भूतनाथ मंदिर ऋषिकेश - भगवान शिव की बारात ने किया था यहाँ रात्रि विश्राम | 4K | दर्शन 🙏
हर हर महादेव. भगवान भोलेनाथ को समर्पित यह जयघोष किसी की भी आत्मा को शुद्ध एवं ऊर्जावान बनाने वाला है. भक्तों, इस संसार के कण कण में विराजमान भगवान शिव से सम्बंधित पौराणिक कथाओं और उनके स्थानों की गाथाएँ अद्भुत हैं. इन्ही स्थानों में आज हम आपको दर्शन करवाने जा रहे हैं उस पवित्र, पौराणिक एवं विचित्र स्थान के जहाँ त्रेता युग में भगवान शंकर के विवाह की बारात रुकी थी. तो आइये दर्शन करते है देवभूमि उत्तराखंड के ऋषिकेश शहर में स्वर्गाश्रम के समीप मणिकूट पर्वत पर स्थित श्री भूतनाथ महादेव मंदिर की.
भक्तों गंगा नदी के समीप स्थित यह 11 मंजिला मंदिर परम दिव्य ऊर्जा एवं चरों ओर फैले हुए प्राक्रतिक सौन्दर्य से ओत प्रोत है. भूतनाथ महादेव मंदिर से जुड़ी हुई पौराणिक कथा के अनुसार कहते हैं जब त्रेता युग में भगवान शंकर प्रजापति दक्ष की पुत्री देवी सती के साथ विवाह करने जा रहे थे, तो उनकी बारात में शामिल सभी देवतागण, भूत – प्रेत, जानवर सभी इसी मणिकूट पर्वत पर एक रात के लिए ठहरे थे. उसके बाद दूसरे दिन विवाह के लिए सभी ने कनखल हरिद्वार के लिए प्रस्थान किया जहाँ दक्षेश्वर महादेव मंदिर स्थित है. इस स्थान पर सभी भूत प्रेत भगवान भोलेनाथ के साथ रुके तथा उनकी आराधना की इसीलिए यहाँ पर विराजित भगवान भोलेनाथ को भूतनाथ महादेव के रूप में पूजा जाने लगा.
पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी मणिकूट पर्वत से हनुमान जी महाराज लक्ष्मण जी के जीवन की रक्षा के लिए संजीवनी बूटी लेकर गए थे. सन 1952 में स्वामी कैलाशानंद मिशन ट्रस्ट ने भूतनाथ महादेव मंदिर का निर्माण करवाया. 11 मंजिल ऊंचा यह मंदिर तीनों ओर से राजा जी नैशनल पार्क से घिरा हुआ है. जिस कारण मंदिर के चारों ओर फैली हरियाली सभी का मन मोह लेती है। मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते में प्रवेश करते ही आपको भूतेश्वर महादेव शिवलिंग के दर्शन होते हैं.
जिनके आस पास कई साड़ी घंटियाँ लगी हुईं हैं. इनके दर्शन कर आगे थोड़ा सा चढ़ाई वाले मार्ग से मंदिर में प्रवेश करते हैं. इस मंदिर की हर मंजिल पर स्थापित त्रिशूल का चिन्ह बहुत ही मनमोहक प्रतीत होता है. मंदिर के प्रथम तल में भगवान भोलेनाथ देवी देवताओं के साथ विराजमान हैं. यहाँ भी शिवलिंग के चारों ओर बहुत सी घंटियाँ बंधी हुईं हैं. यहाँ पर दर्शन करके श्रद्धालु मंदिर के ऊपर बनी बाकी की मंजिलों की तरफ बढ़ते हैं. इन मंजिलों पर भगवान शंकर से जुड़ी कथाओं का चित्रों के माध्यम से किया गया वर्णन बहुत ही सुंदर प्रतीत होता है। इनके साथ ही जैसे जैसे आप ऊपर की मंजिलों पर बढ़ते हैं आपको हनुमान जी महाराज, नंदी जी तथा समस्त देवी-देवताओं के चित्र, उनकी प्रतिमाएँ देखने को मिलती है.
इन मंजिलों पर भगवान भोलेनाथ के कई शिवलिंग भी विराजमान हैं जिनमें एक प्राचीन स्फटिक का शिवलिंग भी है. यहाँ स्थित शिवलिंग के चारों ओर भी 10 घंटियाँ बंधी हुई हैं. कहा जाता है की इन सभी घंटों से अलग अलग ध्वनि सुनाई देती है. जो की सभी को आश्चर्य में डाल देती है. मंदिर की सबसे ऊपरी मंजिल में विराजित हैं भगवान भोलेनाथ जहाँ भूत प्रेतों के संग उनकी बारात का बहुत ही सुंदर चित्रण किया गया है.
