Mathania village jodhpur | अमरावत (बारहठ) शाखा के चारण सिरदारो का ठिकाना मथानिया (जोधपुर) #चारण
• मेहरान गढ़ की नीव देने के बाद श्रीकरणीजी ज्येष्ठ शुक्ल 13 को मथाणियाँ जागीर के स्वामी अमरा बारहठ के अनुरोध पर मथाणियाँ पधारे।
• मथानिया मे आकर देवी करणी जी ने अमराजी बारहठ को वरदान दिया भाई अमरा तेरी संताने बहुत फलेंगी फूलेंगी एवं देवी करणी के आदेश पर मथानिया जागीर के ताम्रपत्र को अपने हाथ से मंदिर की नींव में रखा और कहा यहां मेरी चरण पादुका की ही पूजा करना •
• देवी करणी ने मथानिया ग्राम को वरदान दिया की 1 - मंथाणियां गांव में औऴावृष्टि से कभी भी गेहूं की फसल खराब नहीं होगी 2 - आगजनी ऐक घर से दूसरे घर कभी भी नहीं होगी एवं 3 - मथानिया मे महामारी का प्रकोप भी कभी नहीं होगा •
• मथानिया के वीरवर चारण जोगीदास बारहठ ने अपने दो साथियो के साथ मिलकर मीर बीजड़ टालपुरिया को मारा और वीरगति को प्राप्त हुए
• वि.सं 1837 ( 1780 ईस्वी) में उमरकोट (सिंध) के टालपुरों ने मारवाड़ की सरहद पर उपद्रव किया और पौकरण आदि पर अधिकार करने का इरादा करने लगे।
• जोधपुर महाराजा विजय सिंह ने मांडणोत हरनाथसिंह, पातावत मोहकमसिंह, चारण जोगीदास बारहठ को अपना प्रतिनिधि बनाकर कनचौबारी (सिंध) भेजा
• वहाँ जाकर मामला सुलझता हुआ नहीं देखा, तब इनमें से पहले तीन पुरुषों ने मिल कर उनके सरदार मीर बीजड़ टालपुरिया को मार डाला।
• टालपुरिया के अनुचरों ने ईन तीनों को मार अपने स्वामी का बदला लिया। इसकी सूचना मिलने पर महाराज विजयसिंह ने इन तीनों के पुत्रों को क्रमशः अलाय, करणू और रिनिया नामक गांव जागीर में दिए ।
• ठिकाना पाल री ख्यात मे इतिहासकार विक्रमसिंह भाटी लिखते है - उमरकोट सिंध के टालपुरों ने मारवाड़ की सरहद पर उप-द्रव उठाया। इस पर महाराजा विजय सिंह ने पातावत मोहकमसिंह, मांडणोत हरनाथसिंह और बारहठ जोगीदास को अपने प्रतिनिधि बना कर उनके पास चोबारी भेजा। जब बात सुलझती हुई नहीं दिखी तो तीनों ने मिलकर उनके सरदार बीजड़ को धोके से मार डाला परन्तु बीजड़ के सेवकों ने इन तीनों को भी वहीं मार डाला। इसकी सुचना मिलने पर तीनो के पुत्रों को एक -एक गांव जागीर मे दिया गया
• मथानिया के वीरवर गिरधरदास बारहठ महाराजा विजयसिंह के शाशनकाल मे 1790/91 के मेड़ता युद्ध मे महादयजी सिंधीया की मराठी सेना विरुद्ध वीरगति को प्राप्त हुए
• 1790/91 के इस युद्ध मे- गिरधरदास बारहठ (मथानिया), दलपत बारहठ (इंदौकली), विजयकरण बारहठ (इंदौकली), पदम् दधवाडिया (बलूंदा) इत्यादि चारण वीर मराठो के विरुद्ध काम आये
• मरुधर गांव मथानिया मे संकलनकर्ता देवकृष्ण डागा लिखते है - मथानिया के जालवाला वास के रणजीतदान बारहठ ने जोधपुर महाराजा की चुनौती स्वीकार कर मदमस्त हाथी को परास्त कर दिया इस वीरता के फलस्वरूप महाराजा के कहने पर भी कोई जागीर स्वीकार नहीं की एवं हास्य विनोद करते हुए मात्र मुँह मीठा करने के लिए मिठाई मे संतोष किया
• रियासतकालीन वकील ठाकुर प्रभुदान बारहठ ने मथानिया मे भव्य हवेली का निर्माण करवाया
• मथानिया मे रेल्वे लाइन के दायीं ओर,चारण महासती दधवाडण जी की छतरी है जो अपने पुत्र के साथ सती हुई जिस पर एक खण्डित देवली, जिसकी गोद में पुरुष / पुत्र है।
महासती दधवाडणजी। भीमजी पुत्र बारहठ बगसा रतनसिंहोत, पुतली पधराई। बारठ पुनरदान ।
