Day-04: पुरुषार्थ (नित्य धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष) #discipline #motivation #fitness #dailyroutine
पुरुषार्थ का मतलब है, मानव के लक्ष्य या उद्देश्य. यह एक संस्कृत शब्द है, जो दो शब्दों से मिलकर बना है - 'पुरुष' और 'अर्थ'. 'पुरुष' का मतलब है 'मानव' और 'अर्थ' का मतलब है 'उद्देश्य' या 'लक्ष्य'. पुरुषार्थ, उन लक्ष्यों और उद्देश्यों को दर्शाता है जिन्हें व्यक्ति अपने जीवन में हासिल करने की कोशिश करता है.
हिन्दू धर्म में, पुरुषार्थ चार हैं: धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष.
इन चारों पुरुषार्थों का महत्व इस प्रकार है:
धर्म का मतलब है धार्मिकता और नैतिक मूल्य.
अर्थ का मतलब है समृद्धि और आर्थिक मूल्य.
काम का मतलब है आनंद, प्रेम, और मनोवैज्ञानिक मूल्य.
मोक्ष का मतलब है मुक्ति, आध्यात्मिक मूल्य, और आत्म-साक्षात्कार.
हिन्दू दर्शन में, संघर्ष के मामलों में धर्म को अर्थ या काम से ज़्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है.
Видео Day-04: पुरुषार्थ (नित्य धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष) #discipline #motivation #fitness #dailyroutine канала Rushabh Bhiwapurkar
हिन्दू धर्म में, पुरुषार्थ चार हैं: धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष.
इन चारों पुरुषार्थों का महत्व इस प्रकार है:
धर्म का मतलब है धार्मिकता और नैतिक मूल्य.
अर्थ का मतलब है समृद्धि और आर्थिक मूल्य.
काम का मतलब है आनंद, प्रेम, और मनोवैज्ञानिक मूल्य.
मोक्ष का मतलब है मुक्ति, आध्यात्मिक मूल्य, और आत्म-साक्षात्कार.
हिन्दू दर्शन में, संघर्ष के मामलों में धर्म को अर्थ या काम से ज़्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है.
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4 января 2025 г. 20:37:04
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