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"मौनी अमावस्या पर 😱गाय को खिलाएं😱 यह 1 चीज, मिलेगा शिव-पार्वती का आशीर्वाद 😱और पति की लंबी आयु!"

मौनी अमावस्या पर 😱गाय को खिलाएं😱 यह 1 चीज, मिलेगा शिव-पार्वती का आशीर्वाद 😱और पति की लंबी आयु!
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Rama and his wife Gauri lived in a small village. Rama was a simple farmer, but the whole village respected him for his simplicity and hard work. Gauri, his wife, was a simple but intelligent woman. Both of them were very close.
एक छोटे से गाँव में रमा और उसकी पत्नी गौरी रहते थे। रमा एक साधारण किसान था, लेकिन उसकी सादगी और मेहनत के चलते पूरा गाँव उसकी इज्जत करता था। गौरी उसकी पत्नी, एक सीधी-सादी लेकिन समझदार महिला थी। दोनों का जीवन भले ही साधारण था, परंतु उनका आपसी प्रेम और विश्वास उनकी सबसे बड़ी पूंजी थी।

एक दिन, गाँव के शिव मंदिर में सत्संग का आयोजन हुआ। गाँव के सभी लोग वहाँ इकट्ठा हुए। शिव जी के एक बड़े भक्त, महादेव बाबा, वहाँ प्रवचन कर रहे थे। बाबा ने मौनी अमावस्या के महत्व पर चर्चा शुरू की। बाबा ने कहा, “मौनी अमावस्या का दिन शिव जी और देवी पार्वती को बहुत प्रिय है। इस दिन जो व्यक्ति व्रत रखता है और कुछ विशेष कर्म करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। खासतौर पर सुहागन महिलाओं के लिए यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है।”

गौरी भी अन्य महिलाओं के साथ बड़े ध्यान से बाबा की बातें सुन रही थी। तभी बाबा ने एक कथा सुनानी शुरू की। उन्होंने कहा, “पुराणों में एक कथा आती है। एक समय की बात है, जब देवी पार्वती ने भगवान शिव से पूछा, ‘हे महादेव, क्या ऐसा कोई उपाय है जिससे सुहागन स्त्रियाँ अपने पति की आयु लंबी कर सकें और अपने घर में सुख-समृद्धि ला सकें?’ शिवजी मुस्कुराए और बोले, ‘हे पार्वती, ऐसा उपाय है। जो स्त्रियाँ मौनी अमावस्या के दिन एक विशेष चीज गाय को खिला देती हैं, उनके घर से दरिद्रता दूर हो जाती है और उनके पति की आयु लंबी होती है। लेकिन यह काम सच्चे मन और पूर्ण श्रद्धा से करना आवश्यक है।’

देवी पार्वती ने उत्सुकता से पूछा, ‘भगवन, वह विशेष ची क्या है?’ शिवजी ने बताया, ‘यह चीज है गुड़ और रोटी। इस दिन जो भी महिला गाय को गुड़ और रोटी खिलाती है, उसके घर में कभी दुख नहीं आता। गाय, जो माता का स्वरूप है, वह प्रसन्न होकर अपने आशीर्वाद से उस घर को धन-धान्य और सुख-समृद्धि से भर देती है।’

यह सुनकर गाँव की महिलाओं के बीच उत्सुकता बढ़ गई। गौरी भी इस कथा से बहुत प्रभावित हुई। जब सत्संग समाप्त हुआ, तो घर लौटते समय गौरी ने रमा से कहा, ‘सुनिए, मुझे लगता है कि हमें भी मौनी अमावस्या के दिन यह उपाय करना चाहिए। भगवान शिव और गौ माता का आशीर्वाद हमारे लिए बहुत शुभ होगा।’

रमा ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘बिल्कुल, गौरी। अगर इससे तुम्हें और हमारे घर को सुख-समृद्धि मिलती है, तो हमें अवश्य यह करना चाहिए। लेकिन यह ध्यान रखना कि यह काम पूरी श्रद्धा और सच्चे मन से हो।’

अगले दिन से ही गौरी ने मौनी अमावस्या की तैयारी शुरू कर दी। उसने अपने आंगन में तुलसी का दीपक जलाया और रोज भगवान शिव की पूजा करने लगी। उसने रसोई में ताजी रोटी बनाई और गुड़ को एक थाली में रख दिया। जब मौनी अमावस्या का दिन आया, तो वह जल्दी उठी और स्नान करके पूजा की।

गौरी ने गुड़ और रोटी को कपड़े में बांधा और रमा से कहा, ‘चलो, अब इसे गौ माता को खिलाते हैं।’ गाँव के एक किनारे पर हरी-भरी घास वाला स्थान था, जहाँ अक्सर गायें चरती थीं। रमा और गौरी वहाँ पहुँचे। गौरी ने पूरी श्रद्धा से गाय के पास जाकर उसे गुड़ और रोटी खिलाई। गाय ने बड़े प्रेम से उसे खा लिया और गौरी को अपनी बड़ी-बड़ी आँखों से ऐसे . देखा जैसे आशीर्वाद दे रही हो।

गौरी के दिल को शांति और संतोष का अनुभव हुआ। उसने महसूस किया कि वह कुछ बहुत अच्छा और पुण्य का काम कर रही है। रमा भी यह देखकर खुश था कि गौरी की श्रद्धा इतनी गहरी है।

लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। जैसे ही रमा और गौरी घर लौटे, उन्हें कुछ अजीब अनुभव होने लगा। अचानक उनके घर में एक साधु आया। साधु ने कहा, ‘बेटा, तुमने जो काम किया है, उससे भगवान शिव और गौ माता तुमसे प्रसन्न हैं। मैं तुम्हें आशीर्वाद देने आया हूँ।’

साधु के ये शब्द सुनकर गौरी और रमा चकित हो गए। लेकिन इससे पहले कि वे कुछ और पूछ पाते, साधु मुस्कुराया और कहा, ‘यह आशीर्वाद तो शुरुआत है। जो लोग सच्चे मन से इस काम को करते हैं, उनके जीवन में चमत्कार होने लगते हैं।’

साधु चला गया, लेकिन रमा और गौरी के मन में सवालों का तूफान उठ गया। क्या सच में उनके जीवन में चमत्कार होने वाला था? क्या उनका यह छोटा सा कार्य उनके पूरे परिवार का भाग्य बदल देगा?

आगे की कहानी में यह जानने के लिए रुके रहिए, क्योंकि अभी और भी दिलचस्प घटनाएँ होने वाली हैं।Rama and his wife Gauri lived in a small village. Rama was a simple farmer, but the whole village respected him for his simplicity and hard work. Gauri, his wife, was a simple but intelligent woman. Both of them were very close.
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