Ayurvedic use of Castor Oil Plant (अरंडी के तेल) | Acharya Balkrishna
पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी ने इस विडियो में यह बतया है की एरंड के महत्व को बताया है
यह एक बहुत ही उपयोगी और औषधि पौधा है यह पेट के रोगों के लिए , कमजोरी के लिए ,एवम त्वचागत रोगों के लिए बहुत उपयोगी हैं
यदि किसी के पैरो या घुटनों में दर्द या सुजन है तो एरंड के पत्तो को बांध लेने से दर्द में राहत मिलती है
सुजन में अरंड का प्रयोग - शरीर में कही दर्द और सुजन हो तो किसी भी दर्दनाशक तेल भी मालिश उस उस हिस्से पर करे और एरंड के पत्ते
को गर्म करके उस जगह को मालिश करने से राहत मिलती है
आँखों में किसी भी प्रकार का धुल ,मिटटी ,चली जाये तो आंख को हाथो से न मले इससे संक्रमण हो सकता है ऐसे में एरंड के तेल की 2-3
बुँदे आँखों में डालने से आँखों में से पानी निकलेगा ,जिससे धुल मिटटी बाहर निकल आयेगी इससे आँखों को कोई नुकशान नहीं होता है
एरंड के पत्तो को पीसकर आँखों में डालने से आँखों जलन या सुजन हो लुग्दी बना ले , इस लेप की पुलिस्ट्स बनाकर आँखों पर रखने से
आँखों के हर प्रकार के विकारो में फायदा होगा
जिन माताओ व बहनों को स्तन कैंसर है उनके लिए भी एरंड का पौधा बहुत ही लाभदायक है यदि स्तन कैंसर का पुनः पता चल जाये तो
स्तन कैंसर से बचा जा सकता है महिलाये खुद ही स्तन की जाँच करके पता कर सकती है की स्तन में कोई गाठ तो नहीं उभर आयी है
तो तुरंत एरंड का प्रयोग कर दे इसके पत्तो को थोडा गरम करके उस स्थान पर बांध दे यदि गांठ थोड़ी बढ़ चुकी है तो एरंड के एक पत्ते
को तोड़ कर पानी में पकाए जब 50 ग्राम शेष रह जाये तो छानकर उसका सेवन करे यदि मासिक धर्म की गड़बड़ी है तो यह भी ठीक होगी
पीलिया में एरंड का महत्व - गर्भवती स्त्री को यदि पीलिया हो जाये और प्रारम्भिक अवस्था में इसका पता चल जाये तो एरंड की 4 - 5
ग्राम पत्तियों को कुचल कर काढ़ा बनाकर पिलाये इसके अतरिक्त एरंड के पत्तो का 10 ग्राम रस सुबह -शाम पिलाने से भी पीलिया दूर होंगे
इस पौधे से लीवर ली जो परेशानी है वो ठीक हो जाती है पीलिया के प्राम्भिक अवस्था में पिलाने से पीलिया ठीक होता है
पेट दर्द में एरंड - लम्बे समय से पेट दर्द की शिकायत है तो 1 गिलास गरम पानी में 2 चम्मच एरंड का तेल व थोडा सा नींबू का रस
डालकर सेवन करे कुछ ही दिनों में पुराने से पुराना पेट दर्द ख़त्म हो जायेगा जिनको लम्बे समय से कब्ज की शिकायत है तो एरंड
का तेल निष्पद औषिधि है रत को सोते समय 2 चम्मच एरंड का तेल दूध में घोलकर सेवन करे इससे पेट साफ होता है
मोटापे में एरंड का प्रयोग -जिनके पेट में मोटापा ज्यादा है उन लोगो के लिए एरंड की जड़ ताजी मिल जाये तो इसके टुकड़े कर ले
और यदि सुखी मिले तो इसको मोटा मोटा कूट ले और इसकी 20 मात्र को 400 ग्राम पानी में उबाले जब 100 ग्राम शेष बचे तो छानकर
उसमे 2 चम्मच एरंड का तेल मिला दे प्राप्त खाली पेट और रात को सोते समय इसका सेवन करने से पेट की चर्बी समाप्त हो जयेगी
यदि दस्त की शिकायत हो तो एरंड के तेल मात्र कम कर दे जिनका पेट साफ होंने लगे वो एरंड के तेल की मात्र कम कर दे
