भोलेनाथ का प्राचीन तथा अनोखा, ताड़केश्वर महादेव मंदिर। 4K । दर्शन 🙏
भक्तों नमस्कार! हमारे यात्रा कार्यक्रम दर्शन में आपका हार्दिक अभिनन्दन है! भक्तों हमारे देश में लाखों मंदिर हैं। इनमें से कुछ ऐसे मंदिर हैं जो अपनी विशेषताओं,परम्पराओं और मान्यताओं के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। छोटी काशी की संज्ञा प्राप्त राजस्थान की राजधानी जयपुर में भगवान भोलेनाथ का एक ऐसा मंदिर है जो जयपुर की स्थापना से पहले का है। भक्तों हम बात कर रहे हैं जयपुर के चौड़ा रास्ता स्थित ताड़केश्वर मंदिर की.
मंदिर के बारे में:
भक्तों ताड़केश्वर महादेव मंदिर जयपुर के प्राचीन ऐतिहासिक शिव मंदिरों में से एक है। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके गर्भगृह में विराजमान भगवान शिव का विग्रह (शिवलिंग) स्वयंभू है। इसका निर्माण पूर्णतः भारतीय वास्तुशास्त्र व तंत्रशास्त्र के नियमों तथा विधानों का इस्तेमाल करते हुये किया गया है।
जनश्रुतियाँ:
भक्तों ताड़केश्वर मंदिर से जुड़ी कुछ जनश्रुतियां हैं। पहली जनश्रुति के अनुसार कहा जाता है कि “यहां एक गाय नियमित रुप से एक खास स्थान पर आकर खड़ी हो जाती थी और वहां उसके थनों से स्वत: दूध निकलने लगता था। जब ये घटना सार्वजनिक हुई तो उस स्थान पर खुदाई की गयी। खुदाई के बाद उस स्थान पर एक भव्य शिवलिंग प्राप्त हुआ। यह वहीं स्थान है जहां गाय के थन से स्वतः दूध निकलता था।
भक्तों दूसरी जनश्रुति अनुसार -वर्तमान मंदिर के स्थान पर ताड़ वृक्षों का बियाबान जंगल था। कहा जाता है कि सदियों पूर्व आमेर मंदिर के पुजारी आमेर और सांगानेर की यात्रा इसी रास्ते से करते थे। आते जाते वह इसी स्थान पर विश्राम किया करते थे। एक बार उन्होंने देखा कि एक बकरी अपने दो बच्चों को बचाने के लिए हिंसक शेर से मुकाबला कर रही थी। कुछ समय बाद शेर बकरी से हारकर वहां से भाग गया। उस घटना के बाद पुजारी को अजेय बनी उस भूमि के नीचे से दिव्य मंत्रध्वनि सुनाई दी। जिसकी जानकारी उन्होने जयपुर के दीवान विद्याधर चक्रवर्ती को दी। विद्याधर चक्रवर्ती ने वहाँ खुदाई करवाई। खुदाई के बाद वहाँ शिवलिंग मिला। इसके बाद विद्याधर चक्रवर्ती ने वहाँ मंदिर बनवाने का निर्णय किया।
मंदिर का इतिहास:
भक्तों ताड़केश्वर महादेव मंदिर का निर्माण संवत 1784 में जयपुर के वास्तुविद व दीवान विद्याधर चक्रवर्ती द्वारा करवाया गया।
भक्तों कहा जाता है कि जयपुर शहर की स्थापना से पहले जहां यह मंदिर है वहाँ ताड़ो (बोरसस) का घना जंगल था। ताड़ो के बीच प्रकट होने के कारण इस मंदिर में विराजमान स्वयंभू शिवलिंग को ताड़कनाथ तथा मंदिर को ताड़कनाथ मंदिर कहा गया। जो कालांतर ताड़केश्वर महादेव और ताड़केश्वर महादेव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हो गया।
मंदिर की वास्तुकला:
