Загрузка страницы

गोचर से फलादेश,6 विधियाँ जिनके बिना फलादेश संभव नहीं, PREDICTION THROUGH TRANSITS,

Join this channel to get access to perks:
https://www.youtube.com/channel/UC3iTrTGxU1tc3ZvJ8vlCl7A/join

गोचर से फलादेश की सभी 6 विधियाँ जिनको जानें बिना फलादेश संभव नहीं, PREDICTION THROUGH TRANSITS,
Contact for astrology course
Contact Us:- 7800771770,
आजकल हमारे विडियो बहुत से लोग कॉपी कर रहे है ऐसे लोगो से सावधान रहें,हमारी तरफ से सिर्फ उन्ही को कॉल जाता है जिनकी अपॉइंटमेंट बुक रहती है या जिनकी पूजा की बुकिंग होती है या स्टोन का आर्डर रहता है,
Contact Us:- 7800771770
website:- www.nakshtratak.com
गोचर का अर्थ होता है गमन यानी चलना. गो अर्थात तारा जिसे आप नक्षत्र या ग्रह के रूप में समझ सकते हैं और चर का मतलब होता है चलना. इस तरह गोचर का सम्पूर्ण अर्थ निकलता है ग्रहों का चलना. ज्योतिष की दृष्टि में सूर्य से लेकर राहु केतु तक सभी ग्रहों की अपनी गति है। अपनी-अपनी गति के अनुसार ही सभी ग्रह राशिचक्र में गमन करने में अलग-अलग समय लेते हैं। नवग्रहों में चन्द्र का गोचर सबसे कम अवधि का होता है क्योंकि इसकी गति तेज है। जबकि, शनि की गति मंद होने के कारण शनि का गोचर सबसे अधिक समय का होता है।

गोचर से फल ज्ञात करना:-
ग्रह विभिन्न राशियों में भ्रमण करते हैं। ग्रहों के भ्रमण का जो प्रभाव राशियों पर पड़ता है उसे गोचर का फल या गोचर फल कहते हैं। गोचर फल ज्ञात करने के लिए एक सामान्य नियम यह है कि जिस राशि में जन्म समय चन्द्र हो यानी आपकी अपनी जन्म राशि को पहला घर मान लेना चाहिए उसके बाद क्रमानुसार राशियों को बैठाकर कुण्डली तैयार कर लेनी चाहिए. इस कुण्डली में जिस दिन का फल देखना हो उस दिन ग्रह जिस राशि में हों उस अनुरूप ग्रहों को बैठा देना चाहिए. इसके पश्चात ग्रहों की दृष्टि एवं युति के आधार पर उस दिन का गोचर फल ज्ञात किया जा सकता है।
ग्रहों का राशियों में भ्रमण काल-
सूर्य, शुक्र, बुध का भ्रमण काल 1 माह, चंद्र का सवा दो दिन, मंगल का 57 दिन, गुरू का 1 वर्ष, राहु-केतु का 1-1/2 (डेढ़ वर्ष) व शनि का भ्रमण का - 2-1/2 (ढ़ाई वर्ष) होता है

जब हमें भाव का प्रभाव देखना है तो हमेशा लग्‍न से गोचर देखें। जैसे अगर आपकी सिंह लग्‍न और कन्‍या राशि हो और शनि तुला में हो तो तीसरे भाव का फल ज्‍यादा मिलेगा क्‍योंकि शनि लग्‍न से तीसरे भाव में है।
अगर यह देखना है कि शुभ फल मिलेगा कि अशुभ तो चंद्र से देखें। सामान्‍य तौर पर पाप ग्रह और चंद्र खुद जन्‍म चंद्र से उपाच्‍य भावों में सबसे बढिया फल देते हैं। सभी ग्रहो की चंद्र से गोचर करने पर शुभ और अशुभ स्थिति ब्‍लैक बोर्ड पर देखें और नोट कर लें।
सूर्य, मंगल, गुरु और शनि का चंद्र से 12 वें भाव पर, आठवें भाव पर और पहले भाव पर गोचर विशेषकर अशुभ होता है। चंद्र से 12वें, पहले और दूसरे भाव में शनि के गोचर को साढे साती कहा जाता है।
ग्रह न सिर्फ उन भावों का फल देते हैं जहां वे लग्‍न से बैठे होते हैं बल्कि उन भावों का भी फल देते हैं जिन जिन भावों को वे देखते हैं।
अगर कोई ग्रह उस राशि में गोचर करे जिसमें वह जन्‍म कुण्‍डली में हो तो अपने फल को बढा देता है।
दशा गोचर से ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण होती है। अगर किसी फल के बारे में दशा न बताए तो सिर्फ गोचर से फल नहीं मिल सकता। इसलिए बिना दशा देखे सिर्फ गोचर देखकर कभी भविष्‍यवाणि नहीं करनी चाहिए।
अगर दशा प्रारम्‍भ होने के समय गोचर बढिया न हो तो दशा से शुभ फल नहीं मिलता।

