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हमारा राष्ट्रीय पशु शेर क्यों नहीं है ?? Why is our national Animal not Lion??

शेर को हम जंगल का राजा कहते हैं, दुर्गा जी का वाहन भी शेर ही माना गया है | फिर जैन धर्म के २४वें तीर्थंकर भगवन महावीर स्वामी का चिन्ह भी शेर ही था |इसके अलावा सम्राट अशोक के स्तम्भ में भी ४ शेरो को दर्शाया गया है और आजादी के बाद में इसे ही राष्ट्रीय चिन्ह के रूप में स्वीकार किया गया है | तो दोस्तों इतिहास में इतना महत्वपूर्ण होने के बाद भी टाइगर मतलब बाघ को देश का नेशनल एनिमल क्यों बनाया गया। ये बहुत सोचने वाली बात है ।।
तो दोस्तों सच ये है की टाइगर शुरू से भारत का नेशनल एनिमल था ही नहीं | देश आजाद होने के बाद जब 1952 में राष्ट्रीय पशु, पक्षी घोषित किये गए तो शेर को ही भारत का नेशनल एनिमल बनाया गया था | जी हाँ दोस्तों भारत का नेशनल एनिमल शेर ही था।।
1948 में गुजरात नेशनल हिस्ट्री सोसाइटी ने गुजरात में पाए जाने वाले गिर शेरो के लिए एक कम्पैन चलाया जिससे प्रभावित हो कर पंडित नेहरू जी ने 1952 में लायन मतलब शेर को देश का नेशनल एनिमल डिक्लेअर किया |
तो दोस्तों जब शेर को नेशनल एनिमल बना दिया गया था तो फिर टाइगर को कब और कैसे नेशनल एनिमल बनाया गया अब ये जानते हैं | ये बात तब की है जब इंदिरा गाँधी देश प्रधानमंत्री थी। मिस इज गाँधी एनवायरनमेंट क लिए बहुत सजग और जागरूक थीं | कांग्रेस के राजनेता जयराम रमेश की किताब "इंदिरा गाँधी : अ लाइफ इन नेचर " में मिस इस गाँधी के प्रकृति प्रेम के पहलु को दिखाया है।
ये दौर भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रकृति के लिए अभियान शुरू होने का दौर था | 1972 में स्टॉकहोम में आयोजित प्रथम संयुक्त राष्ट्र के मानवीय पर्यावरण सम्मेलन में आयोजक देश के अलावा वह एकमात्र राष्ट्राध्यक्ष थीं, जिन्होंने अपनी बात रखी थी। 1976 में इंदिरा गाँधी सरकार ने फारेस्ट और वन्य जीव संरक्षण जैसे विषयों को राज्य की सूचि से हटाकर कॉनकरेंट सूची में रखवाया ताकि वो इन विषयों पर अबाध रूप से कानून बना सकें |
दरअसल अंग्रेजों ने जंगली जानवरों का, विशेष रूप से बाघों का बहुत शिकार किया.... कुछ तो मनोरंजन के लिए और कुछ उनके मखमली फर के लिए | 1973 में सरकारी अधिकारियो ने ये अनुमान लगाया की बाघों की संख्या गिर गिर का 1820 ही बची है जो की सदी की शुरुआत में 40,000 से 50,000 के आस पास हुआ करती थी | केवल 70 सालों में प्रकृति का इतना ह्रास बहुत चिंतनीय विषय था |
इससे प्रभावित हो कर श्री मति इंदिरा गाँधी सरकार ने 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर लांच किया और इसे मजबूती प्रदान करने के लिए देश का नेशनल एनिमल रॉयल बंगाल टाइगर को बनाया ताकि लोग बाघों की गिरती संख्या के बारे में जागरूक हो सकें | और दोस्तों उस क्रन्तिकारी कदम का फल देखो की आज देश में 50 टाइगर रिजर्व्स है और बाघों की संख्या बढ़ कर 2967 हो चुकी है और इसमें सबसे ज्यादा टाइगर मध्यप्रदेश में ही हैं |
शेरों की भी दोस्तों कुछ ऐसी ही कहानी है | पूरे उपमहाद्वीप में पाया जाने वाला शेर अब केवल गुजरात के गिर नाम क्षेत्र में ही पाया जाता है | प्रोजेक्ट टाइगर की अपार सफलता के बाद मोदी जी की सरकार ने टाइगर की जगह लायन को नेशनल एनिमल बनाने के प्रपोजल पर विचार भी किया था पर उस पर अभी तक उस पर कुछ फैसला नही हो सका है |

Currently Tiger is our national animal. But after independence the then prime minister Pandit Nehru declared Lion as our National Animal in 1952. But later with declining population of tigers in 1973 Mrs. Indira Gandhi declared Royal Bengal Tiger as our National animal and along with this launched "project tiger" to safeguard the tigers habitat.
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Видео हमारा राष्ट्रीय पशु शेर क्यों नहीं है ?? Why is our national Animal not Lion?? канала Brainy Leaf
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18 октября 2020 г. 18:33:58
00:05:39
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