ना तोड़-फोड़...ना परेशानी इस छोटे से उपाय से दूर होगा हर घर का वास्तु दोष..!
#DrVasanthVijayJiMaharaj #Spiritual #Motivational #thoughtyoga #krishnagiri
THOUGHT YOGA .
कृष्णगिरी शक्तिपीठाधिपति, राष्ट्रसंत परम् पूज्यश्री डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब के मुखारविंद से "सरल उपाय...100% परिणाम...! "
🛕श्री पार्श्वपद्मावती शक्तिपीठ तीर्थ धाम कृष्णगिरी (तमिलनाडु) के पीठाधिपति, यतिवर्य, राष्ट्रसंत, सर्वधर्म दिवाकर, आध्यात्म योगी, विद्यासागर परम पूज्य गुरुदेव श्रीजी डॉ वसंतविजयजी महाराज साहब एक ऐसे विरल अनूठे व्यक्तित्व के धनी है, जिन्होंने भक्ति और साधना के माध्यम से विश्व क्षितिज पर अमिट छाप अंकित की है। सभी धर्म संप्रदायों के प्रति समान आदर भावना के साथ अपने विराट व्यक्तित्व एवं कृतित्व से भारत को गौरवान्वित करने वाले महान साधक, शिक्षा गुरु, महामानव रूपी विश्व शांति दूत पूज्य गुरुदेव श्रीजी डॉ वसंतविजयजी महाराज साहब को गुजरात के पावन तीर्थ शंकेश्वर में तपागच्छाधिपति, तपागच्छसूर्य, आचार्यदेवेश श्रीमद् प्रेमसूरीश्वरजी महाराजा ने वाहन यात्रा व्यवस्था अनुमतियुक्त यतिदीक्षा देकर सम्पूर्ण विश्व में सेवा एवं धर्म के प्रचार के लिए यतिसंत के रुप में निर्युक्त किया। पूज्य गुरुदेवश्रीजी ने इसके बाद काशी, विंध्यांचल, हिमालय के विभिन्न क्षेत्रों-गुफाओं आदि में मंत्र साधना तथा मंत्र की तरंगों से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा का व्यापक स्तर पर शोध करके मंत्रशक्ति पर अपनी जड़ें मजबूत कीं। उन्होंने अपनी साधना से शरीर को सींचा व अनेक मंत्रों की शक्ति से अपने शरीर की शक्ति को एकत्रित किया
🛕इस प्रकार विभिन्न धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रमों को करते हुए अपनी साधना की दिव्य ऊर्जा से तमिलनाडू प्रांत के कृष्णगिरी में श्री पार्श्वपद्मावती शक्तिपीठ नाम का अतिदिव्य तीर्थ धाम स्थापित किया। जो कि कृष्णगिरी के चैन्नई राष्ट्रीय राजमार्ग पर 23 एकड़ भूमि पर स्थित है। दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य के बेंगलूरु से 90 किलोमीटर तथा तामिलनाडु प्रांत में चैन्नई से 265 किलोमीटर दूर पर कृष्णगिरी नाम के क्षेत्र में पूज्य गुरुदेवश्रीजी द्वारा निर्मित कराए गए श्री पार्श्वपद्मावती शक्तिपीठ नाम का पावन तीर्थ सम्पूर्ण विश्व के श्रद्धासुक्त लाखों-करोड़ों लोगों के आकर्षण का केंद्र है। अपनी कला एवं भव्यता के लिए 1.25 करोड़ कांच के टुकड़ों से बना, कांच की नक्काशीयुक्त श्री सहस्रफणा पार्श्व मंदिर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है। आज इस विश्व प्रसिद्ध विशाल तपोभूमि पर दुनिया के पहले श्री पार्श्वप्रभु के एक विराट मंदिर का निर्माण हो रहा है। जिसकी ऊंचाई 421 फीट होगी, यहां 47 फीट का भव्य समवशरण, 23-23 फीट की भव्यतम चतुर्मुखी नयनाकर्षित एवं भव्यतम श्रीपार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमाएं स्थापित हुई है।