देवली पर उत्कर्ण लेख - "वि.सं. 1775 काती सद 7 वार सूरज. महासती दधवाडणजी भिमजी पुत्र बारहठ वगसा रतनसिंहोज पुतली पदराई बारठ पुनरदान।
• मथानिया के शमशान मे गायों की रक्षार्थ वीरगति को प्राप्त चारण योद्धा की अश्व पर सवार देवली है साथ मे इनकी सती हुई पत्नी की छवि उत्तकीर्ण है उक्त योद्धा अपने 3 भाइयों के साथ वीरगति को प्राप्त हुए ( सोर्स - देवली एवं मौखिक वार्ता )
• मथानिया के उगणवास के करणी भक्त हुए जिनकी भक्ति पर प्रश्न चिन्ह लगाने पर सती हुए चबूतरा शमशान मे स्थित है ( सोर्स - चबूतरा एवं मौखिक वार्ता)
• करणी माता मंदिर के पीछे अगुना बास मे 6 स्तम्भ पर ख़डी एक चारण योद्धा की छतरी है जिसकी देवली पर योद्धा अश्व पर सवार है ( सोर्स - छतरी एवं मौखिक वार्ता )
• रामदेव मंदिर के पास मेहराजोत के बास मे चारण कृपादान बारहठ की छतरी है इनके साथ इनकी पत्नी (ठि- उजला ) 1818 मे सती हुए ( सोर्स - छतरी & मौखिक वार्ता)
• ऐसी गौरवशाली जागीर मे स्थित चारण सती माता एवं चारण योद्धा की छतरीयो की वर्तमान मे दयनीय स्थिति है आशा करता हु जल्द ही समस्त अमरावत बारहठ परिवार उक्त धरोहर को पुनः संजो कर न्याय करेंगे
दिग्विजयसिंह (दुर्गाखेड़ा)
सहयोगी-निखिल सा (बिराई)
सहयोगी- कुलदीप सा (मथानिया)
संदर्भ -
• वीर विनोद By श्यामळदास दधवाडिया
• मारवाड़ का इतिहास By विश्वश्वरनाथ रेउ
• ठिकाना पाल री ख्यात By विक्रमसिंह भाटी
• करणी माता का इतिहास By डॉ नरसा आढ़ा
• varda vol - 44
• राजस्थान के अभिलेख भाग -2 By गोविन्दलाल श्रीमाली
• मरुधर गांव मथानिया, संकलन By देवकृष्ण डागा
• डॉ लक्ष्मणसिंह गड़ा का लेख
#चारण #मथानिया #history #amravat #royal_charan
Видео Mathania village jodhpur | अमरावत (बारहठ) शाखा के चारण सिरदारो का ठिकाना मथानिया (जोधपुर) #चारण канала Royalty_of_charan
• मथानिया मे आकर देवी करणी जी ने अमराजी बारहठ को वरदान दिया भाई अमरा तेरी संताने बहुत फलेंगी फूलेंगी एवं देवी करणी के आदेश पर मथानिया जागीर के ताम्रपत्र को अपने हाथ से मंदिर की नींव में रखा और कहा यहां मेरी चरण पादुका की ही पूजा करना •
• देवी करणी ने मथानिया ग्राम को वरदान दिया की 1 - मंथाणियां गांव में औऴावृष्टि से कभी भी गेहूं की फसल खराब नहीं होगी 2 - आगजनी ऐक घर से दूसरे घर कभी भी नहीं होगी एवं 3 - मथानिया मे महामारी का प्रकोप भी कभी नहीं होगा •
• मथानिया के वीरवर चारण जोगीदास बारहठ ने अपने दो साथियो के साथ मिलकर मीर बीजड़ टालपुरिया को मारा और वीरगति को प्राप्त हुए
• वि.सं 1837 ( 1780 ईस्वी) में उमरकोट (सिंध) के टालपुरों ने मारवाड़ की सरहद पर उपद्रव किया और पौकरण आदि पर अधिकार करने का इरादा करने लगे।
• जोधपुर महाराजा विजय सिंह ने मांडणोत हरनाथसिंह, पातावत मोहकमसिंह, चारण जोगीदास बारहठ को अपना प्रतिनिधि बनाकर कनचौबारी (सिंध) भेजा
• वहाँ जाकर मामला सुलझता हुआ नहीं देखा, तब इनमें से पहले तीन पुरुषों ने मिल कर उनके सरदार मीर बीजड़ टालपुरिया को मार डाला।
• टालपुरिया के अनुचरों ने ईन तीनों को मार अपने स्वामी का बदला लिया। इसकी सूचना मिलने पर महाराज विजयसिंह ने इन तीनों के पुत्रों को क्रमशः अलाय, करणू और रिनिया नामक गांव जागीर में दिए ।
