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं अर्हं श्री वृषभनाथतीर्थंकराय् नम:।’

48 काव्यों के 48 विशेष मंत्र भी हैं।

48 काव्यों की महत्ता

1. सर्वविघ्न विनाशक काव्य
2. शत्रु तथा शिरपीड़ानाशक काव्य
3. सर्वसिद्धिदायक काव्य
4. जल-जंतु भयमोचक काव्य
5. नेत्ररोग संहारक काव्य
6. सरस्वती विद्या प्रसारक काव्य
7. सर्व संकट निवारक काव्य
8. सर्वारिष्ट योग निवारक काव्य
9. भय-पापनाशक काव्य
10. कुकर विष निवारक काव्य
11. वांछापूरक काव्य
12. हस्तीमद निवारक काव्य
13. चोर भय व एनी भय निवारक काव्य
14. आधि-व्याधिनाशक काव्य
15. राजवैभव प्रदायक काव्य
16. सर्व विजयदायक काव्य
17. सर्वरोग निरोधक काव्य
18. शत्रु सैन्य स्तंभक काव्य
19 परविद्या छेदक काव्य
20. संतान संपत्ति सौभाग्य प्रदायक काव्य
21. सर्ववशीकरण काव्य
22. भूत-पिशाच बाधा निरोधक काव्य
23. प्रेतबाधा निवारक काव्य
24. शिरो रोगनाशक काव्य
25. दृष्टिदोष निरोधक काव्य
26. आधा शीशी एवं प्रसव पीड़ा विनाशक काव्य
27. शत्रु उन्मूलक काव्य
28. अशोक वृक्ष प्रतिहार्य काव्य
29. सिंहासन प्रतिहार्य काव्य
30. चमर प्रतिहार्य काव्य
31. छत्र प्रतिहार्य काव्य
32. देव दुंदुभी प्रतिहार्य काव्य
33. पुष्पवृष्टि प्रतिहार्य
34. भामंडल प्रतिहार्य
35. दिव्य ध्वनि प्रतिहार्य
36. लक्ष्मी प्रदायक काव्य
37. दुष्टता प्रतिरोधक काव्य
38. वैभववर्धक काव्य
39. सिंह शक्ति संहारक काव्य
40. सर्वाग्निशामक काव्य
41. भुजंग भयभंजक काव्य
42. युद्ध भय विनाशक काव्य
43. सर्व शांतिदायक काव्य
44. भयानक जल विपत्ति विनाशक काव्य
45. सर्व भयानक रोग विनाशक काव्य
46. बंधन विमोचक काव्य
47. सर्व भय निवारक काव्य
48. मनोवांछित सिद्धिदायक काव्य

भक्तामर स्तोत्र का प्रतिदिन आराधन कर धर्मध्यान कर जीवन में सुख-शांति का अनुभव करें।

जय जिनेन्द्र…!

bhaktamar_strotra_45th_shloka
bhaktamar_strotra_45th_gatha
bhaktamar_strotra_45th_shloka_in_hindi
bhaktamar_45_shloka
45th_shloka_of_bhaktamar_strota

#bhaktamarstrotra45thshloka , #45thshloka , #45thgatha ,
#bhaktamarstrotra45thgatha ,
#45thshlokaofbhaktamarstrota ,

Music credit : The 30 seconds music with shloka recitation has been taken from Album Navkar Bhaktamar Strotra of Times Music India. This Shloka has been repeated 27 times for listening at one go. Thanks to the Times Music India and the Singer Lata Mangeshkar Ji. Jain Community is thankful to you!

Видео भक्तामर स्त्रोत श्लोक 45 (27 बार) । Bhaktamar Strotra 45th Shloka (27 times) канала Gunjan Jain
Показать
Комментарии отсутствуют
Введите заголовок:

Введите адрес ссылки:

Введите адрес видео с YouTube:

Зарегистрируйтесь или войдите с
Информация о видео
16 июня 2018 г. 0:45:26
00:13:29
Другие видео канала
Bhaktamar Strot / भक्तामर स्त्रोत आर्यिका 105 पूर्णमति माताजी के स्वर में भक्तामर स्त्रोतBhaktamar Strot / भक्तामर स्त्रोत आर्यिका 105 पूर्णमति माताजी के स्वर में भक्तामर स्त्रोतShree Bhaktamar Stotra By Anuradha Paudwal Full Audio Songs Juke BoxShree Bhaktamar Stotra By Anuradha Paudwal Full Audio Songs Juke BoxShri Uvasaggaharam Stotra – 27 Times Recitation | With English MeaningsShri Uvasaggaharam Stotra – 27 Times Recitation | With English Meaningspadmavati Mantra - अपार धन प्राप्ति हेतु - पद्मावती मंत्र | Manali Sanklapadmavati Mantra - अपार धन प्राप्ति हेतु - पद्मावती मंत्र | Manali Sanklaआचार्यश्री 108 विद्यासागर जी महाराज द्वारा उच्चारित णमोकार मंत्र  जाप - एपिसोड 2 - जिनवाणी चैनलआचार्यश्री 108 विद्यासागर जी महाराज द्वारा उच्चारित णमोकार मंत्र जाप - एपिसोड 2 - जिनवाणी चैनलपारसनाथ स्तोत्र | रोज सुबह उठते और रात को सोने से पहले सुनले सब परेशानी दूर होगी |Deepak-Roopak Jainपारसनाथ स्तोत्र | रोज सुबह उठते और रात को सोने से पहले सुनले सब परेशानी दूर होगी |Deepak-Roopak JainBhaktamar Stotra (Sanskrit) - भक्तामर स्तोत्र (संस्कृत) with LyricsBhaktamar Stotra (Sanskrit) - भक्तामर स्तोत्र (संस्कृत) with Lyricsश्री भक्तामर स्तोत्र संस्कृत आचार्य मानतुंग कृत - Shree Bhaktamar stotram in sanskrit with lyricsश्री भक्तामर स्तोत्र संस्कृत आचार्य मानतुंग कृत - Shree Bhaktamar stotram in sanskrit with lyricsBHAKTAMAR STROTRA  आर्यिकारत्न 105  PURANMATI MATAJIBHAKTAMAR STROTRA आर्यिकारत्न 105 PURANMATI MATAJIघंटाकर्ण शक्तिशाली मंत्र  सिर्फ सुनने मात्र से ही हर समस्या का समाधान || Ghantakarana Mool Mantra ||घंटाकर्ण शक्तिशाली मंत्र सिर्फ सुनने मात्र से ही हर समस्या का समाधान || Ghantakarana Mool Mantra ||श्री भक्तामर स्तोत्र 10 मिनट में | Fast Bhaktamar Stotra in Sanskrit |  in 10 Minutes with Lyricsश्री भक्तामर स्तोत्र 10 मिनट में | Fast Bhaktamar Stotra in Sanskrit | in 10 Minutes with Lyricsसुख-शांतिदायक, संकट मोचक, बड़ा मांगलिक (विशिष्ट मंगलपाठ) : Aacharya Vimalsagarsurijiसुख-शांतिदायक, संकट मोचक, बड़ा मांगलिक (विशिष्ट मंगलपाठ) : Aacharya VimalsagarsurijiBhaktamar Stotra by Anuradha PaudwalBhaktamar Stotra by Anuradha Paudwalमगलाष्टकमगलाष्टकयह मंत्र है हर समस्या का समाधान - घंटाकर्ण महावीर मूलमंत्र - 27यह मंत्र है हर समस्या का समाधान - घंटाकर्ण महावीर मूलमंत्र - 27Uvasagharam Stotra.mpegUvasagharam Stotra.mpegBhaktamar stotra Shree bhaktamar stotra भक्तामर स्तोत्र |  Jain Powerful Stotra 🙏 Jai Aadinath DadaBhaktamar stotra Shree bhaktamar stotra भक्तामर स्तोत्र | Jain Powerful Stotra 🙏 Jai Aadinath Dadaभक्तामर स्तोत्र कब कैसे और कहां पढ़े । डॉ चारु जैनभक्तामर स्तोत्र कब कैसे और कहां पढ़े । डॉ चारु जैनश्री शान्तिनाथ चालीसा | जैन चालीसा |  Shri Shantinath Chalisaश्री शान्तिनाथ चालीसा | जैन चालीसा | Shri Shantinath Chalisa
Яндекс.Метрика