वर्ष-2011 में विश्व शांति नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित हुए डॉ. वसंतविजयजी म.सा. को वर्ष-2015 में 'पब्लिक पीस अवार्ड' से नवाजा गया। राष्ट्रसंत डॉ. वसंतविजयजी म.सा. भारत के प्रथम धर्मगुरु है, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र द्वारा "विश्व शांतिदूत" के रुप में चयनित कर रेड पासपोर्ट प्रदान किया गया है।
📿उल्लेखनीय है कि पूज्य राष्ट्रसंत डॉ. वसंतविजयजी म.सा. ने विगत वर्षों में कोरोना जैसी जानलेवा महामारी पर चिंतन करते हुए मनन किया था कि इससे शारीरिक व्याधि व जनहानि के साथ देश की आर्थिक स्थिति को भी नुकसान हो रहा है। विभिन्न आगम, सूत्र, उपनिषदों एवं मंत्र शास्त्रों का अवलोकन करने के बाद पूज्य गुरुदेवश्रीजी ने निर्णय किया कि श्री धनवंतरी देवता एवं मां महालक्ष्मीजी की आराधना हो तो धनवंतरी देव की कृपा से कोरोना महामारी का असर निष्फल होगा व महालक्ष्मीजी की कृपा से देश पुन: आर्थिक समृद्धि की ओर अग्रसर होकर शिखर पर पहुंचेगा। चिदंबरम के श्रीनटराज मंदिर के 120 विद्वान पंडितों को आमंत्रित कर उनसे संकल्प कराया गया कि पीएम श्री मोदीजी के हर कार्य सफलता के साथ निश्चितकारी बने व देश समृद्धि के शिखर पर पहुंचे तथा आर्थिक संकट से मुक्त हो। साथ ही देशवासी आरोग्यमय रहें। इस सदी के विशालतम महायज्ञ का आयोजन 14 से 23 जुलाई, 2021 को सम्पन्न हुआ। देश की आर्थिक समृद्धि, रोगमुक्ति के लिए किए गए इस अतिदिव्य आयोजन में 7 हजार किलो घी,20 हजार किलो चंदन की लकडिय़ां, 30 हजार किलो विविधप्रकार के मेवे के उपयोग सहित विभिन्न दुर्लभ औषधियों की आहूतियां दी गयीं। इस महायज्ञ में महालक्ष्मी मां के 1 करोड़ मंत्रों से 10 लाख आहूतियों के साथ सम्पूर्ण देश की सुरक्षा, समृद्धि एवं आर्थिक संकट से मुक्ति, कोरोना महामारी से मुक्ति व आरोग्य का एकमात्र दिव्य लक्ष्य लेकर यह विराट महायज्ञ सम्पन्न हुआ। इस दौरान अष्टधातु के गोल्ड प्लेटेड 5500 कलशों मेें भारतीय शास्त्र ग्रंथों में उल्लेखित समृद्धि सुरक्षा को आकर्षित करने वाली 380 प्रकार की अतिदिव्य दुर्लभ औषधियों सहित मां लक्ष्मी के प्रतीक चांदी के सिक्के, शंख, पिरामिड, कछुआ मूर्ति, सभी अनेक रत्न-उपरत्न इत्यादि महादुर्लभतम संग्रह करके अलौकिक कलश को देशभर में घर-घर में भक्तजनों में वितरित कराया गया
🌈पूज्य गुरुदेवश्रीजी के विश्व शांति एवं विभिन्न प्रकार के धार्मिक, सामाजिक तथा रचनात्मक सेवा के विविध प्रयास इतने वृहद्, व्यापक एवं प्रभावशाली रहते हैं कि इनके आयोजनों में करीब 1 दर्जन से अधिक कार्यक्रमों को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड तथा लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सम्मिलित कर विश्व गौरवान्वित हुआ है।
🌈परम पूज्य गुरुदेव श्रीजी ने ध्यान, मंत्र, शास्त्र, संगीत, ज्योतिष एवं साधना के बल पर विभिन्न क्षेत्रों में जो अद्भुत ज्ञान प्राप्त किया है, उसे वैश्विक स्तर पर भक्तजनों तक पहुंचाने के लिए 'थॉट योगा' चैनल को प्रारंभ किया। पूज्य गुरुदेव मोबाइल का उपयोग नहीं करते हैं, इसलिए कृपया फोन या मैसेज ना करें पूज्य गुरुदेव के आगामी कार्यक्रमों के बारे में जानने तथा अन्य जानकारी प्राप्त करने के लिए +91 70105 74963 नंबर पर व्हाट्सएप से जुड़ सकते हैं।धन्यवाद। 🙏जय गुरुदेव🙏
