आखिर सबसे पहला मंदिर कब बना ? || 99% हिन्दू नहीं जानते दुनिया के पहले मंदिर की कहानी || First temple
महादेव के सच्चे भक्तो के लिए एक बहुत ही ख़ास Mobile App जिसमे है आपके लिए भोलेनाथ से जुडी रोचक और रहस्य्मयी जानकारी..अभी डाउनलोड करे :- http://bit.ly/3abYQtW
#firsthindutemple #mysterioustempleofindia #mandirdarshan
हिन्दुओं ने मंदिर बनाकर कब से पूजा और प्रार्थना करना शुरू किया। आखिर हिन्दू मंदिर निर्माण की शुरुआत कब हुई और क्यों? मंदिर की प्राचीनता के प्रमाण क्या हैं? आओ जानते हैं इसका उत्तर।
प्राचीनकाल में वैदिक लोग अपने आश्रम या सभा स्थल पर वेदी बनाकर इकट्ठे होकर समूह रूप में प्रार्थना करते थे। इसके पहले से ही हिन्दू समाज के अधिकतर लोग किसी वृक्ष के नीचे एक पत्थर रखकर उसे अपना देवता मानकर उसे पूजते थे। वो पत्थर उनके देवता का प्रतीक होता था। आज भी यह प्रचलन में है।
सोमनाथ के मंदिर के होने का उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है इससे यह सिद्ध होता है भारत में मंदिर परंपरा कितनी पुरानी रही है। इतिहासकार मानते हैं कि ऋग्वेद की रचना 7000 से 1500 ईसा पूर्व हई थी अर्थात आज से 9 हजार वर्ष पूर्व। यूनेस्को ने ऋग्वेद की 1800 से 1500 ई.पू. की 30 पांडुलिपियों को सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में शामिल किया है। उल्लेखनीय है कि यूनेस्को की 158 सूची में भारत की महत्वपूर्ण पांडुलिपियों की सूची 38 है। पांडुलिपियों के लेखन से पूर्व ही वेदों के ज्ञान को परंपरा के तहत कंठस्थ किए जाने का प्रचलन रहा है। भाषा विज्ञानियों के अनुसार 10 हजार वर्ष पूर्व भाषाओं की लिपियों का अविष्कार हुआ था।
वैदिक ऋषि जंगल के अपने आश्रमों में ध्यान, प्रार्थना और यज्ञ करते थे। हालांकि लोकजीवन में मंदिरों का महत्व उतना नहीं था जितना आत्मचिंतन, मनन और शास्त्रार्थ का था। फिर भी आम जनता शिव और पार्वती के अलावा नगर, ग्राम और स्थान के देवी-देवताओं की प्रार्थना करते थे। सिंधुघाटी की सभ्यता में पाई गई शिव और नंदी की मूर्ति के अलावा अन्य देवताओं की मूर्ति और मुद्राएं इस बात कर प्रमाण है।
राम के काल में सीता द्वारा गौरी पूजा करना इस बात का सबूत है कि उस काल में देवी-देवताओं की पूजा का महत्व था और उनके घर से अलग पूजास्थल होते थे। इसी प्रकार महाभारत में दो घटनाओं में कृष्ण के साथ रुक्मणि और अर्जुन के साथ सुभद्रा के भागने के समय दोनों ही नायिकाओं द्वारा देवी पूजा के लिए वन में स्थित गौरी माता (माता पार्वती) के मंदिर की चर्चा है। इसके अलावा युद्ध की शुरुआत के पूर्व भी कृष्ण पांडवों के साथ गौरी माता के स्थल पर जाकर उनसे विजयी होने की प्रार्थना करते हैं।
Видео आखिर सबसे पहला मंदिर कब बना ? || 99% हिन्दू नहीं जानते दुनिया के पहले मंदिर की कहानी || First temple канала Mandir Darshan
#firsthindutemple #mysterioustempleofindia #mandirdarshan
हिन्दुओं ने मंदिर बनाकर कब से पूजा और प्रार्थना करना शुरू किया। आखिर हिन्दू मंदिर निर्माण की शुरुआत कब हुई और क्यों? मंदिर की प्राचीनता के प्रमाण क्या हैं? आओ जानते हैं इसका उत्तर।
प्राचीनकाल में वैदिक लोग अपने आश्रम या सभा स्थल पर वेदी बनाकर इकट्ठे होकर समूह रूप में प्रार्थना करते थे। इसके पहले से ही हिन्दू समाज के अधिकतर लोग किसी वृक्ष के नीचे एक पत्थर रखकर उसे अपना देवता मानकर उसे पूजते थे। वो पत्थर उनके देवता का प्रतीक होता था। आज भी यह प्रचलन में है।