यह स्थान इतनी अद्भुद एवं विशिष्ट दैवीय ऊर्जा की अनुभूति देने वाला है की यहाँ पर आने के बाद जाने का विचार ही नहीं आता. चारों ओर फैली पर्वत मालाएँ, हरे भरे जंगल, गंगा नदी का दृश्य, राम झूला, शीतल वायु इन सभी का दृश्य मंत्रमुग्ध कर देने वाला है. इस मंदिर में शिवरात्री का त्यौहार एवं श्रावण में बहुत अधिक भीड़ होती है. यह स्थल सिद्धिपीठ है जहाँ देश के कोने कोने से श्रद्धालु दर्शन को पहुँचते हैं. इसके साथ ही मंदिर में अन्य उत्सव भी बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाये जाते हैं.
मंदिर में आरती का समय प्रातः 6 बजे तथा सायं क़ालीन आरती का समय 7 बजे का है अतः आप जब भी ऋषिकेश स्थित भूतनाथ महादेव मंदिर दर्शन को आएं तो ऋषिकेश के अन्य मंदिर जैसे त्रियम्ब्केश्वर मंदिर, लक्ष्मण झूला, नीलकंठ महादेव आदि मंदिरों के दर्शन भी अवश्य करें.
आप भूतनाथ महादेव मंदिर ऋषिकेश की यात्रा वायुमार्ग, रेल मार्ग एवं सड़क मार्ग इनमें से किसी भी मार्ग द्वारा आसानी से कर सकते हैं.
वायुमार्ग द्वारा भूतनाथ महादेव मंदिर की यात्रा के लिए निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जाली ग्रांट हवाई अड्डा है. जहाँ के लिए देश के हर मुख्य नगर से उड़ाने चलतीं हैं अतः आप देहरादून के लिए हवाई यात्रा कर हवाई अड्डे से ऋषिकेश के लिए कैब या बस ले सकते हैं और आसानी से मंदिर पहुँच सकते हैं.
यदि आप रेलमार्ग द्वारा भूतनाथ महादेव मंदिर की यात्रा करना चाहते हैं. तो हरिद्वार रेलवे स्टेशन सबसे निकटतम हैं जहाँ से आप ऋषिकेश के लिए बस या टैक्सी ले सकते हैं और भूतनाथ मंदिर पहुँच सकते हैं.
आप सरकारी अथवा निजी वाहन का प्रयोग कर सड़क मार्ग द्वारा भी ऋषिकेश स्थित भूतनाथ महादेव मंदिर आसानी से पहुँच सकते हैं.
भक्तों, अगर आप भी भगवान भोलेनाथ के इस भूतनाथ स्वरुप के दर्शन करने एवं उनके विवाह से सम्बंधित इस पौराणिक स्थल के दर्शन करना चाहते हैं तो शीघ्र ही अपनी भूतनाथ महादेव मंदिर की यात्रा का शुभारम्भ करें.
और अगर आपको हमारा ये कार्यक्रम अच्छा लगा तो ऐसे और भी पवित्र स्थलों के दर्शन के लिए हमारे चैनल के साथ जुड़े रहें।
Disclaimer: यहाँ मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहाँ यह बताना जरूरी है कि तिलक किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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भक्तों गंगा नदी के समीप स्थित यह 11 मंजिला मंदिर परम दिव्य ऊर्जा एवं चरों ओर फैले हुए प्राक्रतिक सौन्दर्य से ओत प्रोत है. भूतनाथ महादेव मंदिर से जुड़ी हुई पौराणिक कथा के अनुसार कहते हैं जब त्रेता युग में भगवान शंकर प्रजापति दक्ष की पुत्री देवी सती के साथ विवाह करने जा रहे थे, तो उनकी बारात में शामिल सभी देवतागण, भूत – प्रेत, जानवर सभी इसी मणिकूट पर्वत पर एक रात के लिए ठहरे थे. उसके बाद दूसरे दिन विवाह के लिए सभी ने कनखल हरिद्वार के लिए प्रस्थान किया जहाँ दक्षेश्वर महादेव मंदिर स्थित है. इस स्थान पर सभी भूत प्रेत भगवान भोलेनाथ के साथ रुके तथा उनकी आराधना की इसीलिए यहाँ पर विराजित भगवान भोलेनाथ को भूतनाथ महादेव के रूप में पूजा जाने लगा.
पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी मणिकूट पर्वत से हनुमान जी महाराज लक्ष्मण जी के जीवन की रक्षा के लिए संजीवनी बूटी लेकर गए थे. सन 1952 में स्वामी कैलाशानंद मिशन ट्रस्ट ने भूतनाथ महादेव मंदिर का निर्माण करवाया. 11 मंजिल ऊंचा यह मंदिर तीनों ओर से राजा जी नैशनल पार्क से घिरा हुआ है. जिस कारण मंदिर के चारों ओर फैली हरियाली सभी का मन मोह लेती है। मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते में प्रवेश करते ही आपको भूतेश्वर महादेव शिवलिंग के दर्शन होते हैं.
