काठमांडू के जंगल में संवाद शिवपुरी बाबा की समाधि दर्शन
16 अगस्त 2020
काठमांडू भ्रमण के दौरान शिवपुरी पहाड़ी के आश्रम में सत्संग का अवसर मिला। प्रकृति ने कितना कुछ दिया है हम सबको। लेकिन हम ठाकुरजी की अनुकम्पा को महसूस नहीं कर पाते और उस आनंद में जी नहीं पाते। जीवन में दुख का कारण हम खुद होते हैं। यदि हम स्वधर्म की पहचान कर लें और उस पर अमल करें तो अंदर और बाहर आनंद ही आनंद महसूस करेंगे। सिद्ध योगी शिवपुरी बाबा पहले भारतीय सन्यासी हैं, जिन्होंने 40 वर्ष तक भ्रमण करते हुए पूरी दुनिया की परिक्रमा की और अधिकांश यात्रा पैदल तय की। 137 वर्ष की अवस्था में ब्रह्मलीन हुए। केरल में जन्मे, देश विदेश की पैदल यात्राएं की और काठमांडू के जंगल में जाकर बैठ गए। ब्रिटेन की महारानी ने उन्हें निजी तौर पर बुलाया और भारतीय योगियों के बारे में जाना। काठमांडू की यात्रा में बाबा की समाधि स्थल पर जाना हुआ। वहां बाबा के आत्मीय विष्णु तिमिल्सिना का आतिथ्य मिला। उनका परिवार ही आजकल बाबा की समाधि स्थल की देखभाल करता है।
©शैलेन्द्र सक्सेना
Видео काठमांडू के जंगल में संवाद शिवपुरी बाबा की समाधि दर्शन канала Shailendra Saxena
काठमांडू भ्रमण के दौरान शिवपुरी पहाड़ी के आश्रम में सत्संग का अवसर मिला। प्रकृति ने कितना कुछ दिया है हम सबको। लेकिन हम ठाकुरजी की अनुकम्पा को महसूस नहीं कर पाते और उस आनंद में जी नहीं पाते। जीवन में दुख का कारण हम खुद होते हैं। यदि हम स्वधर्म की पहचान कर लें और उस पर अमल करें तो अंदर और बाहर आनंद ही आनंद महसूस करेंगे। सिद्ध योगी शिवपुरी बाबा पहले भारतीय सन्यासी हैं, जिन्होंने 40 वर्ष तक भ्रमण करते हुए पूरी दुनिया की परिक्रमा की और अधिकांश यात्रा पैदल तय की। 137 वर्ष की अवस्था में ब्रह्मलीन हुए। केरल में जन्मे, देश विदेश की पैदल यात्राएं की और काठमांडू के जंगल में जाकर बैठ गए। ब्रिटेन की महारानी ने उन्हें निजी तौर पर बुलाया और भारतीय योगियों के बारे में जाना। काठमांडू की यात्रा में बाबा की समाधि स्थल पर जाना हुआ। वहां बाबा के आत्मीय विष्णु तिमिल्सिना का आतिथ्य मिला। उनका परिवार ही आजकल बाबा की समाधि स्थल की देखभाल करता है।
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