भक्तों ताड़केश्वर मंदिर के नाम से सुप्रसिद्ध यह मंदिर अनुपम और अप्रतिम है। पत्थरों से निर्मित इस मंदिर का तीन मंज़िला भवन पूर्णतः नागर शैली पर आधारित है। मंदिर की वास्तुकला और शिल्कला आगंतुकों, दर्शकों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को न केवल आकर्षित करती अपितु प्रभावित भी करती है। जयपुर के प्राचीन शिल्पविधान को आगे बढ़ाते मंदिर के मेहराब, कंगूरे और बारादरियों की शोभा देखते ही बनती है। मंदिर की दीवारों पर शानदार व अद्भुत चित्रकारी राजस्थानी सभ्यता और संस्कृति का सुंदर उदाहरण है जो देखभाल के अभाव में फीकी पड़ती जा रही है। भक्तों ताड़केश्वर मंदिर के गर्भगृह में काले पत्थर का, 9 इंचवाला स्वयंभू शिवलिंग विराजमान है।
मंदिर का आंतरिक भाग:
भक्तों मुख्य मंदिर के पास ही काफी बड़ा जगमोहन (विशाल हॉल) है। जिसमें 500 श्रद्धालु बैठ कर पूजा पाठ कर सकते हैं। हॉल में चार विशाल घंटे लगे हैं, जिनमें प्रत्येक घंटे का वजन 125 किलोग्राम है।
भक्तों ताड़केश्वर मंदिर परिसर में जगमोहन के ठीक सामने पीतल निर्मित नंदी की विशाल मूर्ति स्थापित है जो भक्तों व पर्यटकों की श्रद्धा और आकर्षण का केंद्र है। इसके अतिरिक्त इस मंदिर के परिसर में शनिदेव का मंदिर भी है जहां शनिवार के दिन भक्तों का बड़ी भीड़ होती है।
मंदिर में सुरंग:
भक्तों कहा जाता है कि यह मंदिर सिटी पैलेस और जयपुर के दीवान विद्याधर चक्रवर्ती की हवेली से गोपनीय सुरंगों के जरिए जुड़ा हुआ है। जब तक राजतंत्र था तब तक जयपुर राजपरिवार के सदस्य मंदिर में दर्शन के लिए सुरंग से ही आया करते थे।
भक्तों की मान्यता:
भक्तों माना जाता है कि ताडकेशवर या ताड़केश्वर मंदिर में सच्चे दिल से मांगी गई हर मन्नत पूरी होती है। इच्छा पूरी होने के बाद भक्तगण यहां शिवलिंग का जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक, घृताभिषेक और तैलाभिषेक कराते हैं या श्रद्धानुसार दूध और घी से शिवजी की जलहरी भरते हैं।
नजदीकी दर्शनीय स्थल:
भक्तों अगर आप ताड़केश्वर मंदिर के दर्शन को जा रहे हैं और पर्यटन के शौकीन भी हैं तो आप ताड़केश्वर मंदिर के अलावा, गढ़ गणेश मंदिर, बिड़ला मंदिर, हवामहल, अलबर्ट हाल म्यूजियम, जंतर-मंतर, गीताभवन ,जयगढ़ किला, सिटी पैलेस, ऐतिहासिक नाहरगढ़ किला, वैष्णो देवी मंदिर, राजापार्क, जयगढ़ का किला, जवाहर सर्किल, गुरुद्वारा राजापार्क, जगत शिरोमणि चाँद पोल मंदिर, रामनिवास बाग, सागर झील, जैन मंदिर मानसरोवर, गलता मंदिर, ईशर घाट आदि घूम सकते हैं। जहां हर वर्ष लाखो की संख्या में सैलानी आते हैं।
भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन ! 🙏
इस कार्यक्रम के प्रत्येक एपिसोड में हम भक्तों को भारत के प्रसिद्ध एवं प्राचीन मंदिर, धाम या देवी-देवता के दर्शन तो करायेंगे ही, साथ ही उस मंदिर की महिमा उसके इतिहास और उसकी मान्यताओं से भी सन्मुख करायेंगे। तो देखना ना भूलें ज्ञान और भक्ति का अनोखा दिव्य दर्शन। 🙏
#devotional #mandir #vlogs #hinduism #tadkeshwarmahadevtemple #mahadev #bholenath #shiv #jaipur #rajasthan #travel #darshan #tilak #yatra #YouTube