जिनके आस पास कई साड़ी घंटियाँ लगी हुईं हैं. इनके दर्शन कर आगे थोड़ा सा चढ़ाई वाले मार्ग से मंदिर में प्रवेश करते हैं. इस मंदिर की हर मंजिल पर स्थापित त्रिशूल का चिन्ह बहुत ही मनमोहक प्रतीत होता है. मंदिर के प्रथम तल में भगवान भोलेनाथ देवी देवताओं के साथ विराजमान हैं. यहाँ भी शिवलिंग के चारों ओर बहुत सी घंटियाँ बंधी हुईं हैं. यहाँ पर दर्शन करके श्रद्धालु मंदिर के ऊपर बनी बाकी की मंजिलों की तरफ बढ़ते हैं. इन मंजिलों पर भगवान शंकर से जुड़ी कथाओं का चित्रों के माध्यम से किया गया वर्णन बहुत ही सुंदर प्रतीत होता है। इनके साथ ही जैसे जैसे आप ऊपर की मंजिलों पर बढ़ते हैं आपको हनुमान जी महाराज, नंदी जी तथा समस्त देवी-देवताओं के चित्र, उनकी प्रतिमाएँ देखने को मिलती है.
इन मंजिलों पर भगवान भोलेनाथ के कई शिवलिंग भी विराजमान हैं जिनमें एक प्राचीन स्फटिक का शिवलिंग भी है. यहाँ स्थित शिवलिंग के चारों ओर भी 10 घंटियाँ बंधी हुई हैं. कहा जाता है की इन सभी घंटों से अलग अलग ध्वनि सुनाई देती है. जो की सभी को आश्चर्य में डाल देती है. मंदिर की सबसे ऊपरी मंजिल में विराजित हैं भगवान भोलेनाथ जहाँ भूत प्रेतों के संग उनकी बारात का बहुत ही सुंदर चित्रण किया गया है.
यह स्थान इतनी अद्भुद एवं विशिष्ट दैवीय ऊर्जा की अनुभूति देने वाला है की यहाँ पर आने के बाद जाने का विचार ही नहीं आता. चारों ओर फैली पर्वत मालाएँ, हरे भरे जंगल, गंगा नदी का दृश्य, राम झूला, शीतल वायु इन सभी का दृश्य मंत्रमुग्ध कर देने वाला है. इस मंदिर में शिवरात्री का त्यौहार एवं श्रावण में बहुत अधिक भीड़ होती है. यह स्थल सिद्धिपीठ है जहाँ देश के कोने कोने से श्रद्धालु दर्शन को पहुँचते हैं. इसके साथ ही मंदिर में अन्य उत्सव भी बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाये जाते हैं.
मंदिर में आरती का समय प्रातः 6 बजे तथा सायं क़ालीन आरती का समय 7 बजे का है अतः आप जब भी ऋषिकेश स्थित भूतनाथ महादेव मंदिर दर्शन को आएं तो ऋषिकेश के अन्य मंदिर जैसे त्रियम्ब्केश्वर मंदिर, लक्ष्मण झूला, नीलकंठ महादेव आदि मंदिरों के दर्शन भी अवश्य करें.
आप भूतनाथ महादेव मंदिर ऋषिकेश की यात्रा वायुमार्ग, रेल मार्ग एवं सड़क मार्ग इनमें से किसी भी मार्ग द्वारा आसानी से कर सकते हैं.
वायुमार्ग द्वारा भूतनाथ महादेव मंदिर की यात्रा के लिए निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जाली ग्रांट हवाई अड्डा है. जहाँ के लिए देश के हर मुख्य नगर से उड़ाने चलतीं हैं अतः आप देहरादून के लिए हवाई यात्रा कर हवाई अड्डे से ऋषिकेश के लिए कैब या बस ले सकते हैं और आसानी से मंदिर पहुँच सकते हैं.
यदि आप रेलमार्ग द्वारा भूतनाथ महादेव मंदिर की यात्रा करना चाहते हैं. तो हरिद्वार रेलवे स्टेशन सबसे निकटतम हैं जहाँ से आप ऋषिकेश के लिए बस या टैक्सी ले सकते हैं और भूतनाथ मंदिर पहुँच सकते हैं.
आप सरकारी अथवा निजी वाहन का प्रयोग कर सड़क मार्ग द्वारा भी ऋषिकेश स्थित भूतनाथ महादेव मंदिर आसानी से पहुँच सकते हैं.
भक्तों, अगर आप भी भगवान भोलेनाथ के इस भूतनाथ स्वरुप के दर्शन करने एवं उनके विवाह से सम्बंधित इस पौराणिक स्थल के दर्शन करना चाहते हैं तो शीघ्र ही अपनी भूतनाथ महादेव मंदिर की यात्रा का शुभारम्भ करें.
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