उत्तर रामायण- EP 35 - श्रीराम लव कुश के बीच युद्ध ।
Watch the video song of ''Har Ghar Mandir Har Ghar Utsav"' here - https://youtu.be/dsLUAP58ARc
प्रभु श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण और उनके स्वागत के प्रति उल्लास एवं उत्साह व्यक्त करती हुई लिए तिलक की नवीन प्रस्तुति "हर घर मंदिर हर घर उत्सव"।
"Har Ghar Mandir Har Ghar Utsav" -A new presentation by Tilak expressing joy and enthusiasm for the grand temple construction at Lord Shri Ram's Janmbhoomi, Ayodhya.
Uttar Ramayan - Episode 35 - War between Shriram Luv Kush.
Watch all the full episodes of Uttar Ramayan here - https://bit.ly/UttarRamayan
Watch all the Ramanand Sagar's Ramayan full episodes here - http://bit.ly/RamayanHindi
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राम लवकुश से कहते हैं कि उन्हें अश्वमेध यज्ञ को घोड़ा वापस मिल जाये तो वह उन्हें क्षमा कर देंगे। किन्तु लवकुश उनसे युद्ध करने का हठ ठाने रहते हैं। कुश चुनौती देते हैं कि यदि राम बिना घोड़ा लिए लौटे अथवा उनके हाथों पराजित हो गये तो समस्त विश्व में उनका अपयश फैलेगा। राम क्रोधित होकर युद्ध करने को उद्धत होते हैं तभी महर्षि वाल्मीकि आकर उन्हें रोक देते हैं। वाल्मीकि राम से कहते हैं कि राजा को बच्चे, बूढ़े और स्त्री पर शस्त्र नहीं उठाना चाहिये। वाल्मीकि लवकुश से भी पूछते हैं कि उन्होंने राजा का घोड़ा पकड़ने का अपराध क्यों किया है। तब लव इसके दो कारण गिनाते हैं। पहला कि घोड़े के मस्तक पर लिखी चुनौती स्वीकार करना उनका क्षत्रिय धर्म था और दूसरा कि कुश भैया को राजा राम से कुछ सवाल पूछने थे तो उन्हें सामने आने पर विवश करने के लिये उनके यज्ञ का घोड़ा पकड़ लिया। राम कुश से प्रश्न पूछने को कहते हैं। कुश प्रश्न करता है कि राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं तो उन्होंने केवल लोकनिन्दा पर अपनी पत्नी का त्याग क्यों कर दिया जबकि स्वयं उन्हें सीता की पवित्रता पर पूर्ण विश्वास था। राम उसे उत्तर देते हैं कि उन्होंने राजधर्म का पालन करते हुए अपनी पत्नी का त्याग किया था क्योंकि राजा का प्रथम और अन्तिम धर्म परिवार का सुख देखना नहीं बल्कि प्रजामत के अनुरूप कार्य करना होता है। तब कुश पूछते हैं तो क्या इस प्रकार आपने नहीं, अयोध्या की प्रजा ने अन्याय किया है। इस पर महर्षि वाल्मीकि कहते हैं कि जो अयोध्या की प्रजा ने किया है उसका उत्तर उससे ही माँगना चाहिये। वाल्मीकि लवकुश को राम से क्षमा माँगने और अश्व लौटाने का आदेश देते हैं। राम लवकुश पर प्रसन्न होते हैं और उन्हें शिक्षा उपरान्त राजदरबार आने का न्यौता देते हैं। वाल्मीकि के आदेश पर लवकुश सभी मूर्च्छित योद्धाओं की चेतना वापस लाते हैं। राम के जाने के पश्चात वाल्मीकि हनुमान से कहते हैं कि उन्हें लवकुश की सच्चाई का भान हो चुका है किन्तु अभी वह इसे रहस्य ही बना रहने दें। संध्याकाल में लवकुश अपनी वीरता के किस्से सीता को सुनाते हैं। भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न और हनुमान को परास्त किये जाने की बात सुनकर सीता क्षुब्ध होती हैं। किन्तु राम के सम्मुख लवकुश के अस्त्र शस्त्र उठाने की बात सुनकर तो सीता पर बिजली टूट पड़ती है। तब लवकुश बताते हैं कि गुरुदेव ने यह युद्ध होने नहीं दिया था। सीता रोते हुए कहती हैं कि उनकी सन्तान अपने ही पिता को युद्ध के लिये ललकारे, इससे अधिक लज्जा की बात क्या हो सकती है। राम ही उनके पिता हैं, यह बात जानकर लवकुश अवाक रह जाते हैं। तभी महर्षि वहाँ आते हैं और कहते हैं कि यदि यह बात प्रकट हो जाती कि वनदेवी ही सीता हैं तो उनके लिये सुख सुविधा से रहना कठिन हो जाता। वाल्मीकि कहते हैं कि अब समय आ गया है कि लवकुश अयोध्या जाकर प्रजा से यह प्रश्न पूछें कि उन्होंने उनकी माता पर लाँछन क्यों लगाया था। वाल्मीकि कहते हैं कि यह लाँछन अब अयोध्यावासियों के आसुँओं से ही धुलेंगे। लवकुश अयोध्या के हर गली ही चौक में घूम घूम कर गीत गाते हैं और गीत के जरिये सवाल उठाते हैं कि सीता जैसी सती पर प्रजा ने यह अन्याय क्यों किया। वे नागरिकों के मन में पश्चाताप की भावनाएं जागृत करते हैं। बालकों के गीत सुनकर अयोध्यावासियों को अपने किये पर पछतावा होता है।