• ठिकाना पाल री ख्यात मे इतिहासकार विक्रमसिंह भाटी लिखते है - उमरकोट सिंध के टालपुरों ने मारवाड़ की सरहद पर उप-द्रव उठाया। इस पर महाराजा विजय सिंह ने पातावत मोहकमसिंह, मांडणोत हरनाथसिंह और बारहठ जोगीदास को अपने प्रतिनिधि बना कर उनके पास चोबारी भेजा। जब बात सुलझती हुई नहीं दिखी तो तीनों ने मिलकर उनके सरदार बीजड़ को धोके से मार डाला परन्तु बीजड़ के सेवकों ने इन तीनों को भी वहीं मार डाला। इसकी सुचना मिलने पर तीनो के पुत्रों को एक -एक गांव जागीर मे दिया गया
• मथानिया के वीरवर गिरधरदास बारहठ महाराजा विजयसिंह के शाशनकाल मे 1790/91 के मेड़ता युद्ध मे महादयजी सिंधीया की मराठी सेना विरुद्ध वीरगति को प्राप्त हुए
• 1790/91 के इस युद्ध मे- गिरधरदास बारहठ (मथानिया), दलपत बारहठ (इंदौकली), विजयकरण बारहठ (इंदौकली), पदम् दधवाडिया (बलूंदा) इत्यादि चारण वीर मराठो के विरुद्ध काम आये
• मरुधर गांव मथानिया मे संकलनकर्ता देवकृष्ण डागा लिखते है - मथानिया के जालवाला वास के रणजीतदान बारहठ ने जोधपुर महाराजा की चुनौती स्वीकार कर मदमस्त हाथी को परास्त कर दिया इस वीरता के फलस्वरूप महाराजा के कहने पर भी कोई जागीर स्वीकार नहीं की एवं हास्य विनोद करते हुए मात्र मुँह मीठा करने के लिए मिठाई मे संतोष किया
• रियासतकालीन वकील ठाकुर प्रभुदान बारहठ ने मथानिया मे भव्य हवेली का निर्माण करवाया
• मथानिया मे रेल्वे लाइन के दायीं ओर,चारण महासती दधवाडण जी की छतरी है जो अपने पुत्र के साथ सती हुई जिस पर एक खण्डित देवली, जिसकी गोद में पुरुष / पुत्र है।
महासती दधवाडणजी। भीमजी पुत्र बारहठ बगसा रतनसिंहोत, पुतली पधराई। बारठ पुनरदान ।
देवली पर उत्कर्ण लेख - "वि.सं. 1775 काती सद 7 वार सूरज. महासती दधवाडणजी भिमजी पुत्र बारहठ वगसा रतनसिंहोज पुतली पदराई बारठ पुनरदान।
• मथानिया के शमशान मे गायों की रक्षार्थ वीरगति को प्राप्त चारण योद्धा की अश्व पर सवार देवली है साथ मे इनकी सती हुई पत्नी की छवि उत्तकीर्ण है उक्त योद्धा अपने 3 भाइयों के साथ वीरगति को प्राप्त हुए ( सोर्स - देवली एवं मौखिक वार्ता )
• मथानिया के उगणवास के करणी भक्त हुए जिनकी भक्ति पर प्रश्न चिन्ह लगाने पर सती हुए चबूतरा शमशान मे स्थित है ( सोर्स - चबूतरा एवं मौखिक वार्ता)
• करणी माता मंदिर के पीछे अगुना बास मे 6 स्तम्भ पर ख़डी एक चारण योद्धा की छतरी है जिसकी देवली पर योद्धा अश्व पर सवार है ( सोर्स - छतरी एवं मौखिक वार्ता )
• रामदेव मंदिर के पास मेहराजोत के बास मे चारण कृपादान बारहठ की छतरी है इनके साथ इनकी पत्नी (ठि- उजला ) 1818 मे सती हुए ( सोर्स - छतरी & मौखिक वार्ता)
• ऐसी गौरवशाली जागीर मे स्थित चारण सती माता एवं चारण योद्धा की छतरीयो की वर्तमान मे दयनीय स्थिति है आशा करता हु जल्द ही समस्त अमरावत बारहठ परिवार उक्त धरोहर को पुनः संजो कर न्याय करेंगे
दिग्विजयसिंह (दुर्गाखेड़ा)
सहयोगी-निखिल सा (बिराई)
सहयोगी- कुलदीप सा (मथानिया)
संदर्भ -
• वीर विनोद By श्यामळदास दधवाडिया
• मारवाड़ का इतिहास By विश्वश्वरनाथ रेउ
• ठिकाना पाल री ख्यात By विक्रमसिंह भाटी
• करणी माता का इतिहास By डॉ नरसा आढ़ा
• varda vol - 44
• राजस्थान के अभिलेख भाग -2 By गोविन्दलाल श्रीमाली
• मरुधर गांव मथानिया, संकलन By देवकृष्ण डागा
• डॉ लक्ष्मणसिंह गड़ा का लेख
#चारण #मथानिया #history #amravat #royal_charan
Видео Mathania village jodhpur | अमरावत (बारहठ) शाखा के चारण सिरदारो का ठिकाना मथानिया (जोधपुर) #चारण канала Royalty_of_charan
Комментарии отсутствуют
Информация о видео
19 апреля 2025 г. 7:44:34
00:00:58
Другие видео канала