राम सीता के शिक्षा पर डुमरांव विधायक ने उठाए सवाल देखें क्या कहे #janbolkhabar #sriram #babasahab
राम सीता के शिक्षा पर डुमरांव विधायक ने उठाए सवाल देखें क्या कहे #janbolkhabar #sriram #babasahab
सीता राम दो महान और पूजनीय चरित्र हैं जो हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र ग्रंथ रामायण के मुख्य पात्र हैं। आइए दोनों के बारे में संक्षेप में जानते हैं:
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भगवान राम:
राम अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के पुत्र थे।
उन्हें भगवान विष्णु का सातवाँ अवतार माना जाता है।
उन्होंने धर्म, सत्य और मर्यादा का पालन करने वाला जीवन जिया, इसलिए उन्हें "मर्यादा पुरुषोत्तम" कहा जाता है।
उन्होंने रावण का वध कर धरती से अधर्म का नाश किया।
राम का जीवन आदर्श पुत्र, आदर्श पति और आदर्श राजा का प्रतीक है।
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माता सीता:
सीता जी को पृथ्वी की पुत्री माना जाता है — राजा जनक को हल चलाते समय धरती से प्राप्त हुई थीं।
वह भगवान राम की पत्नी थीं।
उन्हें माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है।
उन्होंने वनवास, अग्निपरीक्षा और अनेक कठिनाइयों को सहते हुए भी सदैव धर्म और पति धर्म का पालन किया।
सीता त्याग, पवित्रता और नारी शक्ति की प्रतीक हैं।
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"सीता राम" का अर्थ:
जब लोग "सीता राम" कहते हैं, तो वे भगवान राम और माता सीता दोनों को एक साथ सम्मानपूर्वक स्मरण करते हैं।
यह अभिवादन, प्रार्थना और भक्ति का प्रतीक है, जैसे कुछ लोग "जय श्रीराम" या "राम-राम" भी कहते हैं।
अगर आप रामायण से कोई प्रसंग या कथा विस्तार से जानना चाहते हैं, तो बताइए, मैं खुशी से बताऊँगा।
Видео राम सीता के शिक्षा पर डुमरांव विधायक ने उठाए सवाल देखें क्या कहे #janbolkhabar #sriram #babasahab канала Jan bol Khabar
सीता राम दो महान और पूजनीय चरित्र हैं जो हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र ग्रंथ रामायण के मुख्य पात्र हैं। आइए दोनों के बारे में संक्षेप में जानते हैं:
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भगवान राम:
राम अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के पुत्र थे।
उन्हें भगवान विष्णु का सातवाँ अवतार माना जाता है।
उन्होंने धर्म, सत्य और मर्यादा का पालन करने वाला जीवन जिया, इसलिए उन्हें "मर्यादा पुरुषोत्तम" कहा जाता है।
उन्होंने रावण का वध कर धरती से अधर्म का नाश किया।
राम का जीवन आदर्श पुत्र, आदर्श पति और आदर्श राजा का प्रतीक है।
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माता सीता:
सीता जी को पृथ्वी की पुत्री माना जाता है — राजा जनक को हल चलाते समय धरती से प्राप्त हुई थीं।
वह भगवान राम की पत्नी थीं।
उन्हें माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है।
उन्होंने वनवास, अग्निपरीक्षा और अनेक कठिनाइयों को सहते हुए भी सदैव धर्म और पति धर्म का पालन किया।
सीता त्याग, पवित्रता और नारी शक्ति की प्रतीक हैं।
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"सीता राम" का अर्थ:
जब लोग "सीता राम" कहते हैं, तो वे भगवान राम और माता सीता दोनों को एक साथ सम्मानपूर्वक स्मरण करते हैं।
यह अभिवादन, प्रार्थना और भक्ति का प्रतीक है, जैसे कुछ लोग "जय श्रीराम" या "राम-राम" भी कहते हैं।
अगर आप रामायण से कोई प्रसंग या कथा विस्तार से जानना चाहते हैं, तो बताइए, मैं खुशी से बताऊँगा।
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16 апреля 2025 г. 18:17:53
00:13:04
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