Загрузка страницы

History of Pratapgarh | प्रतापगढ़ का इतिहास

झूसी स्टेट में राजा सुखराम सिंह का राज था।
बड़े पुत्र निवाहन सिंह के उपरांत इकलौते पुत्र वीरसेन ने राज भार संभाला।
एक फकीर के द्वारा राजा वीरसेन की हत्या के बाद बेटे लाखन को झूसी राज्य छोड़कर एक अन्य राज्य की स्थापना करनी पड़ी - हुन्डौर !
राजा लाखन के सबसे छोटे पुत्र राजा जयसिंह ने 1328 के आस-पास अरोड़ नामक एक अन्य राज्य की स्थापना की।
राजा जयसिंह के बाद राजाओं की 10 पीढ़ियां बदली।
जिनके क्रमश: नाम हैं-

राजा खान सिंह (मृत्यु 1354)
राजा पृथ्वी सिंह ( मृत्यु 1377)
राजा लोध सिंह
राजा सुल्तान सिंह ( मृत्यु 1442)
राजा मुनिहार सिंह ( मृत्यु 1464)
राजा गौतम सिंह (मृत्यु 1478)
राजा संग्राम सिंह (मृत्यु 1494)
राजा रामचंद्र सिंह (मृत्यु 1526)
राजा लक्ष्मी नारायण सिंह ( मृत्यु 1579)
राजा तेज सिंह ( मृत्यु 1628)

इन 10 पीढ़ियों को बीतते-बीतते अरोड़, तिरौल राज्य में विलय हो चुका था।
तिरौल के अगले राजा प्रताप सिंह ने अपने कार्यकाल 1628 से 1682 की बीच अरोड़ के निकट एक पुराने कस्बे रामपुर में एक किले का निर्माण करवाया। यह किला इन्हीं के नाम यानी प्रताप गढ़ के नाम से जाना जाने लगा।

तिरोल का मुख्यालय अब यही किला बन चुका था। यहां पर राजाओं की 8 पीढ़ियां और बीती !
जिनके नाम हैं क्रमश:

राजा जयसिंह (मृत्यु 1719)
राजा छत्रधारी सिंह (मृत्यु 1735)
राजा पृथ्वीपत सिंह (मृत्यु 1754)
राजा दुनियापत सिंह (मृत्यु 1767)
राजा बहादुर सिंह (मृत्यु 1818)
बाबू अभिमान सिंह
बाबू गुलाब सिंह (मृत्यु 1857)
राजा अजीत सिंह (मृत्यु 1889)

