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90% हिन्दुओं को शिवलिंग का असली मतलब नहीं पता | गलत जानकारी को सही मान बैठे हैं |Meaning Of Shivling

”शिवलिंग”’क्या है ?

शून्य, आकाश, अनन्त, ब्रह्मांड और निराकार परमपुरुष का प्रतीक होने से इसे लिंग कहा गया है। स्कन्दपुराण में कहा है कि आकाश स्वयं लिंग है। शिवलिंग वातावरण सहित घूमती धरती तथा सारे अनन्त ब्रह्मांड (क्योंकि, ब्रह्मांड गतिमान है) का अक्ष/धुरी ही लिंग है।
 

शिव लिंग का अर्थ अनन्त भी होता है अर्थात जिसका कोई अन्त नहीं है न ही शुरुआत।
शिवलिंग का अर्थ लिंग या योनि नहीं होता ..दरअसल ये गलतफहमी भाषा के रूपांतरण और भ्रमित लोगों द्वारा हमारे पुरातन धर्म ग्रंथों को नष्ट कर दिए जाने तथा अंग्रेजों द्वारा इसकी व्याख्या से उत्पन्न हुआ है।
क्या आपने कभी ये सोचा कि जिस शिवलिंग की आप पूजा करते हैं, दरअसल उसका भी अपना एक विज्ञान है. शिवलिंग के तीन हिस्से होते हैं. पहला हिस्सा जो नीचे चारों ओर भूमिगत रहता है. मध्य भाग में आठों ओर एक समान सतह बनी होती है. अंत में इसका शीर्ष भाग, जो कि अंडाकार होता है जिसकी पूजा की जाती है. इस शिवलिंग की ऊंचाई संपूर्ण मंडल या परिधि की एक तिहाई होती है

ये तीन भाग ब्रह्मा (नीचे), विष्णु (मध्य) और शिव (शीर्ष) का प्रतीक हैं. शीर्ष पर जल डाला जाता है, जो नीचे बैठक से बहते हुए बनाए एक मार्ग से निकल जाता है. शिव के माथे पर तीन रेखाएं (त्रिपुंड) और एक बिंदू होता है, ये रेखाएं शिवलिंग पर समान रूप से अंकित होती हैं.

सभी शिव मंदिरों के गर्भगृह में गोलाकार आधार के बीच रखा गया एक घुमावदार और अंडाकार शिवलिंग के रूप में नजर आता है. प्राचीन ऋषि और मुनियों द्वारा ब्रह्मांड के वैज्ञानिक रहस्य को समझकर इस सत्य को प्रकट करने के लिए विविध रूप में इसका स्पष्टीकरण दिया गया है.

Видео 90% हिन्दुओं को शिवलिंग का असली मतलब नहीं पता | गलत जानकारी को सही मान बैठे हैं |Meaning Of Shivling канала Asmi Jindal
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25 июня 2022 г. 6:15:01
00:03:52
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