माता सती के 51शक्तिपीठ | जाने कहाँ कहाँ है माता के सक्ती पीट | Mata Sati Ke 51 Shaktipeeth
माता सती के 51शक्तिपीठ | जाने कहाँ कहाँ है माता के सक्ती पीट | Mata Sati Ke 51 Shaktipeeth
उत्तर भारत के 9 शक्तिपीठ
1. कश्मीर या अमरनाथ :जम्मू-कश्मीर के अमरनाथ में। यहां माता का कण्ठ गिरा था।
2.कात्यायनी :वृन्दावन, मथुरा के भूतेश्वर में। यहां केशपाश गिरा था
3.विशालाक्षी:उत्तर प्रदेश, वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर।दाहिने कान के मणि गिरे थे।
4.प्रयाग :उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में स्थित है। यहां माता की हाथ की अंगुलियां गिरी थीं।
5.ज्वालामुखी :हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में स्थित है। यहां सती का जिह्वा गिरी थी।
6.जालंध्र :पंजाब के जालंधर में है। यहां वामस्तन गिरा था।
7.देवीकूप पीठ कुरुक्षेत्र :हरियाणा के कुरुक्षेत्र के निकट द्वैपायन सरोवर के पास स्थित है। इसे श्रीदेवीकूप भद्रकाली पीठ के नाम से मान्यता है। यहां माता का दहिना चरण गिरा था।
8.मगध :बिहार की राजधानी पटना में स्थित पटनेश्वरी देवी को ही शक्तिपीठ माना जाता है। यहां माता की दाहिनी जंघा गिरी थी।
9.मानस शक्तिपीठ:तिब्बत के मानसरोवर तट पर स्थित है। माता की दाहिनी हथेली गिरी थी।
पश्चिम भारत के 5 शक्तिपीठ
10.करवीर :महाराष्ट्र के कोल्हापुर में । माता का त्रिनेत्र गिरा था। यहां महालक्ष्मी का निज निवास माना जाता है।11.जनस्थान :महाराष्ट्र में नासिक स्थित पंचवटी में। यहां माता की ठोड़ी गिरी थी।
12.अम्बाजी :गुजरात के बनासकांठा जिले में। यहां माता का दिल गिरा था। कुछ ग्रंथों में जूनागढ़ के गिरनार पर्वत के शक्तिपीठ होने और उदर गिरने की मान्यता है।
13.मणिवेदिका :राजस्थान के पुष्कर में। गायत्री मन्दिर के नाम से जाना जाता है। यहां कलाइयां गिरी थीं।
14. विराट का अम्बिका :जयपुर के वैराटग्राम में। यहां सती के 'दाएं पांव की अंगुलियां गिरी थीं।
दक्षिण भारत के 5 शक्तिपीठ
15.गोदावरी तट :आंध्र प्रदेश के कब्बूर में गोदावरी तट पर। माता का बायां कपोल गिरा था।
16.शुचीन्द्रम :तमिलनाडु, कन्याकुमारी के त्रिसागर संगम स्थल पर, जहां सती के ऊर्ध्वदन्त गिरे थे।
17.श्री शैल :आंध्र प्रदेश के कुर्नूल के पास। माता की ग्रीवा गिरी थी।
18.कांची :तमिलनाडु के कांचीवरम में। यहां माता का कंकाल गिरा था।
19.कण्यकाश्रम कन्याकुमारी :तमिलनाडु के कन्याकुमारी के तीन सागरों हिन्द महासागर, अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी के संगम पर। यहां माता का पीठ मतान्तर से ऊर्ध्वदन्त गिरे थे।
पश्चिम बंगाल में 10 शक्तिपीठ
20.किरीट हुगली नदी के तट लालबाग कोट पर। यहां किरीट यानी शिरोभूषण या मुकुट गिरा था।
21.अट्टहास :लाबपुर में है। यहां नीचे का होंठ गिरा था।
22. नन्दीपुर :सैन्थया में है। यहां कण्ठहार गिरा था।
23.नलहटी :बोलपुर में उदरनली गिरी थी।
24.बहुला :कटवा जंक्शन के निकट केतुग्राम में है। यहां माता का वाम बाहु गिरा था।