उत्तर रामायण में लव कुश की कहानी को दर्शाया गया है। जिसमें माँ सीता को श्री राम त्याग देते हैं और माँ सीता महाऋषि वाल्मीकि के आश्रम में जाकर रहने लगती हैं। माँ सीता वहाँ लव कुश को जन्म देती हैं। लव कुश उसी आश्रम में बड़े होते हैं और गुरु वाल्मीकि से शिक्षा दीक्षा लेते हैं। कैसे लव कुश श्री राम और माँ सीता को मिलाते हैं देखे सम्पूर्ण उत्तर रामायण के सभी एपिसोड सिर्फ़ तिलक YouTube चैनल पर।
रामायण एक भारतीय टेलीविजन श्रृंखला है जो इसी नाम के प्राचीन भारतीय संस्कृत महाकाव्य पर आधारित है। यह श्रृंखला मूल रूप से 1987 और 1988 के बीच दूरदर्शन पर प्रसारित हुई थी।
इस श्रृंखला के निर्माण, लेखन और निर्देशन का श्रेय श्री रामानंद सागर को जाता है। यह श्रृंखला मुख्य रूप से वाल्मीकि रचित 'रामायण' और तुलसीदास रचित 'रामचरितमानस' पर आधारित है।
इस धारावाहिक को रिकॉर्ड 82 प्रतिशत दर्शकों ने देखा था, जो किसी भी भारतीय टेलीविजन श्रृंखला के लिए एक कीर्तिमान है।
इस श्रृंखला को 2020 के कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान पुनः प्रसारित किया गया था और इसने विश्व स्तर पर कई धारावाहिकों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया था और कई नए रिकॉर्ड स्थापित किये,
जिनमें 16 अप्रैल 2020 को 7.7 करोड़ दर्शकों द्वारा दुनिया भर में देखे जाने वाले सबसे लोकप्रिय धारावाहिक होने का कीर्तिमान भी शामिल है।
Tilak is home to the greatest Mythological stories and finest devotional musical offerings in the form of Bhajan's, Mantra's and Aarti's. We plan to launch more than 20000+ Clips in the time to come. We are starting with the legendary TV series Ramayan.
#Ramayan #RamayanonYouTube
Видео उत्तर रामायण- EP 35 - श्रीराम लव कुश के बीच युद्ध । канала Tilak
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राम लवकुश से कहते हैं कि उन्हें अश्वमेध यज्ञ को घोड़ा वापस मिल जाये तो वह उन्हें क्षमा कर देंगे। किन्तु लवकुश उनसे युद्ध करने का हठ ठाने रहते हैं। कुश चुनौती देते हैं कि यदि राम बिना घोड़ा लिए लौटे अथवा उनके हाथों पराजित हो गये तो समस्त विश्व में उनका अपयश फैलेगा। राम क्रोधित होकर युद्ध करने को उद्धत होते हैं तभी महर्षि वाल्मीकि आकर उन्हें रोक देते हैं। वाल्मीकि राम से कहते हैं कि राजा को बच्चे, बूढ़े और स्त्री पर शस्त्र नहीं उठाना चाहिये। वाल्मीकि लवकुश से भी पूछते हैं कि उन्होंने राजा का घोड़ा पकड़ने का अपराध क्यों किया है। तब लव इसके दो कारण गिनाते हैं। पहला कि घोड़े के मस्तक पर लिखी चुनौती स्वीकार करना उनका क्षत्रिय धर्म था और दूसरा कि कुश भैया को राजा राम से कुछ सवाल पूछने थे तो उन्हें सामने आने पर विवश करने के लिये उनके यज्ञ का घोड़ा पकड़ लिया। राम कुश से प्रश्न पूछने को कहते हैं। कुश प्रश्न करता है कि राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं तो उन्होंने केवल लोकनिन्दा पर अपनी पत्नी का त्याग क्यों कर दिया जबकि स्वयं उन्हें सीता की पवित्रता पर पूर्ण विश्वास था। राम उसे उत्तर देते हैं कि उन्होंने राजधर्म का पालन करते हुए अपनी पत्नी का त्याग किया था क्योंकि राजा का प्रथम और अन्तिम धर्म परिवार का सुख देखना नहीं बल्कि प्रजामत के अनुरूप