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निर्जला एकादशी व्रत 2025: क्यों यह व्रत है सबसे कठिन और पुण्यदायी?? धार्मिक कहानी@YuvAr78

निर्जला एकादशी – एक ऐसा व्रत, जो शरीर की नहीं, आत्मा की परीक्षा लेता है। यह एकादशी वर्ष की सबसे कठिन मानी जाती है क्योंकि इसमें जल तक ग्रहण नहीं किया जाता। 2025 में यह व्रत 10 जून को मनाया जाएगा, और इसकी महिमा इतनी है कि यह सभी 24 एकादशियों के बराबर पुण्य देती है।

क्या आप जानते हैं कि पांडवों में भीमसेन जैसे महाबली योद्धा ने भी केवल यही व्रत रखा था? तभी से यह व्रत "भीम एकादशी" भी कहलाता है। इस दिन बिना अन्न, जल, फल और यहां तक कि बिना छाया में विश्राम किए भी भक्त भगवान विष्णु की उपासना करते हैं।

इस वीडियो/लेख में जानिए!!

व्रत विधि संक्षेप में:
एक दिन पहले यानी दशमी को सात्विक भोजन करें।
एकादशी को सूर्योदय से पहले स्नान करके संकल्प लें।
दिनभर व्रत, उपवास और ध्यान करें।
जल तक न लें (यदि स्वास्थ्य ठीक न हो तो तुलसी जल ले सकते हैं)।
रातभर जागरण और कीर्तन करें।
अगले दिन द्वादशी को ब्राह्मणों को भोजन कराएं और फिर व्रत का पारण करें।
नोट: यह व्रत कठिन अवश्य है, लेकिन इच्छा और श्रद्धा से करने पर यह अत्यंत पुण्यदायी और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने वाला होता है।
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Видео निर्जला एकादशी व्रत 2025: क्यों यह व्रत है सबसे कठिन और पुण्यदायी?? धार्मिक कहानी@YuvAr78 канала YuvAr78
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