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हिन्दी साहित्य का इतिहास भाग - 2 | श्री गणेश पटले

**हिन्दी साहित्य का इतिहास**
इस वीडियो में हम हिन्दी साहित्य के इतिहास की संपूर्ण यात्रा पर चर्चा करेंगे। हिन्दी साहित्य का आरम्भ लगभग आठवीं शताब्दी से माना जाता है, जब देश में छोटे-छोटे शासन केन्द्र स्थापित हो रहे थे और लोकभाषाओं में साहित्य की रचनाएँ होने लगीं। हिन्दी साहित्य की जड़ें वैदिक काल की संस्कृत भाषा से जुड़ी हैं, और इसका विकास प्राकृत, अपभ्रंश से होते हुए आधुनिक हिन्दी तक हुआ है।

इस इतिहास में हम आदिकाल (वीरगाथा काल), भक्ति काल (पूर्व मध्यकाल), रीति काल (उत्तर मध्यकाल) और आधुनिक काल (गद्यकाल) के प्रमुख साहित्यिक प्रवृत्तियों और कवियों पर प्रकाश डालेंगे। साथ ही, आचार्य रामचन्द्र शुक्ल द्वारा रचित 'हिन्दी साहित्य का इतिहास' की भूमिका और महत्व को भी समझेंगे, जिसे हिन्दी साहित्य का सबसे प्रामाणिक और व्यवस्थित इतिहास माना जाता है।

वीडियो में हम हिन्दी साहित्य के प्रारंभिक लोकभाषा काव्य, भक्ति आंदोलन के कवि जैसे कबीर, तुलसीदास, और आधुनिक काल के गद्य साहित्य की भी चर्चा करेंगे। इसके अलावा, हिन्दी भाषा के विकास, लिपि के इतिहास, और साहित्य के विभिन्न रूपों जैसे गद्य, पद्य और चम्पू का भी परिचय मिलेगा।

**इस वीडियो को देखें और जानें हिन्दी साहित्य के समृद्ध इतिहास और इसकी विविधता के बारे में।**

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