नींव पूजन की सही विधि और सामग्री, जानें यहाँ | भूमि पूजन | #bhumipujan #vastushastra #foundation
घर बनाने से पहले ज़रूरी है की नीव मज़बूत बने तभी घर मज़बूत बन पाएगा | इसलिए घर बनाने से पहले हिन्दू धरम में नींव पूजा को बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है | लेकिन इसके लिए सही विधि का पता होना बहुत ज़रूरी है | आज के इस वीडियो में ज्योतिषाचार्य अजय द्विवेदी जी से जानें नींव पूजन की सही विधि और सामग्री |
निव पूजन में आवश्यक वस्तुएं
कलश – जल से भरा हुआ कलश देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त करने के लिए रखा जाता है।
नारियल – शुभता और समृद्धि का प्रतीक होता है।
हल्दी, कुंकुम और चावल – यह शुद्धता और मंगलकारी कार्यों के लिए आवश्यक होते हैं।
पंचामृत – दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से बना यह मिश्रण देवताओं को अर्पित किया जाता है।
गंगाजल – पवित्रता के लिए भूमि शुद्धि हेतु प्रयोग किया जाता है।
सुपारी और पान के पत्ते – देवताओं को अर्पण किए जाते हैं।
धूप, दीप और कपूर – पूजन के दौरान वातावरण को पवित्र और सुगंधित बनाने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
गाय का गोबर और मिट्टी – भूमि पूजन में विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है।
लाल और पीला कपड़ा – मूर्तियों और पूजन सामग्री को रखने के लिए उपयोग किया जाता है।
स्वस्तिक और ओम का चित्रण – शुभता और सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए बनाए जाते हैं।
सात प्रकार के अनाज और नवग्रह धातु – यह वास्तु दोष निवारण और समृद्धि के लिए भूमि में दबाए जाते हैं।
फूल और माला – देवी-देवताओं की पूजा के लिए आवश्यक होते हैं।
शंख और घंटी – पूजन के दौरान शुभ ध्वनि उत्पन्न करने के लिए।
सिंदूर और मौली (कलावा) – पूजन के दौरान शुभ प्रतीक के रूप में प्रयोग किए जाते हैं।
श्री यंत्र और वास्तु यंत्र – घर की सुख-समृद्धि के लिए भूमि में स्थापित किए जाते हैं।
इन सभी वस्तुओं का सही विधि से प्रयोग करने से निव पूजन सफल और मंगलकारी माना जाता है।
Видео नींव पूजन की सही विधि और सामग्री, जानें यहाँ | भूमि पूजन | #bhumipujan #vastushastra #foundation канала Er Gopal Sharma
निव पूजन में आवश्यक वस्तुएं
कलश – जल से भरा हुआ कलश देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त करने के लिए रखा जाता है।
नारियल – शुभता और समृद्धि का प्रतीक होता है।
हल्दी, कुंकुम और चावल – यह शुद्धता और मंगलकारी कार्यों के लिए आवश्यक होते हैं।
पंचामृत – दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से बना यह मिश्रण देवताओं को अर्पित किया जाता है।
गंगाजल – पवित्रता के लिए भूमि शुद्धि हेतु प्रयोग किया जाता है।
सुपारी और पान के पत्ते – देवताओं को अर्पण किए जाते हैं।
धूप, दीप और कपूर – पूजन के दौरान वातावरण को पवित्र और सुगंधित बनाने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
गाय का गोबर और मिट्टी – भूमि पूजन में विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है।
लाल और पीला कपड़ा – मूर्तियों और पूजन सामग्री को रखने के लिए उपयोग किया जाता है।
स्वस्तिक और ओम का चित्रण – शुभता और सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए बनाए जाते हैं।
सात प्रकार के अनाज और नवग्रह धातु – यह वास्तु दोष निवारण और समृद्धि के लिए भूमि में दबाए जाते हैं।
फूल और माला – देवी-देवताओं की पूजा के लिए आवश्यक होते हैं।
शंख और घंटी – पूजन के दौरान शुभ ध्वनि उत्पन्न करने के लिए।
सिंदूर और मौली (कलावा) – पूजन के दौरान शुभ प्रतीक के रूप में प्रयोग किए जाते हैं।
श्री यंत्र और वास्तु यंत्र – घर की सुख-समृद्धि के लिए भूमि में स्थापित किए जाते हैं।
इन सभी वस्तुओं का सही विधि से प्रयोग करने से निव पूजन सफल और मंगलकारी माना जाता है।
Видео नींव पूजन की सही विधि और सामग्री, जानें यहाँ | भूमि पूजन | #bhumipujan #vastushastra #foundation канала Er Gopal Sharma
Комментарии отсутствуют
Информация о видео
30 марта 2025 г. 17:34:25
00:03:04
Другие видео канала




