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यह एक बहुत ही उपयोगी और औषधि पौधा है यह पेट के रोगों के लिए , कमजोरी के लिए ,एवम त्वचागत रोगों के लिए बहुत उपयोगी हैं
यदि किसी के पैरो या घुटनों में दर्द या सुजन है तो एरंड के पत्तो को बांध लेने से दर्द में राहत मिलती है
सुजन में अरंड का प्रयोग - शरीर में कही दर्द और सुजन हो तो किसी भी दर्दनाशक तेल भी मालिश उस उस हिस्से पर करे और एरंड के पत्ते
को गर्म करके उस जगह को मालिश करने से राहत मिलती है
आँखों में किसी भी प्रकार का धुल ,मिटटी ,चली जाये तो आंख को हाथो से न मले इससे संक्रमण हो सकता है ऐसे में एरंड के तेल की 2-3
बुँदे आँखों में डालने से आँखों में से पानी निकलेगा ,जिससे धुल मिटटी बाहर निकल आयेगी इससे आँखों को कोई नुकशान नहीं होता है
एरंड के पत्तो को पीसकर आँखों में डालने से आँखों जलन या सुजन हो लुग्दी बना ले , इस लेप की पुलिस्ट्स बनाकर आँखों पर रखने से
आँखों के हर प्रकार के विकारो में फायदा होगा
जिन माताओ व बहनों को स्तन कैंसर है उनके लिए भी एरंड का पौधा बहुत ही लाभदायक है यदि स्तन कैंसर का पुनः पता चल जाये तो
स्तन कैंसर से बचा जा सकता है महिलाये खुद ही स्तन की जाँच करके पता कर सकती है की स्तन में कोई गाठ तो नहीं उभर आयी है
तो तुरंत एरंड का प्रयोग कर दे इसके पत्तो को थोडा गरम करके उस स्थान पर बांध दे यदि गांठ थोड़ी बढ़ चुकी है तो एरंड के एक पत्ते
को तोड़ कर पानी में पकाए जब 50 ग्राम शेष रह जाये तो छानकर उसका सेवन करे यदि मासिक धर्म की गड़बड़ी है तो यह भी ठीक होगी
पीलिया में एरंड का महत्व - गर्भवती स्त्री को यदि पीलिया हो जाये और प्रारम्भिक अवस्था में इसका पता चल जाये तो एरंड की 4 - 5
ग्राम पत्तियों को कुचल कर काढ़ा बनाकर पिलाये इसके अतरिक्त एरंड के पत्तो का 10 ग्राम रस सुबह -शाम पिलाने से भी पीलिया दूर होंगे
इस पौधे से लीवर ली जो परेशानी है वो ठीक हो जाती है पीलिया के प्राम्भिक अवस्था में पिलाने से पीलिया ठीक होता है
पेट दर्द में एरंड - लम्बे समय से पेट दर्द की शिकायत है तो 1 गिलास गरम पानी में 2 चम्मच एरंड का तेल व थोडा सा नींबू का रस
डालकर सेवन करे कुछ ही दिनों में पुराने से पुराना पेट दर्द ख़त्म हो जायेगा जिनको लम्बे समय से कब्ज की शिकायत है तो एरंड
का तेल निष्पद औषिधि है रत को सोते समय 2 चम्मच एरंड का तेल दूध में घोलकर सेवन करे इससे पेट साफ होता है
मोटापे में एरंड का प्रयोग -जिनके पेट में मोटापा ज्यादा है उन लोगो के लिए एरंड की जड़ ताजी मिल जाये तो इसके टुकड़े कर ले
और यदि सुखी मिले तो इसको मोटा मोटा कूट ले और इसकी 20 मात्र को 400 ग्राम पानी में उबाले जब 100 ग्राम शेष बचे तो छानकर
उसमे 2 चम्मच एरंड का तेल मिला दे प्राप्त खाली पेट और रात को सोते समय इसका सेवन करने से पेट की चर्बी समाप्त हो जयेगी
यदि दस्त की शिकायत हो तो एरंड के तेल मात्र कम कर दे जिनका पेट साफ होंने लगे वो एरंड के तेल की मात्र कम कर दे
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