25.त्रिस्तोता :जलपाइगुड़ी के शालवाड़ी गांव में तीस्ता नदी पर। यहां माता का वामपाद गिरा था।
26 .विभाष :मिदनापुर में है। यहां वाम टखना गिरा था।
27.युगाद्या :बर्दमान जिले के क्षीरग्राम में है। यहां सती के दाहिने चरण का अंगूठा गिरा था।
28.कालीघाट :कालीमन्दिर के नाम से प्रसिद्ध है। यहां दाएं पांव का अंगूठा छोड़ 4 अन्य अंगुलियां गिरी थीं। 29.वक्रेश्वर :सिन्थेया में है। यहां मन गिरा था।
पूर्वोत्तर भारत के 5 शक्तिपीठ
30.कामाख्या :गुवाहाटी का कामगिरि पर्वत। योनिदेश गिरा था।
31.जयन्ती : मेघालय की जयन्तिया पहाड़ी। वाम जंघा गिरी थी।
32.त्रिपुरसुन्दरी :त्रिपुरा के राध किशोर ग्राम में। जहां माता का दक्षिण पाद गिरा था।
33.विरजाक्षेत्र, उत्कल :उड़ीसा के पुरी और याजपुर में माना जाता है, जहां माता की नाभि गिरी थी।
34. वैद्यनाथ :झारखण्ड के गिरिडीह, देवघर में है। यहां माता का हृदय गिरा था। मान्यता है, यहीं सती का दाह-संस्कार हुआ था।
मध्यप्रदेश के 2 शक्तिपीठ
35.उज्जयिनी :मध्य प्रदेश के उज्जैन के क्षिप्रा के दोनों तटों पर। माता की कोहनियां गिरी थीं।
36.शोण :मध्य प्रदेश के अमरकंटक का नर्मदा मन्दिर। यहां माता का दक्षिण नितम्ब गिरा था। यह भी मान्यता है कि बिहार के सासाराम का ताराचण्डी मन्दिर ही शोण तटस्था शक्तिपीठ है।
पाकिस्तान सहित 4 देशों में 8 शक्तिपीठ
37.लंका :श्रीलंका में है। यहां नूपुर गिरे थे। यह ठीक-ठीक ज्ञात नहीं है कि किस स्थान पर गिरे थे।
38.गण्डकी :नेपाल में गण्डकी नदी के उद्गम पर है। सती के कपोल गिरे थे।
39.गुह्येश्वरी :नेपाल के काठमाण्डू में पशुपतिनाथ मन्दिर के पास है। यहां दोनों घुटने गिरे थे।
40.हिंगलाज :पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्त में है। माता की ब्रह्मरन्ध्र गिरा था।
41.सुगंध :बांग्लादेश के खुलना में सुगंध नदी के तट पर है। यहां माता का नासिका गिरी थी।
42.करतोयाघाट :बंग्लादेश भवानीपुर के बेगड़ा में करतोया नदी के तट पर। माता का वाम तल्प गिरा था।
43.चट्टल :बंग्लादेश के चटगांव में। यहां दाहिनी भुजा गिरी थी।
44.यशोर: बांग्लादेश के जैसोर खुलना में। यहां बायीं हथेली गिरी थी।
किन स्थानों पर हैं ये 7 शक्तिपीठ, इस पर मतभेद
45.श्री पर्वत शक्तिपीठ:कुछ विद्वानों का मानना है कि इस पीठ का मूल स्थल लद्दाख है, कुछ का मानना है कि यह असम के सिलहट में है।
46.पंच सागर शक्तिपीठ:इस शक्तिपीठ का कोई निश्चित स्थान ज्ञात नहीं है।
47.भैरव पर्वत शक्तिपीठ:कुछ गुजरात के गिरिनार के निकट भैरव पर्वत को तो कुछ मध्य प्रदेश के उज्जैन के निकट क्षिप्रा नदी तट पर इसे मानते हैं।
48.मिथिला शक्तिपीठ: नेपाल के जनकपुर, बिहार के समस्तीपुर और सहरसा में इसका स्थाना माना जाता है। 49.रत्नावली शक्तिपीठ:कहा जाता है कि तमिलनाडु के चेन्नई में कहीं स्थित है।
50.कालमाधव शक्तिपीठ :इस शक्तिपीठ के बारे कोई निश्चित स्थान ज्ञात नहीं है।
51.रामगिरि शक्तिपीठ :रामगिरि शक्तिपीठ कुछ लोग मध्यप्रदेश के मैहर में मानते हैं।