Видео गोचर से फलादेश,6 विधियाँ जिनके बिना फलादेश संभव नहीं, PREDICTION THROUGH TRANSITS, канала नक्षत्र तक
Показать
Комментарии отсутствуют
Введите заголовок:

Введите адрес ссылки:

Введите адрес видео с YouTube:

Зарегистрируйтесь или войдите с
Информация о видео
23 мая 2024 г. 13:45:05
00:51:42
Другие видео канала
वृश्चिक राशि 2019 Scorpion in 2019वृश्चिक राशि 2019 Scorpion in 2019नक्षत्र तक Live Stream,  जन्म कुंडली की व्याख्या,नक्षत्र तक Live Stream, जन्म कुंडली की व्याख्या,कुण्डली विश्लेषणकुण्डली विश्लेषणSUPPLEMENTARY LESSON  FOR BASICSSUPPLEMENTARY LESSON FOR BASICSAstrology Course Announcement, Register now,Astrology Course In Hindi,Astrology Course Announcement, Register now,Astrology Course In Hindi,कुंडली विश्लेष्ण कार्यक्रम.horoscope analysisकुंडली विश्लेष्ण कार्यक्रम.horoscope analysisअक्षवेदांश कुण्डली व अष्टक वर्ग का अनूठा प्रयोग जाना क्या,ग्रह बल व भाव बल रहस्य,अक्षवेदांश कुण्डली व अष्टक वर्ग का अनूठा प्रयोग जाना क्या,ग्रह बल व भाव बल रहस्य,महार्षि जैमिनी के 16 ज्योतिषीय  सूत्र, इतना ऊँचा करियर की लोग सर उठा कर देखेंगे,महार्षि जैमिनी के 16 ज्योतिषीय सूत्र, इतना ऊँचा करियर की लोग सर उठा कर देखेंगे,FOREIGN SETTLEMENT YOG IN HOROSCOPE,FOREIGN SETTLEMENT YOG IN HOROSCOPE,चंद्र ग्रह से क्या क्या विचार करें,full description of moon,चंद्र ग्रह से क्या क्या विचार करें,full description of moon,मेष लग्न में चन्द्र का सभी भावो में राशी अनुसार सटीक फलादेश,मेष लग्न में चन्द्र का सभी भावो में राशी अनुसार सटीक फलादेश,कुंडली के किस भाव को देख रहा है आपका चन्द्र, चन्द्र से जुडी परेशानियाँ और उपाय,कुंडली के किस भाव को देख रहा है आपका चन्द्र, चन्द्र से जुडी परेशानियाँ और उपाय,कुंडली विश्लेष्ण एपिसोडकुंडली विश्लेष्ण एपिसोडमंगला महादशा में फलित, योगिनी दशा से फलित,मंगला महादशा में फलित, योगिनी दशा से फलित,supplementry lesson 3supplementry lesson 3ZOOM LIVE ASTROLOGY CLASS FOR SUPPLEMENTRY LESSON 4ZOOM LIVE ASTROLOGY CLASS FOR SUPPLEMENTRY LESSON 4लाभ नवमांश का गूढ़ विश्लेषण,लाभ या हानि किस माध्यम से होगी,लाभ नवमांश का गूढ़ विश्लेषण,लाभ या हानि किस माध्यम से होगी,अशुभ ग्रह शांति हेतु दान और जप मंत्र, संकल्प संख्या विधि सब कुछ जानें,अशुभ ग्रह शांति हेतु दान और जप मंत्र, संकल्प संख्या विधि सब कुछ जानें,कुंडली विश्लेष्ण के द्वारा उपाय व प्रश्नों का उत्तर निकलने की विधि,कुंडली विश्लेष्ण के द्वारा उपाय व प्रश्नों का उत्तर निकलने की विधि,मेष लग्न में सूर्य का सभी भावो में फल व दृष्टि फल ,अशुभ सूर्य का उपाय,मेष लग्न में सूर्य का सभी भावो में फल व दृष्टि फल ,अशुभ सूर्य का उपाय,Noteworthy Subjects of Sun in a Horoscope,Noteworthy Subjects of Sun in a Horoscope,
Яндекс.Метрика