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🙏वो चाहती तो पंख फैलाकर उड़ सकती थी... भाग सकती थी... और खुद को बचा सकती थी।लेकिन उसने ऐसा नहीं किया

वो चाहती तो पंख फैलाकर उड़ सकती थी... भाग सकती थी... और खुद को बचा सकती थी।

लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। उसने कोशिश तक नहीं की। वो वहीं रुकी रही... उसके सबसे कीमती खजाने के पास...

यह छोटी सी देह जो राख के बीच अब भी पड़ी है, सिर्फ एक पक्षी की नहीं है -यह एक माँ की देह है।

प्रकृति की एक गुमनाम नायिका, जो मर गई, करते हुए वही काम जो वो सबसे अच्छे से जानती थी अपनी सबसे अनमोल चीज़ की देखभाल ।

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