Shanivar Special Shani Bhagwan Aarti || Shani Bhajan || शनिवार स्पेशल शनि भगवान आरती
Shanivar Special Shani Bhagwan Aarti || Shani Bhajan || शनिवार स्पेशल शनि भगवान आरती
शनिदेव, न्याय के देवता हैं. वे भगवान सूर्य और माता छाया के पुत्र हैं. शनिदेव को क्रूर ग्रह माना जाता है. वे कर्मों के अनुसार लोगों को उचित फल और दंड देते हैं.
शनिदेव से जुड़ी कुछ खास बातें:
शनिदेव को कृष्ण का परम भक्त माना जाता है.
शनिदेव को गिद्ध पर सवारी करते हुए दिखाया जाता है.
शनिदेव के हाथों में धनुष, बाण, और त्रिशूल होता है.
शनिदेव के शरीर पर नीले रंग के वस्त्र होते हैं.
शनिदेव को न्याय का देवता या दंडाधिकारी भी कहा जाता है.
शनिदेव की पत्नी का नाम नीलादेवी या धामिनी था.
शनिदेव की बहन का नाम यमुना था.
शनिदेव को 33 देवताओं में से एक माना गया है.
शनिदेव से जुड़ी कुछ मान्यताएं:
शनिदेव से जुड़ी कुछ मान्यताएं हैं कि वे जिन लोगों को दंडित करते हैं, उनका जीवन कष्टों से भर जाता है.
शनिदेव से जुड़ी कुछ मान्यताएं हैं कि वे जिन लोगों पर अपनी दृष्टि डालते हैं, उन पर विपत्ति आती है.
शनिदेव से जुड़ी कुछ मान्यताएं
शास्त्रों के अनुसार, शनि देव भगवान सूर्य तथा माता छाया के पुत्र हैं। इन्हें क्रूर ग्रह का श्राप उनकी पत्नी से प्राप्त हुआ था। इनका वर्ण कृष्ण है और यह कौए की सवारी करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शनिदेव श्री कृष्ण के अनन्य भक्त थे और बाल्यावस्था में ही भगवान श्री कृष्ण की आराधना में लीन रहते थे।
पुराणों के अनुसार, भगवान शिव के एक अवतार पिप्पलाद थे. ये भगवान शिव के परम भक्त दधीचि मुनि के पुत्र थे. पुराणों के अनुसार, भगवान शिव ने अपने परम भक्त दधीचि मुनि के यहां उनके पुत्र रूप में अवतार लिया था
हालांकि कुछेक ग्रंथों में शनिदेव का जन्म भाद्रपद मास की शनि अमावस्या को माना गया है। शनिदेव के अन्य नाम : यमाग्रज, छायात्मज, नीलकाय, क्रुर कुशांग, कपिलाक्ष, अकैसुबन, असितसौरी और पंगु इत्यादि। शनि को 33 देवताओं में से एक भगवान सूर्य का पुत्र माना गया है। उनकी माता का नाम छाया है।
शनिदेव सूर्य देव और माता छाया के पुत्र थे।। सूयॅ देव नारायण के अवतार हे ऐव सभी ग्रह के अधिपति ऐव अधिदेव माने जाते है ।। शनि देव को न्याय के देवता भी माना जाता है अर्थात संपूर्ण बम्हांड ऐव पृथ्वी वाशी को वे न्याय देने मे सक्षम ऐव बाध्य देव हैं। ऐसा शास्त्रों में कहा गया है।
इन्हीं में से एक कथा राम भक्त हनुमान और शनिदेव की मित्रता की है। इस बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं हनुमान जी और शनिदेव एक दूसरे के परम मित्रत थे। भगवान हनुमान पवन देव के पुत्र हैं, इसलिए उन्हें पवन पुत्र हनुमान के नाम से पुकारा जाता है। वहीं शनिदेव सूर्य देव के पुत्र हैं।
Видео Shanivar Special Shani Bhagwan Aarti || Shani Bhajan || शनिवार स्पेशल शनि भगवान आरती канала शुभ लाभ भक्ति
शनिदेव, न्याय के देवता हैं. वे भगवान सूर्य और माता छाया के पुत्र हैं. शनिदेव को क्रूर ग्रह माना जाता है. वे कर्मों के अनुसार लोगों को उचित फल और दंड देते हैं.
शनिदेव से जुड़ी कुछ खास बातें:
शनिदेव को कृष्ण का परम भक्त माना जाता है.
शनिदेव को गिद्ध पर सवारी करते हुए दिखाया जाता है.
शनिदेव के हाथों में धनुष, बाण, और त्रिशूल होता है.
शनिदेव के शरीर पर नीले रंग के वस्त्र होते हैं.
शनिदेव को न्याय का देवता या दंडाधिकारी भी कहा जाता है.
शनिदेव की पत्नी का नाम नीलादेवी या धामिनी था.
शनिदेव की बहन का नाम यमुना था.
शनिदेव को 33 देवताओं में से एक माना गया है.
शनिदेव से जुड़ी कुछ मान्यताएं:
शनिदेव से जुड़ी कुछ मान्यताएं हैं कि वे जिन लोगों को दंडित करते हैं, उनका जीवन कष्टों से भर जाता है.
शनिदेव से जुड़ी कुछ मान्यताएं हैं कि वे जिन लोगों पर अपनी दृष्टि डालते हैं, उन पर विपत्ति आती है.
शनिदेव से जुड़ी कुछ मान्यताएं
शास्त्रों के अनुसार, शनि देव भगवान सूर्य तथा माता छाया के पुत्र हैं। इन्हें क्रूर ग्रह का श्राप उनकी पत्नी से प्राप्त हुआ था। इनका वर्ण कृष्ण है और यह कौए की सवारी करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शनिदेव श्री कृष्ण के अनन्य भक्त थे और बाल्यावस्था में ही भगवान श्री कृष्ण की आराधना में लीन रहते थे।
पुराणों के अनुसार, भगवान शिव के एक अवतार पिप्पलाद थे. ये भगवान शिव के परम भक्त दधीचि मुनि के पुत्र थे. पुराणों के अनुसार, भगवान शिव ने अपने परम भक्त दधीचि मुनि के यहां उनके पुत्र रूप में अवतार लिया था
हालांकि कुछेक ग्रंथों में शनिदेव का जन्म भाद्रपद मास की शनि अमावस्या को माना गया है। शनिदेव के अन्य नाम : यमाग्रज, छायात्मज, नीलकाय, क्रुर कुशांग, कपिलाक्ष, अकैसुबन, असितसौरी और पंगु इत्यादि। शनि को 33 देवताओं में से एक भगवान सूर्य का पुत्र माना गया है। उनकी माता का नाम छाया है।
शनिदेव सूर्य देव और माता छाया के पुत्र थे।। सूयॅ देव नारायण के अवतार हे ऐव सभी ग्रह के अधिपति ऐव अधिदेव माने जाते है ।। शनि देव को न्याय के देवता भी माना जाता है अर्थात संपूर्ण बम्हांड ऐव पृथ्वी वाशी को वे न्याय देने मे सक्षम ऐव बाध्य देव हैं। ऐसा शास्त्रों में कहा गया है।
इन्हीं में से एक कथा राम भक्त हनुमान और शनिदेव की मित्रता की है। इस बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं हनुमान जी और शनिदेव एक दूसरे के परम मित्रत थे। भगवान हनुमान पवन देव के पुत्र हैं, इसलिए उन्हें पवन पुत्र हनुमान के नाम से पुकारा जाता है। वहीं शनिदेव सूर्य देव के पुत्र हैं।
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22 марта 2025 г. 4:30:08
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