1860 के निकट सैनिक विद्रोह के भड़कने पर अजीत सिंह जी ने ब्रिटिश सरकार को कुछ महत्वपूर्ण सुविधाएं प्रदान की जिसके कारण सुल्तानपुर से भगोड़े विद्रोहियों पर अंकुश लगाया जा सका। बाद में अंग्रेजी सेना से संलग्न होने पर ब्रिटिश सरकार द्वारा पारितोषिक के रूप में उन्हें तिरौल का स्टेट दे दिया गया। जिसमें खेरी, हरदोई और उन्नाव जिले का भी कुछ भूभाग था। 1866 में उन्होंने अपनी संपत्ति से प्रतापगढ़ किले को खरीद कर मरम्मत के द्वारा पुनः पुराने राजाओं की स्मृतियों को जीवंत किया। 1 जनवरी 1877 को उन्हें दुबारा राजा की उपाधि से विभूषित किया गया।
18 दिसंबर 1889 को उनकी मृत्यु के बाद उनके पुत्र प्रताप बहादुर सिंह ने तिलौर राज्य की बागडोर थामी।
1 जनवरी 1898 को अनुवांशिक नियमावली के चलते राजा की उपाधि उन्हें विरासत में प्राप्त हुई। इसी वर्ष द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों में इनकी नियुक्ति माननीय मजिस्ट्रेट के रूप में हुई। 1909 में पदोन्नति के द्वारा प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट अधिकारी के रूप में विभूषित हुए। इन्हें मकंदूगंज, जेठवारा, चंदिकन एवं सोरांव का क्षेत्र सौपा गया। 1912 में शाही विधायिका परिषद में परगना प्रतापगढ़ के माननीय मुंशी के रूप में रहे। 1918 में ब्रिटिश इंडिया संघ में उपाध्यक्ष के रूप में शोभित हुए। 1904 में उन्होंने C.I.E. नामक शैक्षणिक संस्था की स्थापना की।
राजा प्रताप बहादुर सिंह के अनुरोध पर ब्रिटिश सरकार ने तिरोल स्टेट का नाम बदलकर किला प्रतापगढ़ रख दिया।
1920 में ब्रिटिश सरकार द्वारा उन्हें राजा बहादुर की उपाधि से संवर्धित किया गया। उन्होंने 5 शादियां की जिससे उन्हें 4 संतानों की प्राप्ति हुई।
18 जून 1921 में राजा प्रताप बहादुर सिंह की मृत्यु के बाद उनके सबसे छोटे पुत्र राजा अजीत प्रताप सिंह ने प्रतापगढ़ का संचालन किया। 14 जनवरी 1917 को प्रतापगढ़ के कुल्हीपुर में पैदा हुए राजा अजीत प्रताप सिंह जी को 9 मई 1922 को पदभार मिला। उनकी शिक्षा इलाहाबाद के सेंट जोसेफ और कैंब्रिज विश्वविद्यालय में हुई। 1962 एवं 1980 में प्रतापगढ़ लोकसभा सीट से विजयी होकर दो बार सांसद निर्वाचित हुए। 1985 में उत्तर प्रदेश विधायिका परिषद के सदस्य रहे। एक्साइज एवं विदेश मंत्री का पद भी प्राप्त हुआ। उन्होंने दो शादियां की जिससे उनको छह संतानों की प्राप्ति हुई।
6 जनवरी 2000 को राजा अजीत प्रताप सिंह जी की मृत्यु के उपरांत उनके सबसे बड़े पुत्र अभय प्रताप सिंह ने प्रतापगढ़ किले का कार्यभार संभाला। 7 दिसंबर 1936 को पैदा हुए राजा अभय प्रताप सिंह 1991 में जनता दल पार्टी के नेतृत्व में प्रतापगढ़ लोकसभा क्षेत्र से निर्वाचित होकर सांसद के रूप में चुने गए। उनकी दो संताने हुई जिसमें से ज्येष्ठ पुत्र राजा अनिल प्रताप सिंह वर्तमान में सिटी प्रतापगढ़ में स्थित प्रतापगढ़ के ऐतिहासिक किले का संचालन कर रहे हैं।

अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक को देखें-

http://www.indianrajputs.com/view/pratapgarh_taluq
http://members.iinet.net.au/~royalty/ips/p/pratapgarh_up.html
https://hi.wikipedia.org/wiki/प्रतापगढ़,_उत्तर_प्रदेश
Raja Pratap Bahadur Singh (1628–1682), a local king, located his capital at Rampur near the old town of Aror. There he built a Garh (fort) and called it Pratapgarh after himself. Subsequently, the area around the fort started to be known as Pratapgarh. When the district was constituted in 1858, its headquarters was established at Belha, which came to be known as Belha Pratapgarh.

https://en.wikipedia.org/wiki/Pratapgarh,_Uttar_Pradesh
-----------------------------------------------
प्रतापगढ़ हब के बारे में और जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें-
http://www.pratapgarhup.in

प्रतापगढ़ हब फेसबुक पेज को लिखे करें-
http://www.facebook.com/pratapgarh.hub

Twitter पर प्रतापगढ़ हब को follow करें-
https://twitter.com/PratapgarhHUB

Google+ पेज पर प्रतापगढ़ हब को follow करें-
https://plus.google.com/+Pratapgarhhub

इस वीडियो को बनाया और एडिट किया गया है ब्रेन्स नेत्र लैब में
http://www.brainsnetralab.in

Видео History of Pratapgarh | प्रतापगढ़ का इतिहास канала Pratapgarh HUB
Показать
Комментарии отсутствуют
Введите заголовок:

Введите адрес ссылки:

Введите адрес видео с YouTube:

Зарегистрируйтесь или войдите с
Информация о видео
23 августа 2018 г. 7:39:47
00:06:54
Другие видео канала
मकरही हवेली हंसवर अकबरपुर अम्बेडकर नगर | History of Makrahi Haweli Hanswar Akbarpur Ambedkar Nagarमकरही हवेली हंसवर अकबरपुर अम्बेडकर नगर | History of Makrahi Haweli Hanswar Akbarpur Ambedkar Nagarअमिताभ बच्चन परिवार का जीवन इतिहास | History biography of Amitabh Bachchan Familyअमिताभ बच्चन परिवार का जीवन इतिहास | History biography of Amitabh Bachchan FamilyBhadri, Raja Uday Pratap Singh, Kunda, Pratapgarh Documentary Part-2 | भदरी राज राजा उदय प्रताप सिंहBhadri, Raja Uday Pratap Singh, Kunda, Pratapgarh Documentary Part-2 | भदरी राज राजा उदय प्रताप सिंहप्रतापगढ़ जिला (उत्तर प्रदेश) || प्रतापगढ़ का अनूठा इतिहास || Pratapgarh District History (U.P.) ||प्रतापगढ़ जिला (उत्तर प्रदेश) || प्रतापगढ़ का अनूठा इतिहास || Pratapgarh District History (U.P.) ||🚩प्रतापगड किल्ल्याची माहिती व दर्शन🚩 Pratapgad Fort info in Marathi By Arvind, India Travel Videos🚩प्रतापगड किल्ल्याची माहिती व दर्शन🚩 Pratapgad Fort info in Marathi By Arvind, India Travel Videosप्रतापगढ़ जिले के 10 प्रसिद्ध हस्तियां |Famous People From Pratapgarh Uttar Pradeshप्रतापगढ़ जिले के 10 प्रसिद्ध हस्तियां |Famous People From Pratapgarh Uttar Pradeshरायबरेली के प्रमुख स्थलों का इतिहास | history documentary of Raebareli | Raebareli railway stationरायबरेली के प्रमुख स्थलों का इतिहास | history documentary of Raebareli | Raebareli railway stationपत्नी जगरानी से सुनिये बरसाती डाकू की बहादुरी के किस्से...।। Barsati Daku ।। NTTV Bharatपत्नी जगरानी से सुनिये बरसाती डाकू की बहादुरी के किस्से...।। Barsati Daku ।। NTTV Bharatमहोबा का रहस्मयी किला और सुरंग का राज || The secret fort of Mahoba and The secret of tunnel historyमहोबा का रहस्मयी किला और सुरंग का राज || The secret fort of Mahoba and The secret of tunnel historyRaja bhaiya का संतो के बीच दमदार भाषण ,अंग्रेजो और मुगलों ने भारत पर क्यों राज कियाRaja bhaiya का संतो के बीच दमदार भाषण ,अंग्रेजो और मुगलों ने भारत पर क्यों राज कियाPratapgad Fort History | प्रतापगड किल्ला माहितीसह | ३ दिवस ३ किल्ले मोहीमPratapgad Fort History | प्रतापगड किल्ला माहितीसह | ३ दिवस ३ किल्ले मोहीमतिलोई अमेठी का इतिहास | History of Tiloi Amethiतिलोई अमेठी का इतिहास | History of Tiloi Amethiडाकू सुल्ताना का खजाना | Daku Sultana Kila | डाकू सुल्ताना का किला लाल किले से भी मजबूत दीवारें |डाकू सुल्ताना का खजाना | Daku Sultana Kila | डाकू सुल्ताना का किला लाल किले से भी मजबूत दीवारें |Partapgarh District | प्रतापगढ जिला(Part-1) राजस्थान जिला दर्शन |All Competition Exam | By Ankit SirPartapgarh District | प्रतापगढ जिला(Part-1) राजस्थान जिला दर्शन |All Competition Exam | By Ankit SirPratapgarh जिले का 600 साल पुराना अनोखा इतिहास | Facts about Pratapgarh | Knowledge WorldPratapgarh जिले का 600 साल पुराना अनोखा इतिहास | Facts about Pratapgarh | Knowledge Worldप्रयागराज के रहस्यमय स्थान एवं उनका इतिहास | Mysterious hidden places of Prayagraj and their historyप्रयागराज के रहस्यमय स्थान एवं उनका इतिहास | Mysterious hidden places of Prayagraj and their history85 Years Ancient Fort | Prithviganj Raniganj Pratapgarh Uttar Pradesh India85 Years Ancient Fort | Prithviganj Raniganj Pratapgarh Uttar Pradesh IndiaMorning of Benti Kunda Pratapgarh Uttar Pradesh | Raja Bhaiya Residence | 4KMorning of Benti Kunda Pratapgarh Uttar Pradesh | Raja Bhaiya Residence | 4KHistory of Jamo Amethi with Akshay Pratap Singh Gopal ji friend of Raja BhaiyaHistory of Jamo Amethi with Akshay Pratap Singh Gopal ji friend of Raja Bhaiya#ElectionWithBSTV | कुंडा के कुंवर की 15 अनसुनी कहानियां | Raghuraj Pratap Singh |#ElectionWithBSTV | कुंडा के कुंवर की 15 अनसुनी कहानियां | Raghuraj Pratap Singh |
Яндекс.Метрика