Channel Link:-https://www.youtube.com/channel/UCvOWPtI6cTOkSNvBS1hBSww
Видео माता सती के 51शक्तिपीठ | जाने कहाँ कहाँ है माता के सक्ती पीट | Mata Sati Ke 51 Shaktipeeth канала Chamatkari Totke
उत्तर भारत के 9 शक्तिपीठ
1. कश्मीर या अमरनाथ :जम्मू-कश्मीर के अमरनाथ में। यहां माता का कण्ठ गिरा था।
2.कात्यायनी :वृन्दावन, मथुरा के भूतेश्वर में। यहां केशपाश गिरा था
3.विशालाक्षी:उत्तर प्रदेश, वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर।दाहिने कान के मणि गिरे थे।
4.प्रयाग :उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में स्थित है। यहां माता की हाथ की अंगुलियां गिरी थीं।
5.ज्वालामुखी :हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में स्थित है। यहां सती का जिह्वा गिरी थी।
6.जालंध्र :पंजाब के जालंधर में है। यहां वामस्तन गिरा था।
7.देवीकूप पीठ कुरुक्षेत्र :हरियाणा के कुरुक्षेत्र के निकट द्वैपायन सरोवर के पास स्थित है। इसे श्रीदेवीकूप भद्रकाली पीठ के नाम से मान्यता है। यहां माता का दहिना चरण गिरा था।
8.मगध :बिहार की राजधानी पटना में स्थित पटनेश्वरी देवी को ही शक्तिपीठ माना जाता है। यहां माता की दाहिनी जंघा गिरी थी।
9.मानस शक्तिपीठ:तिब्बत के मानसरोवर तट पर स्थित है। माता की दाहिनी हथेली गिरी थी।
पश्चिम भारत के 5 शक्तिपीठ
10.करवीर :महाराष्ट्र के कोल्हापुर में । माता का त्रिनेत्र गिरा था। यहां महालक्ष्मी का निज निवास माना जाता है।11.जनस्थान :महाराष्ट्र में नासिक स्थित पंचवटी में। यहां माता की ठोड़ी गिरी थी।
12.अम्बाजी :गुजरात के बनासकांठा जिले में। यहां माता का दिल गिरा था। कुछ ग्रंथों में जूनागढ़ के गिरनार पर्वत के शक्तिपीठ होने और उदर गिरने की मान्यता है।
13.मणिवेदिका :राजस्थान के पुष्कर में। गायत्री मन्दिर के नाम से जाना जाता है। यहां कलाइयां गिरी थीं।
14. विराट का अम्बिका :जयपुर के वैराटग्राम में। यहां सती के 'दाएं पांव की अंगुलियां गिरी थीं।
दक्षिण भारत के 5 शक्तिपीठ
15.गोदावरी तट :आंध्र प्रदेश के कब्बूर में गोदावरी तट पर। माता का बायां कपोल गिरा था।
16.शुचीन्द्रम :तमिलनाडु, कन्याकुमारी के त्रिसागर संगम स्थल पर, जहां सती के ऊर्ध्वदन्त गिरे थे।
17.श्री शैल :आंध्र प्रदेश के कुर्नूल के पास। माता की ग्रीवा गिरी थी।
18.कांची :तमिलनाडु के कांचीवरम में। यहां माता का कंकाल गिरा था।
19.कण्यकाश्रम कन्याकुमारी :तमिलनाडु के कन्याकुमारी के तीन सागरों हिन्द महासागर, अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी के संगम पर। यहां माता का पीठ मतान्तर से ऊर्ध्वदन्त गिरे थे।
पश्चिम बंगाल में 10 शक्तिपीठ
20.किरीट हुगली नदी के तट लालबाग कोट पर। यहां किरीट यानी शिरोभूषण या मुकुट गिरा था।
21.अट्टहास :लाबपुर में है। यहां नीचे का होंठ गिरा था।
22. नन्दीपुर :सैन्थया में है। यहां कण्ठहार गिरा था।
23.नलहटी :बोलपुर में उदरनली गिरी थी।
24.बहुला :कटवा जंक्शन के निकट केतुग्राम में है। यहां माता का वाम बाहु गिरा था।
