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कोर्ट की प्रक्रिया समझने के लिए क्या करें? यंग एडवोकेट्स तथा समाज के लिए जानने योग्य आवश्यक जानकारी

in this video I am explaining the court procedure which must know by the young the procedure is very important without which you cannot conduct the case in the court of law. how the plaint is drafted how written statement what are the issues what are the evidence, what is the appreciation of evidence how the judgement is written by judge all these issues must know for which you can practice in district Court of your district .
इस वीडियो में जो बताया जा रहा है कि कोर्ट की प्रक्रिया को जानिए, कोर्ट की प्रक्रिया क्यों समझना जरूरी होता है, यह सभी लॉ फील्ड से जुड़े हुए लोग जो किसी कॉम्पिटेटिव एक्जाम को देना चाहते हैं, प्रेक्टिस करना चाहते हैं ,कहीं लॉसे संबंधित सेवा करना चाहते हैं, उनके लिए इस वीडियो को शुरू से अंत तक देखना अत्यंत महत्वपूर्ण है ,इसमें बताई गई बातों को बारीकी से समझे तथा उसका लाभ उठाएं। थ्योरी और प्रैक्टिकल में जमीन आसमान का अंतर होता है, यह आपको जानना चाहिए।
और प्रक्रिया,LLB परीक्षा पास करने के दौरान पढ़ाई करने के दौरान तथा। प्रैक्टिकल में जमीन आसमान का अंतर होता है। यह केवल कोर्ट में दो-तीन साल प्रेक्टिस करने पर ही आपको बेसिक नियम समझ में आएंगे। आप आप बाद में हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करें, या AOR की परीक्षा पास करने के बाद सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करें।
गैंग लॉयर्स जिन्होंने हाल ही में तीन या पांच साल का एलएलबी कोर्स किया है कोर्ट में जाने के लिए उन्हें एक बार काउंसिल आफ इंडिया का एग्जामिनेशन पास करना होता है उसके बाद रिपोर्ट जाने लगते हैं कोर्ट में जाने के लिए किसी सीनियर का सहारा लेना होता है पिटीशन कैसे प्राप्त होती है इसके लिए कोटेशन कैसे प्राप्त करने के बाद दवा कैसे बनेगा इश्यूज कैसे बनते हैं एविडेंस कैसे होती है अरगुमेंट्स कैसे होते हैं जजमेंट कैसे लिखा जाता है प्रोसीजर कैसे फॉलो होता है खुद कैसे कैसे लड़ सकते हैं हाउ टू फाइट ए केस में रिपोर्ट विदाउट लॉयर।
प्रक्रिया समझने के पहले विशेष तौर पर सिविल प्रोसीजर , criminal ke procedure का gyan होना जरूरी है इसके अलावा क्रिमिनल मामलों में आईपीसी, सीआरपीसी, एविडेंस के साथ-साथ नए कानून जो 1 जुलाई 2024 भारतीय न्याय संहिता,भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता का ज्ञान होना आवश्यक है। इसके अलावा इंडियन एविडेंस एक्ट का ज्ञान होना आवश्यकहै।
साथी किसी सीनियर एडवोकेट जिसे सभी कानून की फील्ड में मारा था हासिल और ज्ञानी नामी हो आप उसके अधीन दो-तीन वर्ष तक कार्य करके ऑफिस में जाकर कोर्ट में साथ जाकर ड्राफ्टिंग प्लीडिंग कन्विंसिंग का ज्ञान ले सकते हैं यह बहुत आवश्यक है इसके साथ ही आजकल कई कोचिंग वगैरह भी इस बारे में पढ़ते हैं प्रैक्टिकल ज्ञान का होना जरूरी है तभी आप लाइफ में आगे बढ़ सकते हैं।
कोई भी क्लाइंट अपने केस को बड़े अच्छे से जानता है जैसे वह खुद केस लड़ सकता है खुद एक प्लेयर हो सकता है 10 साल की आवश्यकता होती है दस्तावेज का प्रमाणित होते हैं कैसे प्रमाणित किया जाते हैं कैसे दस्तावेजों का मूल्यांकन होता है इन बातों को जानना चाहिए वकीलों को कवर करने के लिए धारा 32 एडवोकेट एक्ट में परमिशन ऑफ़ द कोर्ट से कैसे को खुद रिप्रेजेंट कर सकते हैं। कर्नाटक और मध्य प्रदेश में रजिस्ट्री से एडवोकेट कैंपस सिटी में कैसे करने परमिशन पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी सुप्रीम कोर्ट ने गोवा एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्यूटिकल एक इसमें कैसे वकील पहले कर सकते हैं गूगल पर जाकर फॉर्मेट निकाल सकते हैं रूल्स रेगुलेशन को भी जानना जरूरी रहता है कोर्ट क्लर्क से जानकारी हो सकता है साइलेंट मोड पर मोबाइल को रखना कोर्ट में जरूरी होता है। किसी केस को आर्मी करते हैं अपनी बात अच्छे से रखें।
सभी उपरोक्त बातों को जानना आवश्यक होता है इसके लिए किसी सीनियर की मदद की आवश्यकता होती है उसके ऑफिस में होता है, कोर्ट की प्रक्रिया का ज्ञान होना एवं समझना होता है। क्योंकि आगे आप जब भी को फील्ड में किसी भी तरह से चाहे को ऑफीसर अप सिविल जज एडीपीओ अज लॉ ऑफीसर आदि की परीक्षा में बैठते हैं तो इन चीजों का ज्ञान आपके जीवन में काम आएगा।
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