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🛕श्री पार्श्वपद्मावती शक्तिपीठ तीर्थ धाम कृष्णगिरी (तमिलनाडु) के पीठाधिपति, यतिवर्य, राष्ट्रसंत, सर्वधर्म दिवाकर, आध्यात्म योगी, विद्यासागर परम पूज्य गुरुदेव श्रीजी डॉ वसंतविजयजी महाराज साहब एक ऐसे विरल अनूठे व्यक्तित्व के धनी है, जिन्होंने भक्ति और साधना के माध्यम से विश्व क्षितिज पर अमिट छाप अंकित की है। सभी धर्म संप्रदायों के प्रति समान आदर भावना के साथ अपने विराट व्यक्तित्व एवं कृतित्व से भारत को गौरवान्वित करने वाले महान साधक, शिक्षा गुरु, महामानव रूपी विश्व शांति दूत पूज्य गुरुदेव श्रीजी डॉ वसंतविजयजी महाराज साहब को गुजरात के पावन तीर्थ शंकेश्वर में तपागच्छाधिपति, तपागच्छसूर्य, आचार्यदेवेश श्रीमद् प्रेमसूरीश्वरजी महाराजा ने वाहन यात्रा व्यवस्था अनुमतियुक्त यतिदीक्षा देकर सम्पूर्ण विश्व में सेवा एवं धर्म के प्रचार के लिए यतिसंत के रुप में निर्युक्त किया। पूज्य गुरुदेवश्रीजी ने इसके बाद काशी, विंध्यांचल, हिमालय के विभिन्न क्षेत्रों-गुफाओं आदि में मंत्र साधना तथा मंत्र की तरंगों से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा का व्यापक स्तर पर शोध करके मंत्रशक्ति पर अपनी जड़ें मजबूत कीं। उन्होंने अपनी साधना से शरीर को सींचा व अनेक मंत्रों की शक्ति से अपने शरीर की शक्ति को एकत्रित किया
🛕इस प्रकार विभिन्न धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रमों को करते हुए अपनी साधना की दिव्य ऊर्जा से तमिलनाडू प्रांत के कृष्णगिरी में श्री पार्श्वपद्मावती शक्तिपीठ नाम का अतिदिव्य तीर्थ धाम स्थापित किया। जो कि कृष्णगिरी के चैन्नई राष्ट्रीय राजमार्ग पर 23 एकड़ भूमि पर स्थित है। दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य के बेंगलूरु से 90 किलोमीटर तथा तामिलनाडु प्रांत में चैन्नई से 265 किलोमीटर दूर पर कृष्णगिरी नाम के क्षेत्र में पूज्य गुरुदेवश्रीजी द्वारा निर्मित कराए गए श्री पार्श्वपद्मावती शक्तिपीठ नाम का पावन तीर्थ सम्पूर्ण विश्व के श्रद्धासुक्त लाखों-करोड़ों लोगों के आकर्षण का केंद्र है। अपनी कला एवं भव्यता के लिए 1.25 करोड़ कांच के टुकड़ों से बना, कांच की नक्काशीयुक्त श्री सहस्रफणा पार्श्व मंदिर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है। आज इस विश्व प्रसिद्ध विशाल तपोभूमि पर दुनिया के पहले श्री पार्श्वप्रभु के एक विराट मंदिर का निर्माण हो रहा है। जिसकी ऊंचाई 421 फीट होगी, यहां 47 फीट का भव्य समवशरण, 23-23 फीट की भव्यतम चतुर्मुखी नयनाकर्षित एवं भव्यतम श्रीपार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमाएं स्थापित हुई है।
वर्ष-2011 में विश्व शांति नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित हुए डॉ. वसंतविजयजी म.सा. को वर्ष-2015 में 'पब्लिक पीस अवार्ड' से नवाजा गया। राष्ट्रसंत डॉ. वसंतविजयजी म.सा. भारत के प्रथम धर्मगुरु है, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र द्वारा "विश्व शांतिदूत" के रुप में चयनित कर रेड पासपोर्ट प्रदान किया गया है।