Видео भोलेनाथ का प्राचीन तथा अनोखा, ताड़केश्वर महादेव मंदिर। 4K । दर्शन 🙏 канала Tilak
मंदिर के बारे में:
भक्तों ताड़केश्वर महादेव मंदिर जयपुर के प्राचीन ऐतिहासिक शिव मंदिरों में से एक है। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके गर्भगृह में विराजमान भगवान शिव का विग्रह (शिवलिंग) स्वयंभू है। इसका निर्माण पूर्णतः भारतीय वास्तुशास्त्र व तंत्रशास्त्र के नियमों तथा विधानों का इस्तेमाल करते हुये किया गया है।
जनश्रुतियाँ:
भक्तों ताड़केश्वर मंदिर से जुड़ी कुछ जनश्रुतियां हैं। पहली जनश्रुति के अनुसार कहा जाता है कि “यहां एक गाय नियमित रुप से एक खास स्थान पर आकर खड़ी हो जाती थी और वहां उसके थनों से स्वत: दूध निकलने लगता था। जब ये घटना सार्वजनिक हुई तो उस स्थान पर खुदाई की गयी। खुदाई के बाद उस स्थान पर एक भव्य शिवलिंग प्राप्त हुआ। यह वहीं स्थान है जहां गाय के थन से स्वतः दूध निकलता था।
भक्तों दूसरी जनश्रुति अनुसार -वर्तमान मंदिर के स्थान पर ताड़ वृक्षों का बियाबान जंगल था। कहा जाता है कि सदियों पूर्व आमेर मंदिर के पुजारी आमेर और सांगानेर की यात्रा इसी रास्ते से करते थे। आते जाते वह इसी स्थान पर विश्राम किया करते थे। एक बार उन्होंने देखा कि एक बकरी अपने दो बच्चों को बचाने के लिए हिंसक शेर से मुकाबला कर रही थी। कुछ समय बाद शेर बकरी से हारकर वहां से भाग गया। उस घटना के बाद पुजारी को अजेय बनी उस भूमि के नीचे से दिव्य मंत्रध्वनि सुनाई दी। जिसकी जानकारी उन्होने जयपुर के दीवान विद्याधर चक्रवर्ती को दी। विद्याधर चक्रवर्ती ने वहाँ खुदाई करवाई। खुदाई के बाद वहाँ शिवलिंग मिला। इसके बाद विद्याधर चक्रवर्ती ने वहाँ मंदिर बनवाने का निर्णय किया।
मंदिर का इतिहास:
भक्तों ताड़केश्वर महादेव मंदिर का निर्माण संवत 1784 में जयपुर के वास्तुविद व दीवान विद्याधर चक्रवर्ती द्वारा करवाया गया।
भक्तों कहा जाता है कि जयपुर शहर की स्थापना से पहले जहां यह मंदिर है वहाँ ताड़ो (बोरसस) का घना जंगल था। ताड़ो के बीच प्रकट होने के कारण इस मंदिर में विराजमान स्वयंभू शिवलिंग को ताड़कनाथ तथा मंदिर को ताड़कनाथ मंदिर कहा गया। जो कालांतर ताड़केश्वर महादेव और ताड़केश्वर महादेव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हो गया।
मंदिर की वास्तुकला:
भक्तों ताड़केश्वर मंदिर के नाम से सुप्रसिद्ध यह मंदिर अनुपम और अप्रतिम है। पत्थरों से निर्मित इस मंदिर का तीन मंज़िला भवन पूर्णतः नागर शैली पर आधारित है। मंदिर की वास्तुकला और शिल्कला आगंतुकों, दर्शकों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को न केवल आकर्षित करती अपितु प्रभावित भी करती है। जयपुर के प्राचीन शिल्पविधान को आगे बढ़ाते मंदिर के मेहराब, कंगूरे और बारादरियों की शोभा देखते ही बनती है। मंदिर की दीवारों पर शानदार व अद्भुत चित्रकारी राजस्थानी सभ्यता और संस्कृति का सुंदर उदाहरण है जो देखभाल के अभाव में फीकी पड़ती जा रही है। भक्तों ताड़केश्वर मंदिर के गर्भगृह में काले पत्थर का, 9 इंचवाला स्वयंभू शिवलिंग विराजमान है।
