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दुर्गा सप्तशती के तीसरे अध्याय का पाठ करने से शत्रुओं से छुटकारा मिलता है व मुकदमे मेंजीत मिलती है.

दुर्गा सप्तशती के तीसरे अध्याय का पाठ करने से शत्रुओं से छुटकारा व शत्रुओं और मुकदमे में जीत मिलती है. दुर्गा सप्तशती पाठ तीसरा अध्याय |
Navratri Katha Day 3 | Durga Saptashati Patha | Tisara Adhayay | Chautha Adhyay | दुर्गा सप्तशती पाठ चौथा अध्याय

देवीमाहात्म्यम् (अर्थ: देवी का महात्म्य) हिन्दुओं का एक धार्मिक ग्रन्थ है जिसमें देवी दुर्गा की महिषासुर नामक राक्षस के ऊपर विजय का वर्णन है। यह मार्कण्डेय पुराण का अंश है। इसमें ७०० श्लोक होने के कारण इसे 'दुर्गा सप्तशती' भी कहते हैं। इसमें सृष्टि की प्रतीकात्मक व्याख्या की गई है। जगत की सम्पूर्ण शक्तियों के दो रूप माने गये है - संचित और क्रियात्मक। नवरात्री में दुर्गा सप्तशती के सभी अध्याय अवश्य पढ़ना या सुनना चाहिए | इसीलिए मै आपके दुर्गा सप्तशती का तीसरा और चौथा अध्याय लेकर आया हूँ | तो चलिए सुनते हैं दुर्गा सप्तशती का तीसरा और चौथा अध्याय |

The Devi Mahatmya or Devi Mahatmyam is a Hindu philosophical text describing the Goddess as the supreme power and creator of the universe. It is part of the Markandeya Purana, and estimated to have been composed in Sanskrit between 400 and 600 CE. Devi Mahatmyam is also known as the Durgā Saptashatī or Shri Chandi. One must read or listen to all the chapters of Durga Saptashati during Navratri. That is why I have brought the third and fouth chapter of your Durga Saptashati. So let's hear the third and fouth chapter of Durga Saptashati.

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Видео दुर्गा सप्तशती के तीसरे अध्याय का पाठ करने से शत्रुओं से छुटकारा मिलता है व मुकदमे मेंजीत मिलती है. канала Sadhna Sagar
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