कार्य करना होता है। तब कुश पूछते हैं तो क्या इस प्रकार आपने नहीं, अयोध्या की प्रजा ने अन्याय किया है। इस पर महर्षि वाल्मीकि कहते हैं कि जो अयोध्या की प्रजा ने किया है उसका उत्तर उससे ही माँगना चाहिये। वाल्मीकि लवकुश को राम से क्षमा माँगने और अश्व लौटाने का आदेश देते हैं। राम लवकुश पर प्रसन्न होते हैं और उन्हें शिक्षा उपरान्त राजदरबार आने का न्यौता देते हैं। वाल्मीकि के आदेश पर लवकुश सभी मूर्च्छित योद्धाओं की चेतना वापस लाते हैं। राम के जाने के पश्चात वाल्मीकि हनुमान से कहते हैं कि उन्हें लवकुश की सच्चाई का भान हो चुका है किन्तु अभी वह इसे रहस्य ही बना रहने दें। संध्याकाल में लवकुश अपनी वीरता के किस्से सीता को सुनाते हैं। भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न और हनुमान को परास्त किये जाने की बात सुनकर सीता क्षुब्ध होती हैं। किन्तु राम के सम्मुख लवकुश के अस्त्र शस्त्र उठाने की बात सुनकर तो सीता पर बिजली टूट पड़ती है। तब लवकुश बताते हैं कि गुरुदेव ने यह युद्ध होने नहीं दिया था। सीता रोते हुए कहती हैं कि उनकी सन्तान अपने ही पिता को युद्ध के लिये ललकारे, इससे अधिक लज्जा की बात क्या हो सकती है। राम ही उनके पिता हैं, यह बात जानकर लवकुश अवाक रह जाते हैं। तभी महर्षि वहाँ आते हैं और कहते हैं कि यदि यह बात प्रकट हो जाती कि वनदेवी ही सीता हैं तो उनके लिये सुख सुविधा से रहना कठिन हो जाता। वाल्मीकि कहते हैं कि अब समय आ गया है कि लवकुश अयोध्या जाकर प्रजा से यह प्रश्न पूछें कि उन्होंने उनकी माता पर लाँछन क्यों लगाया था। वाल्मीकि कहते हैं कि यह लाँछन अब अयोध्यावासियों के आसुँओं से ही धुलेंगे। लवकुश अयोध्या के हर गली ही चौक में घूम घूम कर गीत गाते हैं और गीत के जरिये सवाल उठाते हैं कि सीता जैसी सती पर प्रजा ने यह अन्याय क्यों किया। वे नागरिकों के मन में पश्चाताप की भावनाएं जागृत करते हैं। बालकों के गीत सुनकर अयोध्यावासियों को अपने किये पर पछतावा होता है।
उत्तर रामायण में लव कुश की कहानी को दर्शाया गया है। जिसमें माँ सीता को श्री राम त्याग देते हैं और माँ सीता महाऋषि वाल्मीकि के आश्रम में जाकर रहने लगती हैं। माँ सीता वहाँ लव कुश को जन्म देती हैं। लव कुश उसी आश्रम में बड़े होते हैं और गुरु वाल्मीकि से शिक्षा दीक्षा लेते हैं। कैसे लव कुश श्री राम और माँ सीता को मिलाते हैं देखे सम्पूर्ण उत्तर रामायण के सभी एपिसोड सिर्फ़ तिलक YouTube चैनल पर।
रामायण एक भारतीय टेलीविजन श्रृंखला है जो इसी नाम के प्राचीन भारतीय संस्कृत महाकाव्य पर आधारित है। यह श्रृंखला मूल रूप से 1987 और 1988 के बीच दूरदर्शन पर प्रसारित हुई थी।
इस श्रृंखला के निर्माण, लेखन और निर्देशन का श्रेय श्री रामानंद सागर को जाता है। यह श्रृंखला मुख्य रूप से वाल्मीकि रचित 'रामायण' और तुलसीदास रचित 'रामचरितमानस' पर आधारित है।
इस धारावाहिक को रिकॉर्ड 82 प्रतिशत दर्शकों ने देखा था, जो किसी भी भारतीय टेलीविजन श्रृंखला के लिए एक कीर्तिमान है।
इस श्रृंखला को 2020 के कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान पुनः प्रसारित किया गया था और इसने विश्व स्तर पर कई धारावाहिकों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया था और कई नए रिकॉर्ड स्थापित किये,
जिनमें 16 अप्रैल 2020 को 7.7 करोड़ दर्शकों द्वारा दुनिया भर में देखे जाने वाले सबसे लोकप्रिय धारावाहिक होने का कीर्तिमान भी शामिल है।
Tilak is home to the greatest Mythological stories and finest devotional musical offerings in the form of Bhajan's, Mantra's and Aarti's. We plan to launch more than 20000+ Clips in the time to come. We are starting with the legendary TV series Ramayan.
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