मंदिर का आंतरिक भाग:
भक्तों मुख्य मंदिर के पास ही काफी बड़ा जगमोहन (विशाल हॉल) है। जिसमें 500 श्रद्धालु बैठ कर पूजा पाठ कर सकते हैं। हॉल में चार विशाल घंटे लगे हैं, जिनमें प्रत्येक घंटे का वजन 125 किलोग्राम है।
भक्तों ताड़केश्वर मंदिर परिसर में जगमोहन के ठीक सामने पीतल निर्मित नंदी की विशाल मूर्ति स्थापित है जो भक्तों व पर्यटकों की श्रद्धा और आकर्षण का केंद्र है। इसके अतिरिक्त इस मंदिर के परिसर में शनिदेव का मंदिर भी है जहां शनिवार के दिन भक्तों का बड़ी भीड़ होती है।
मंदिर में सुरंग:
भक्तों कहा जाता है कि यह मंदिर सिटी पैलेस और जयपुर के दीवान विद्याधर चक्रवर्ती की हवेली से गोपनीय सुरंगों के जरिए जुड़ा हुआ है। जब तक राजतंत्र था तब तक जयपुर राजपरिवार के सदस्य मंदिर में दर्शन के लिए सुरंग से ही आया करते थे।
भक्तों की मान्यता:
भक्तों माना जाता है कि ताडकेशवर या ताड़केश्वर मंदिर में सच्चे दिल से मांगी गई हर मन्नत पूरी होती है। इच्छा पूरी होने के बाद भक्तगण यहां शिवलिंग का जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक, घृताभिषेक और तैलाभिषेक कराते हैं या श्रद्धानुसार दूध और घी से शिवजी की जलहरी भरते हैं।
नजदीकी दर्शनीय स्थल:
भक्तों अगर आप ताड़केश्वर मंदिर के दर्शन को जा रहे हैं और पर्यटन के शौकीन भी हैं तो आप ताड़केश्वर मंदिर के अलावा, गढ़ गणेश मंदिर, बिड़ला मंदिर, हवामहल, अलबर्ट हाल म्यूजियम, जंतर-मंतर, गीताभवन ,जयगढ़ किला, सिटी पैलेस, ऐतिहासिक नाहरगढ़ किला, वैष्णो देवी मंदिर, राजापार्क, जयगढ़ का किला, जवाहर सर्किल, गुरुद्वारा राजापार्क, जगत शिरोमणि चाँद पोल मंदिर, रामनिवास बाग, सागर झील, जैन मंदिर मानसरोवर, गलता मंदिर, ईशर घाट आदि घूम सकते हैं। जहां हर वर्ष लाखो की संख्या में सैलानी आते हैं।
भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन ! 🙏
इस कार्यक्रम के प्रत्येक एपिसोड में हम भक्तों को भारत के प्रसिद्ध एवं प्राचीन मंदिर, धाम या देवी-देवता के दर्शन तो करायेंगे ही, साथ ही उस मंदिर की महिमा उसके इतिहास और उसकी मान्यताओं से भी सन्मुख करायेंगे। तो देखना ना भूलें ज्ञान और भक्ति का अनोखा दिव्य दर्शन। 🙏
#devotional #mandir #vlogs #hinduism #tadkeshwarmahadevtemple #mahadev #bholenath #shiv #jaipur #rajasthan #travel #darshan #tilak #yatra #YouTube
Видео भोलेनाथ का प्राचीन तथा अनोखा, ताड़केश्वर महादेव मंदिर। 4K । दर्शन 🙏 канала Tilak
Показать
Комментарии отсутствуют
Информация о видео
Другие видео канала
![ये कैसे बंधन बीच बंधे हो, बंधन काटन हारे |निःस्वार्थ आपने जो हमारी सहायता की हम सदैव आपके ऋणी रहेंगे](https://i.ytimg.com/vi/LcYPWyNlZvA/default.jpg)
![मन से बड़ा बहरूपी ना कोई | Shree Krishna | Geeta Updesh](https://i.ytimg.com/vi/M6P3ZzetAAg/default.jpg)