📿उल्लेखनीय है कि पूज्य राष्ट्रसंत डॉ. वसंतविजयजी म.सा. ने विगत वर्षों में कोरोना जैसी जानलेवा महामारी पर चिंतन करते हुए मनन किया था कि इससे शारीरिक व्याधि व जनहानि के साथ देश की आर्थिक स्थिति को भी नुकसान हो रहा है। विभिन्न आगम, सूत्र, उपनिषदों एवं मंत्र शास्त्रों का अवलोकन करने के बाद पूज्य गुरुदेवश्रीजी ने निर्णय किया कि श्री धनवंतरी देवता एवं मां महालक्ष्मीजी की आराधना हो तो धनवंतरी देव की कृपा से कोरोना महामारी का असर निष्फल होगा व महालक्ष्मीजी की कृपा से देश पुन: आर्थिक समृद्धि की ओर अग्रसर होकर शिखर पर पहुंचेगा। चिदंबरम के श्रीनटराज मंदिर के 120 विद्वान पंडितों को आमंत्रित कर उनसे संकल्प कराया गया कि पीएम श्री मोदीजी के हर कार्य सफलता के साथ निश्चितकारी बने व देश समृद्धि के शिखर पर पहुंचे तथा आर्थिक संकट से मुक्त हो। साथ ही देशवासी आरोग्यमय रहें। इस सदी के विशालतम महायज्ञ का आयोजन 14 से 23 जुलाई, 2021 को सम्पन्न हुआ। देश की आर्थिक समृद्धि, रोगमुक्ति के लिए किए गए इस अतिदिव्य आयोजन में 7 हजार किलो घी,20 हजार किलो चंदन की लकडिय़ां, 30 हजार किलो विविधप्रकार के मेवे के उपयोग सहित विभिन्न दुर्लभ औषधियों की आहूतियां दी गयीं। इस महायज्ञ में महालक्ष्मी मां के 1 करोड़ मंत्रों से 10 लाख आहूतियों के साथ सम्पूर्ण देश की सुरक्षा, समृद्धि एवं आर्थिक संकट से मुक्ति, कोरोना महामारी से मुक्ति व आरोग्य का एकमात्र दिव्य लक्ष्य लेकर यह विराट महायज्ञ सम्पन्न हुआ। इस दौरान अष्टधातु के गोल्ड प्लेटेड 5500 कलशों मेें भारतीय शास्त्र ग्रंथों में उल्लेखित समृद्धि सुरक्षा को आकर्षित करने वाली 380 प्रकार की अतिदिव्य दुर्लभ औषधियों सहित मां लक्ष्मी के प्रतीक चांदी के सिक्के, शंख, पिरामिड, कछुआ मूर्ति, सभी अनेक रत्न-उपरत्न इत्यादि महादुर्लभतम संग्रह करके अलौकिक कलश को देशभर में घर-घर में भक्तजनों में वितरित कराया गया
🌈पूज्य गुरुदेवश्रीजी के विश्व शांति एवं विभिन्न प्रकार के धार्मिक, सामाजिक तथा रचनात्मक सेवा के विविध प्रयास इतने वृहद्, व्यापक एवं प्रभावशाली रहते हैं कि इनके आयोजनों में करीब 1 दर्जन से अधिक कार्यक्रमों को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड तथा लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सम्मिलित कर विश्व गौरवान्वित हुआ है।
🌈परम पूज्य गुरुदेव श्रीजी ने ध्यान, मंत्र, शास्त्र, संगीत, ज्योतिष एवं साधना के बल पर विभिन्न क्षेत्रों में जो अद्भुत ज्ञान प्राप्त किया है, उसे वैश्विक स्तर पर भक्तजनों तक पहुंचाने के लिए 'थॉट योगा' चैनल को प्रारंभ किया। पूज्य गुरुदेव मोबाइल का उपयोग नहीं करते हैं, इसलिए कृपया फोन या मैसेज ना करें पूज्य गुरुदेव के आगामी कार्यक्रमों के बारे में जानने तथा अन्य जानकारी प्राप्त करने के लिए +91 70105 74963 नंबर पर व्हाट्सएप से जुड़ सकते हैं।धन्यवाद। 🙏जय गुरुदेव🙏
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