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Kailash Mountain 🔱 Back Side View 🔱 Holy Kailash Drone shot #shorts #kailash 3 February 2025

एक यात्री की दृष्टि से - कैलाश पर्वत की दिव्य यात्रा

भूमिकासूरज की पहली किरणें जब हिमालय की बर्फीली चोटियों पर पड़ती हैं, तो ऐसा लगता है जैसे प्रकृति स्वयं जागकर अपने सौंदर्य का प्रदर्शन कर रही हो। उन अनगिनत चोटियों में एक चोटी ऐसी भी है, जो न केवल अपनी ऊँचाई और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जानी जाती है, बल्कि अपनी आध्यात्मिक शक्ति और रहस्य के कारण भी सदियों से श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती आई है—यह है 'कैलाश पर्वत'। इसे भगवान शिव का निवास माना जाता है, और इसका दर्शन मात्र जीवन को पावन कर देता है।

प्रारंभिक यात्रा - तिब्बत की ओर प्रस्थानमेरी यह यात्रा भारत के उत्तराखंड से प्रारंभ हुई, जहाँ से मैंने कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए अनुमति प्राप्त की। काठगोदाम से लेकर धारचूला, फिर लिपुलेख दर्रे को पार करते हुए तिब्बत की भूमि में प्रवेश किया। जैसे ही मैं इस पवित्र भूमि पर पहुँचा, एक अलग ही अनुभूति हुई—शांत वातावरण, ठंडी हवा और चारों ओर फैली पर्वतों की चोटियाँ।

कैलाश पर्वत का प्रथम दर्शनयात्रा का सबसे अद्भुत क्षण वह था, जब दूर क्षितिज में पहली बार कैलाश पर्वत के दर्शन हुए। श्वेत हिम से आच्छादित यह पर्वत एक विशाल शिवलिंग के समान प्रतीत हो रहा था। उसके चारों ओर का वातावरण इतना शांत था कि केवल हवाओं की सरसराहट और कभी-कभी पक्षियों की ध्वनि ही सुनाई देती थी। ऐसा लग रहा था जैसे स्वयं प्रकृति भी इस दिव्य स्थल पर मौन साधे हुए हो।

पौराणिक कथाएँ और महत्वहिंदू मान्यताओं के अनुसार, कैलाश पर्वत भगवान शिव का निवास स्थान है। यह वही स्थान है, जहाँ शिव और पार्वती का दिव्य नृत्य होता है और जहाँ शिव ने अपने तीसरे नेत्र से कामदेव को भस्म कर दिया था। जैन धर्म में इसे अष्टपद पर्वत कहा जाता है, जहाँ प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव ने मोक्ष प्राप्त किया। बौद्ध धर्म में इसे 'कंग रिंपोछे' कहा जाता है, जो अवलोकितेश्वर का पवित्र स्थल माना जाता है।

पारिक्रमा का अनुभवकैलाश पर्वत की परिक्रमा करना हर यात्री का सबसे बड़ा सपना होता है। यह यात्रा लगभग 52 किलोमीटर की होती है और अत्यंत कठिन मानी जाती है।
पहला पड़ाव यम द्वार होता है, जहाँ से वास्तविक परिक्रमा आरंभ होती है। यहाँ आकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे आप स्वर्ग के प्रवेश द्वार पर खड़े हैं।

पहले दिन की यात्रा डिरापुक तक होती है, जो अत्यधिक ऊँचाई पर स्थित एक छोटा सा आश्रय स्थल है। यहाँ से कैलाश पर्वत का उत्तरमुख स्पष्ट रूप से दिखाई देता है, जिसे देख मन में असीम शांति का अनुभव होता है।

दूसरे दिन की यात्रा कठिन होती है, क्योंकि डोल्मा ला पास को पार करना पड़ता है, जो लगभग 5,630 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। इसे पार करना अत्यंत कठिन होता है, लेकिन जैसे ही यात्री इस स्थान को पार करता है, ऐसा लगता है जैसे समस्त कष्टों से मुक्ति मिल गई हो।

तीसरे दिन यात्रा सरल होती है, क्योंकि धीरे-धीरे ऊँचाई कम होती जाती है और परिक्रमा पूरी होने पर एक अद्भुत आत्मिक आनंद की अनुभूति होती है।

मानसरोवर झील का सौंदर्यकैलाश पर्वत की यात्रा के दौरान मानसरोवर झील के दर्शन भी अनिवार्य माने जाते हैं। यह झील पृथ्वी पर सबसे ऊँचाई पर स्थित मीठे पानी की झीलों में से एक है। कहा जाता है कि यहाँ स्नान करने और इसका जल पीने से समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है। रात के समय, जब चंद्रमा की रोशनी इस झील पर पड़ती है, तो झील का पानी चाँदी की भाँति चमकने लगता है, मानो स्वयं भगवान शिव इसमें प्रतिबिंबित हो रहे हों।

कैलाश पर्वत के रहस्यकैलाश पर्वत को लेकर कई रहस्य भी हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह पर्वत अब तक नहीं चढ़ा जा सका है, क्योंकि इसकी संरचना और वातावरण ऐसा है कि कोई भी इसे पार नहीं कर पाता। यहाँ समय से संबंधित भी अजीब घटनाएँ होती हैं—कई यात्रियों ने यह महसूस किया कि यहाँ समय बहुत धीरे चलता है। कुछ वैज्ञानिक इसे एक ऊर्जा केंद्र मानते हैं, जो सकारात्मक शक्ति का स्रोत है।

अंतिम अनुभव और विदाईजब मैं अपनी यात्रा समाप्त कर वापस लौटने लगा, तो मन में अजीब सी शांति थी। यह केवल एक भौतिक यात्रा नहीं थी, बल्कि आत्मा की यात्रा थी। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मैंने जीवन का सबसे महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त कर लिया है।

कैलाश पर्वत केवल एक पर्वत नहीं है, यह एक आध्यात्मिक सत्ता है, जो हमें यह सिखाती है कि सच्चा सुख भौतिक वस्तुओं में नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धि में है। जो भी इस स्थान पर आता है, वह न केवल बाहरी रूप से बल्कि आंतरिक रूप से भी बदल जाता है।

समाप्तिकैलाश की यात्रा केवल एक पर्वतारोहण नहीं, बल्कि आत्म-खोज की यात्रा है। यह हमें सिखाती है कि सच्चा आनंद और मुक्ति केवल बाहरी दुनिया में नहीं, बल्कि हमारी आत्मा में समाहित हैं। और यही कारण है कि हर वर्ष हजारों श्रद्धालु कठिनाइयों के बावजूद यहाँ आते हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि कैलाश पर्वत का दर्शन मात्र ही जीवन को सार्थक बना देता है।

Видео Kailash Mountain 🔱 Back Side View 🔱 Holy Kailash Drone shot #shorts #kailash 3 February 2025 канала Fact Analyzer Baba
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