![अयि गिरिनन्दिनि- महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र | मधुबंती बागची - 3 #shorts](https://i.ytimg.com/vi/j14UlxoBjko/default.jpg)
![Shiv Parvati Vivah | Ravindra Jain | Bhajan | Tilak](https://i.ytimg.com/vi/g_dUp0CRtP0/default.jpg)
![चमत्कारी काली माता मंदिर | माँ काली | पुरानी शिवपुरी मध्य प्रदेश | 4K | दर्शन 🙏](https://i.ytimg.com/vi/8ZPS0DIWRGE/default.jpg)
![Shri Krishna Gayatri Mantra | Abhay Jodhpurkar | Siddharth Amit Bhavsar | Tilak Originals](https://i.ytimg.com/vi/rLb9UrK5oAI/default.jpg)
![रामायण डायलॉग | शत्रु अथवा मित्र पर पूर्ण निश्चय होने पर ही शत्रु पर वार करना चाहिए](https://i.ytimg.com/vi/8n6mEb_70BY/default.jpg)
![अपने दुर्जय जैसे राक्षस का वाद करके पृथ्वी पर पाप का भार कम कर दिया है | Jai Mahalaxmi Samvad](https://i.ytimg.com/vi/RcuxpuWIHHk/default.jpg)
![इक दिन शिव ही मनावन लागे, गिरी कैलाश उठावन लागे | रामायण | तिलक 🙏#shorts](https://i.ytimg.com/vi/NNBChkO5xj4/default.jpg)
![प्रेम तो किसी दूसरे से किया जाता है | Shree Krishna Samvad | श्री कृष्ण संवाद](https://i.ytimg.com/vi/9ivUrLrdGWI/default.jpg)
![जो जिस रूप में प्रभु को ध्याता है उसी रूप में प्रभु प्राप्त होते हैं | Shree Krishna Samvad](https://i.ytimg.com/vi/dAUk8EbFipY/default.jpg)
![Ramayan Dialogue Status | रामायण डायलॉग | जटायु तुम मेरे प्राणों जैसे प्यारे हो](https://i.ytimg.com/vi/6NzxuvS5VLU/default.jpg)
![मन को वश में करने हेतु अभ्यास और वैराग्य को अपना पड़ता है | Shree Krishna | Geeta Updesh #Shorts](https://i.ytimg.com/vi/wDyJlR5GXBg/default.jpg)
![अगर्वसर्वमंगला कलाकदम्बमंजरी- रसप्रवाह माधुरी विजृंभणा मधुव्रतम् | शिव तांडव स्तोत्र | तिलक 🙏](https://i.ytimg.com/vi/coTNk-7ubgM/default.jpg)
![जो होता है वह अच्छे के लिए होता है | Ramayan Dialogues | रामायण डायलोग #Shorts](https://i.ytimg.com/vi/Qjydfhdkl10/default.jpg)
![Ramayan Dialogue Status । रामायण डायलॉग | Raavan | रावण](https://i.ytimg.com/vi/zzUZi_Mx6h0/default.jpg)
![Ramayan Dialogue Status | रामायण डायलॉग | ऐसे कायर से युद्ध करना भी हम अपना अपमान मानते हैं](https://i.ytimg.com/vi/zt00sZQRjVE/default.jpg)
![चंचल मन पर क़ाबू पाना बहुत कठिन होता है | Shree Krishna | Geeta Updesh](https://i.ytimg.com/vi/9B1zxNJoky4/default.jpg)
![मनुष्य के दृढ़ संकल्प के आगे कुछ भी असंभव नहीं | Shree Krishna Samvad | श्री कृष्ण संवाद](https://i.ytimg.com/vi/a35CTSjvW5g/default.jpg)
![इस सृष्टि के अच्छे बुरे हर प्राणी में हम ही हैं | Shree Krishna Samvad | श्री कृष्ण संवाद](https://i.ytimg.com/vi/p2AN3fg9gkk/default.jpg)
![Ramayan Dialogue Status | रामायण डायलॉग | हम कुंभकर्ण को केवल एक दिन जागने का अवसर प्रदान करते हैं](https://i.ytimg.com/vi/u5-gViUltZo/default.jpg)