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रिंकू सिलेंडर ढोते थे, झाड़ू-पोंछे की नौबत भी आई ! बोले- जिन्होंने मेरे लिए बलिदान दिया उन्हें ?

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आखिरी 6 गेंदें और 29 रन का टारगेट । लगभग असंभव पर यहीं चमका एक नाम, जो अब सबकी जुबां पर है... रिंकू सिंह | रिंकू ने लगातार 5 गेंदों पर 5 छक्के लगाकर कोलकाता नाइट राइडर्स को जीत दिला दी।

सिर्फ जीत ही नहीं दिलाई, कई रिकॉर्ड तोड़े। रिंकू से पहले अब तक किसी भी खिलाड़ी ने टी-20 लीग या इंटरनेशनल क्रिकेट के 20वें ओवर में 5 लगातार छक्के लगाकर अपनी टीम को जीत नहीं दिलाई थी । आखिरी ओवर में सबसे ज्यादा 29 रन बनाकर जीत दिलाने का भी रिकॉर्ड बना। इससे पहले महेंद्र सिंह धोनी 20वें ओवर में 23 रन बनाकर चेन्नई को जीत दिला चुके हैं।

रिंकू को 80 लाख रुपए में कोलकाता ने खरीदा था, पर उन्हें तो उम्मीद थी कि सिर्फ 20 लाख मिलेंगे। वो भी उनके लिए काफी थे, क्योंकि उनका परिवार गरीब था ।

रिंकू आज IPL के सबसे चर्चित स्टार हैं, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था, जब रिंकू सिलेंडर डिलीवर करते थे। तंगी ऐसी थी कि झाड़ू-पोंछा करने की नौबत भी आ गई थी
KKR को दिए एक इंटरव्यू में रिंकू ने अपनी जिंदगी के बारे में बात की थी। उन्होंने बताया, "परिवार में 5 भाई हैं। पापा सिलेंडर डिलीवरी का काम करते थे। हम पांचों भाइयों से भी काम करवाते, जब कोई नहीं मिलता तो डंडे से पीटते थे। हम सारे भाई बाइक पर 2-2 सिलेंडर रखकर होटलों और घरों में डिलीवर करने जाते थे। सभी ने पापा को भी सपोर्ट किया और जहां भी मैच होते तो सारे भाई एक साथ ही खेलने जाते थे।

मोहल्ले में 6-7 और लड़के थे, जिनके साथ पैसे मिलाकर गेंद लाते। टेनिस और लेदर बॉल से क्रिकेट खेलना शुरू किया था। UP के अलीगढ़ में मॉडर्न स्कूल से भी क्रिकेट खेला। इंटर स्कूल टूर्नामेंट में 32 बॉल पर 54 रन की नॉटआउट पारी खेली।

शुरुआत में क्लब क्रिकेट खेलने का पैसा नहीं था तो सरकारी स्टेडियम में कार्ड बनवाकर प्रैक्टिस करता था। मैच खेलने के लिए पैसे लगते, घरवालों से मांगों तो कहते थे कि पढ़ाई करो।

पापा खेलने के लिए हमेशा मना करते थे, मम्मी थोड़ा सपोर्ट करती थीं। शहर के पास एक टूर्नामेंट हुआ, उसके लिए पैसे चाहिए थे। मम्मी ने दुकान से एक हजार रुपए उधार लेकर दिए थे।"

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