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Book Cafe 295 | पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्रष्टा, दृष्टि और दर्शन | हृदयनारायण दीक्षित | Sahitya Tak

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भारतीयता क्या है? भारतीय धर्म, अध्यात्म, सभ्यता और संस्कृति का मूल स्वर क्या है? बौद्धिक, दार्शनिक और आध्यात्मिक चिंतन के बीच विचारों का प्रवाह किस तरह आपको सहज, उदार और ज्ञानवान बनाता है, स्तंभकार, लेखक, चिंतक, विचारक और राजनेता हृदयनारायण दीक्षित इसके उदाहरण हैं. उनके पाठकों की संख्या बहुत बड़ी है, तो उनके लेखन से प्रेरित और प्रभावित लोग भी बहुत बड़ी संख्या में हैं. आज की राजनीति में चंद लोग ही हैं जिन्हें तत्वदर्शी, चिन्तक, साहित्य मनीषी और भारतीयता का भाष्यकार कहा जा सकता है. उनमें ही एक कुशल राजनेता हृदयनारायण दीक्षित हैं. उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय पर पुस्तक लिखी है. पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने भारत की प्रकृति और संस्कृति -आधारित राजनीति का अधिष्ठान खड़ा किया है. दीनदयाल उपाध्याय एक हिंदुत्ववादी विचारक और भारतीय राजनितिज्ञ थे. उन्होंने हिन्दू शब्द को धर्म के तौर पर नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति के रूप में परिभाषित किया है. दीनदयाल उपाध्याय आरएसएस से भी जुड़े रहे. इसी के साथ भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष भी रहे. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ मदद से भारतीय जन संघ की स्थापना की थी जो बाद में चलकर आज की भारतीय जनता पार्टी के नाम से जानी जाती है. इस दौरान ये भारतीय राजनीति में अहम किरदार निभाते रहे. उन्होंने ‘एकात्म मानववाद’ के आधार पर भारत राष्ट्र की कल्पना की थी जिसमें विभिन्न राज्य की संस्कृतियां आपस में मिलकर एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण करें. पंडित दीनदयाल उपाध्याय पर तमाम पुस्तकें हैं. सभी पुस्तकों में उनका जीवन दर्शन है. इस पुस्तक में अर्थनीति व दर्शन को समझने के लिए ऋग्वेद से लेकर शंकराचार्य तक जारी प्रवाह का विवेचन है. यह पुस्तक गागर में सागर की तरह है. साहित्य तक के बुक कैफे के 'एक दिन, एक किताब' कार्यक्रम में आज इसीलिए वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय ने हृदयनारायण दीक्षित की पुस्तक 'पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्रष्टा, दृष्टि और दर्शन' की चर्चा है. अनामिका प्रकाशन द्वारा प्रकाशित 184 पृष्ठों के इस उपन्यास का मूल्य 350 रुपए है.
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साहित्य तक का 'बुक कैफे' पुस्तक प्रेमियों को समर्पित कार्यक्रम है. पाठकों, प्रकाशकों, लेखकों से मिले प्यार और अनुरोध के बाद 'बुक कैफे' अब सप्ताह में पांच दिन सोमवार से शुक्रवार तक 'एक दिन, एक किताब' के रूप में आपके समक्ष आ रहा है. इस कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय हर दिन आपको एक नई किताब के बारे में बताते हैं. इस कार्यक्रम में आप कैसी किताबों की चर्चा चाहते हैं, इन पर अपनी राय हमें जरूर लिखें. अगर आप प्रकाशक हैं, तो आपके नए प्रकाशनों का स्वागत करने में हमें खुशी होगी, बशर्ते वे हमारी कसौटी पर खरा उतरें.
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3 мая 2022 г. 15:30:11
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