25.त्रिस्तोता :जलपाइगुड़ी के शालवाड़ी गांव में तीस्ता नदी पर। यहां माता का वामपाद गिरा था।
26 .विभाष :मिदनापुर में है। यहां वाम टखना गिरा था।
27.युगाद्या :बर्दमान जिले के क्षीरग्राम में है। यहां सती के दाहिने चरण का अंगूठा गिरा था।
28.कालीघाट :कालीमन्दिर के नाम से प्रसिद्ध है। यहां दाएं पांव का अंगूठा छोड़ 4 अन्य अंगुलियां गिरी थीं। 29.वक्रेश्वर :सिन्थेया में है। यहां मन गिरा था।
पूर्वोत्तर भारत के 5 शक्तिपीठ
30.कामाख्या :गुवाहाटी का कामगिरि पर्वत। योनिदेश गिरा था।
31.जयन्ती : मेघालय की जयन्तिया पहाड़ी। वाम जंघा गिरी थी।
32.त्रिपुरसुन्दरी :त्रिपुरा के राध किशोर ग्राम में। जहां माता का दक्षिण पाद गिरा था।
33.विरजाक्षेत्र, उत्कल :उड़ीसा के पुरी और याजपुर में माना जाता है, जहां माता की नाभि गिरी थी।
34. वैद्यनाथ :झारखण्ड के गिरिडीह, देवघर में है। यहां माता का हृदय गिरा था। मान्यता है, यहीं सती का दाह-संस्कार हुआ था।
मध्यप्रदेश के 2 शक्तिपीठ
35.उज्जयिनी :मध्य प्रदेश के उज्जैन के क्षिप्रा के दोनों तटों पर। माता की कोहनियां गिरी थीं।
36.शोण :मध्य प्रदेश के अमरकंटक का नर्मदा मन्दिर। यहां माता का दक्षिण नितम्ब गिरा था। यह भी मान्यता है कि बिहार के सासाराम का ताराचण्डी मन्दिर ही शोण तटस्था शक्तिपीठ है।
पाकिस्तान सहित 4 देशों में 8 शक्तिपीठ
37.लंका :श्रीलंका में है। यहां नूपुर गिरे थे। यह ठीक-ठीक ज्ञात नहीं है कि किस स्थान पर गिरे थे।
38.गण्डकी :नेपाल में गण्डकी नदी के उद्गम पर है। सती के कपोल गिरे थे।
39.गुह्येश्वरी :नेपाल के काठमाण्डू में पशुपतिनाथ मन्दिर के पास है। यहां दोनों घुटने गिरे थे।
40.हिंगलाज :पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्त में है। माता की ब्रह्मरन्ध्र गिरा था।
41.सुगंध :बांग्लादेश के खुलना में सुगंध नदी के तट पर है। यहां माता का नासिका गिरी थी।
42.करतोयाघाट :बंग्लादेश भवानीपुर के बेगड़ा में करतोया नदी के तट पर। माता का वाम तल्प गिरा था।
43.चट्टल :बंग्लादेश के चटगांव में। यहां दाहिनी भुजा गिरी थी।
44.यशोर: बांग्लादेश के जैसोर खुलना में। यहां बायीं हथेली गिरी थी।
किन स्थानों पर हैं ये 7 शक्तिपीठ, इस पर मतभेद
45.श्री पर्वत शक्तिपीठ:कुछ विद्वानों का मानना है कि इस पीठ का मूल स्थल लद्दाख है, कुछ का मानना है कि यह असम के सिलहट में है।
46.पंच सागर शक्तिपीठ:इस शक्तिपीठ का कोई निश्चित स्थान ज्ञात नहीं है।
47.भैरव पर्वत शक्तिपीठ:कुछ गुजरात के गिरिनार के निकट भैरव पर्वत को तो कुछ मध्य प्रदेश के उज्जैन के निकट क्षिप्रा नदी तट पर इसे मानते हैं।
48.मिथिला शक्तिपीठ: नेपाल के जनकपुर, बिहार के समस्तीपुर और सहरसा में इसका स्थाना माना जाता है। 49.रत्नावली शक्तिपीठ:कहा जाता है कि तमिलनाडु के चेन्नई में कहीं स्थित है।
50.कालमाधव शक्तिपीठ :इस शक्तिपीठ के बारे कोई निश्चित स्थान ज्ञात नहीं है।
51.रामगिरि शक्तिपीठ :रामगिरि शक्तिपीठ कुछ लोग मध्यप्रदेश के मैहर में मानते हैं।
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