Success story of backyard poultry farmer (खेती का घाटा मुर्गी पालन ने बदला मुनाफ़े में : रामदास साहू)
रामदास साहू अपने 4.5 बीघा खेत में अन्य किसानों की तरह ही मक्का, धान, गेंहू की खेती कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे। इन्हें इस पारंपारिक खेती से कुछ रूपये का मुनाफा प्राप्त हो रहा था..... जिससे उनके परिवार का बहुत ही मुश्किल से गुजर-बसर हो पा रहा था। अपनी आर्थिक स्थिति बेहतर करने एवं कुछ अलग करने की लालसा लेकर एक दिन वे कृषि विज्ञान केन्द्र, खगड़िया पहुंचे... कृषि विज्ञान केन्द्र, खगड़िया के मार्गदर्शन में श्री रामदास साहू ने मात्र एक कट्ठा भूमि पर 200 वनराजा चूजें मंगाकर मुर्गीपालन की शुरूआत की।
इन्होने देखा कि मात्र 3-4 महीने में ही वनराजा चूजा लगभग 3 किलोग्राम तक वजन प्राप्त कर लिया..... लगभग 130 मुर्गी को 200 रूपया प्रति किलों की दर से बेच कर 70,000 मुनाफा कमाया और बाकी बची हुई मुर्गियों से अंडा उत्पादन कर रहें है जिससे इन्हें प्रतिदिन लगभग 300 रूपये की आमदनी हो रही है। इस मुनाफे से प्रेरित हो कर रामदास साहू ने ठान लिया है कि वे वनराजा मुर्गीपालन को आय का मुख्य जरिया बनाऐंगे। रामदास साहू जहाँ अपने साढ़े चार बीघे जमीन पर पारंपरिक खेती से नफा-नुकसान के चक्र में उलझे रहते थे वहीँ मात्र 1 कट्ठा पर मुर्गीपालन कर स्थाई रूप से लगभग एक लाख रूपये की शुद्ध आमदनी अर्जित कर सफलता की एक नयी कहानी रच रहे हैं।
Видео Success story of backyard poultry farmer (खेती का घाटा मुर्गी पालन ने बदला मुनाफ़े में : रामदास साहू) канала Bihar Agricultural University Sabour
इन्होने देखा कि मात्र 3-4 महीने में ही वनराजा चूजा लगभग 3 किलोग्राम तक वजन प्राप्त कर लिया..... लगभग 130 मुर्गी को 200 रूपया प्रति किलों की दर से बेच कर 70,000 मुनाफा कमाया और बाकी बची हुई मुर्गियों से अंडा उत्पादन कर रहें है जिससे इन्हें प्रतिदिन लगभग 300 रूपये की आमदनी हो रही है। इस मुनाफे से प्रेरित हो कर रामदास साहू ने ठान लिया है कि वे वनराजा मुर्गीपालन को आय का मुख्य जरिया बनाऐंगे। रामदास साहू जहाँ अपने साढ़े चार बीघे जमीन पर पारंपरिक खेती से नफा-नुकसान के चक्र में उलझे रहते थे वहीँ मात्र 1 कट्ठा पर मुर्गीपालन कर स्थाई रूप से लगभग एक लाख रूपये की शुद्ध आमदनी अर्जित कर सफलता की एक नयी कहानी रच रहे हैं।
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4 сентября 2018 г. 15:23:46
00:07:17
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