सत्संग # १५: प्रेम, आसक्ति,मोह, चक्र, अहम्,साक्षी भाव, साधक का जीवन
ऑनलाइन सत्संग में साधकों का स्वागत है। सत्संग में आध्यात्मिक विषयों जैसे ज्ञानमार्ग, योग, अद्वैत, वेदांत तथा सामाजिक कुरीतियों इत्यादि पर प्रश्न पूछ सकते हैं।
चैनल विज्ञापन रहित है तथा किसी व्यावसायिक उद्देश्य से प्रेरित होकर नहीं बनाया गया है।
हर रविवार शाम 6 से 7 बजे
टेलीग्राम ग्रुप : https://t.me/tatvabodhsatsang
संपर्क करें : tatvabodh01@gmail.com
https://oormi.in/bt/dispvid.php?lang=hi&listid=53&id=456
प्रेम#आसक्ति#मोह#चक्र#अहम्#साक्षी भाव#साधक का जीवन
Видео सत्संग # १५: प्रेम, आसक्ति,मोह, चक्र, अहम्,साक्षी भाव, साधक का जीवन канала तत्वबोध Tatvabodh
चैनल विज्ञापन रहित है तथा किसी व्यावसायिक उद्देश्य से प्रेरित होकर नहीं बनाया गया है।
हर रविवार शाम 6 से 7 बजे
टेलीग्राम ग्रुप : https://t.me/tatvabodhsatsang
संपर्क करें : tatvabodh01@gmail.com
https://oormi.in/bt/dispvid.php?lang=hi&listid=53&id=456
प्रेम#आसक्ति#मोह#चक्र#अहम्#साक्षी भाव#साधक का जीवन
Видео सत्संग # १५: प्रेम, आसक्ति,मोह, चक्र, अहम्,साक्षी भाव, साधक का जीवन канала तत्वबोध Tatvabodh
Показать
Комментарии отсутствуют
Информация о видео
Другие видео канала
सत्संग # २५ : सत्य का मानदंड, विसत्य और असत्य, चेतना, बुद्धि की सीमा, प्रेम व आनंदसत्संग # ०८ : अहम्,असंतोष, सत्य,असत्य,मिथ्यासत्संग # ०२ : आध्यात्मिक अनुभव, चक्र, कुण्डलिनी, चेतना, चित्तसत्संग # ४०: भक्तिमार्ग, योगमार्ग, ज्ञानमार्ग, प्रारब्ध, मार्गों की उपयोगिता , साधना और उत्तरजीवितासत्संग # २० : भय,अहम् भाव और कर्म, शरीर और मन,कारण शरीर, दिमाग और चित्त,जागृतावस्था और स्वप्नावस्थासत्संग # ३३ : गुरुक्षेत्र, माया और अनुभवकर्ता , प्रारब्ध , सूक्ष्म अहंकारसत्संग # ४१ : आनन्द, चित्त, कारण शरीर, चेतना,सत्संग # ०३ : साधकों में प्रचलित मान्यताएं ,मुक्ति, सिद्धियां, ब्रह्मचर्य, सामाजिक कुरीतियांसत्संग # २६ : अनुभवकर्ता का कारण, मानव चित्त, चित्त का तत्व, कर्ता का सिद्धांत, स्मृतिसत्संग # २९: परमानंद,चित्त, स्मृति,मन, सांसारिक वृत्ति,कर्मों पर नियंत्रण,कर्ता और भोक्ता,कर्ता भावसत्संग # ३९ : ज्ञान, अज्ञान,अज्ञेयता, भक्तिमार्ग, ज्ञानमार्ग, साक्षी भाव, चित्त का विकासज्ञानसत्संग # १०: योगमार्ग, ज्ञानमार्ग, चित्त, मन, चित्त की अवस्थाएं ,अनुभव,अज्ञेयता, कारण शरीर, बंधन,जीवसत्संग # ३२: इच्छा पूर्ति और सुख, इच्छा,भाषा शुद्धि, ज्ञान के बाद चित्त परिवर्तनसत्संग # १३: मुक्ति, स्मृति, उदासी, कर्म-बन्धन्, संस्कार, बुद्धि और तर्क, दृष्टि -सृष्टि, साक्षी भावसत्संग # २७:अनुभवकर्ता का तत्व, चित्त की विश्राम अवस्था, अज्ञेय,मानव चित्त और देव चित्त, पुनर्जन्म,सत्संग # ३७ : चेतना, साक्षी भाव, शांति और आनंद,सत्संग # ०४ : माया , मिथ्या , अज्ञता ,अनंत ,चेतना , अपरोक्ष अनुभव , चित्त के नियमसत्संग # ०५ : साधक का जीवन, परिवार और समाज का दृष्टिकोणसत्संग # ३४ : भाव और विचार, बोधिसत्ववृत्ती, चेतना, साक्षी भाव