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आप कैसे मनाते थे निर्जला एकादशी ? घड़े,पंखे और छबील वाली एकादशी , KYA AAPKE YAHA BHI HOTI HAI ?

#nirjalaekadashikabhai

एकादशी साल में 24 होती हैं और अधिक मास की स्तिथि में 26 होती हैं।
प्रत्येक एकादशी का अपना एक विशिष्ट नाम ,महत्व और नियम है।

निर्जला एकादशी को इसलिए भी विशिष्ट माना जाता है क्योंकि कहते हैं कि जो पूरे वर्ष में भूखे रहकर एकादशी का उपवास ना कर सके । वो व्यक्ति कम से कम इस एकादशी को रख कर भी एकादशी के पुण्य को प्राप्त कर सकता है। वैसे यह सर्वाधिक कठिन है क्योंकि इसमें पूरे दिन जल भी नहीं पिया जाता हैं।

वैसे हर एकादशी में यह विधान भी होता है कि इसमें यह खाना चाहिए और यह नही खाना चाहिए।

निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं क्योंकि भीमसेन भूखे पेट नहीं रह पाते थे तो अपनी माता के कहने पर पूरे वर्ष में इस एकादशी व्रत को अवश्य करते थे।

Видео आप कैसे मनाते थे निर्जला एकादशी ? घड़े,पंखे और छबील वाली एकादशी , KYA AAPKE YAHA BHI HOTI HAI ? канала Keshu Films
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17 июня 2024 г. 23:07:02
00:19:43
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