सोमनाथ के मंदिर के होने का उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है इससे यह सिद्ध होता है भारत में मंदिर परंपरा कितनी पुरानी रही है। इतिहासकार मानते हैं कि ऋग्वेद की रचना 7000 से 1500 ईसा पूर्व हई थी अर्थात आज से 9 हजार वर्ष पूर्व। यूनेस्को ने ऋग्वेद की 1800 से 1500 ई.पू. की 30 पांडुलिपियों को सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में शामिल किया है। उल्लेखनीय है कि यूनेस्को की 158 सूची में भारत की महत्वपूर्ण पांडुलिपियों की सूची 38 है। पांडुलिपियों के लेखन से पूर्व ही वेदों के ज्ञान को परंपरा के तहत कंठस्थ किए जाने का प्रचलन रहा है। भाषा विज्ञानियों के अनुसार 10 हजार वर्ष पूर्व भाषाओं की लिपियों का अविष्कार हुआ था।
वैदिक ऋषि जंगल के अपने आश्रमों में ध्यान, प्रार्थना और यज्ञ करते थे। हालांकि लोकजीवन में मंदिरों का महत्व उतना नहीं था जितना आत्मचिंतन, मनन और शास्त्रार्थ का था। फिर भी आम जनता शिव और पार्वती के अलावा नगर, ग्राम और स्थान के देवी-देवताओं की प्रार्थना करते थे। सिंधुघाटी की सभ्यता में पाई गई शिव और नंदी की मूर्ति के अलावा अन्य देवताओं की मूर्ति और मुद्राएं इस बात कर प्रमाण है।
राम के काल में सीता द्वारा गौरी पूजा करना इस बात का सबूत है कि उस काल में देवी-देवताओं की पूजा का महत्व था और उनके घर से अलग पूजास्थल होते थे। इसी प्रकार महाभारत में दो घटनाओं में कृष्ण के साथ रुक्मणि और अर्जुन के साथ सुभद्रा के भागने के समय दोनों ही नायिकाओं द्वारा देवी पूजा के लिए वन में स्थित गौरी माता (माता पार्वती) के मंदिर की चर्चा है। इसके अलावा युद्ध की शुरुआत के पूर्व भी कृष्ण पांडवों के साथ गौरी माता के स्थल पर जाकर उनसे विजयी होने की प्रार्थना करते हैं।
Видео आखिर सबसे पहला मंदिर कब बना ? || 99% हिन्दू नहीं जानते दुनिया के पहले मंदिर की कहानी || First temple канала Mandir Darshan
Показать
Комментарии отсутствуют
Информация о видео
Другие видео канала
Vrindavan का सबसे पहला और प्राचीन मंदिर | Oldest Hindu Templeवैज्ञानिक भी है हैरान इन खोजों से || Most Incredible Recent Archaeological Discoveriesबैजनाथ की रहस्यमयी गुफाएं, आप भी हो जाएंगे हैरान Baijnath Mysterious cavesभयंकर चुड़ैल आज भी करती है इस किले के खजाने की रखवाली || Top 7 Most Dangerous Forts Of India19 World biggest Temple | 19 विश्व के सबसे विशाल मंदिरकोणार्क का सूर्य मंदिर.. जहां मंदिर बनने से आज तक पूजा नहीं हुई.. जानिए क्यों नहीं होती है यहां पूजाश्रीराम का अद्भुतधाम | रामायण से जुड़ी निशानियां | Aadhi Haqeeqat Aadha Fasanaमहादेव के दो मंदिरों का रहस्य, देखिये चमत्कार की खास कहानी | Aadhi Haqeeqat Aadha Fasanaदुनिया के इस प्राचीन हिन्दू मंदिर के बारे में नहीं जानते भारतीय | Angkor Wat: City Of The God Kingsकैलाश मंदिर में बड़ा चमत्कार | महादेव शिव के चमत्कार | Mahadev ke Chamatkarभगवान शिव के पांच सबसे रहस्यमयी मंदिर | Five mysterious temples of Lord Shivaरहस्य में देखिए हनुमान जी के जन्मस्थान का प्रमाण !हिन्दू देवताओं के सबसे शक्तिशाली अस्त्र शस्त्र! | The Most Powerful Weapons From Hindu Mythologyधरती के नीचे मिला हजारों साल पुराना रहस्यमयी शहर | Unsolved Mysterious Places Found On Earthवो गुफा जहां शिव को मिली थी शरण, आज भी है ठीक वैसीभारत का सबसे खतरनाक किला जिन्न करता है उसकी रखवाली। Most Mysterious Fort Of Indiaजब एक जिन्दा स्त्री भगवान की मूर्ति में समा गई सब लोग देख के डर गये - द्वारका की सच्ची कहानी |KahaniKailashnath Temple & Ratha's of Mahabalipuramबदरीनाथ मंदिर में आखिर क्यों नहीं बजाया जाता शंख ? वजह जानकार हैरान रह जाओगेभारत में यह क्या मिल गया जिससे पूरी दुनिया हैरान है || Gyani Chor Bawadi and Tantrik Bawadi