विदेशों में फैली भरतपुर के अमरुदों की मिठास / Sweetness of guava of Bharatpur spread abroad
विदेशों में फैली भरतपुर के अमरुदों की मिठास / Sweetness of guava of Bharatpur spread abroad
हलैना(विष्णु मित्तल) भरतपुर जिले की भी अब अमरूद की बागवानी किसी भी स्थान की बागवानी से कम नही,यहां के अमरूद ने स्वाद व गुणवक्ता के कारण देश-विदेश में पहचान कायम कर ली। देश व कई राज्यों की राजधानी सहित एक दर्जन से अधिक प्रान्त तथा कई देशों से यहां के अमरूद की मांग आने लगी है।
देश की राजधानी नई दिल्ली,मुम्बई व कई महानगरों में गांव छौंकरवाडा कलां,लखनपुर,नयावास,गोठरा,सिरस आदि स्थान के अमरूद को भरतपुरियां अमरूद के नाम से जाना जाता है। ना कि अमरूद की उन्नत किस्म के नाम से नही जाना जाता। जिले के अमरूद ने उत्तरप्रदेश प्रान्त के इलाहाबाद,मलियाबाद,लखनऊ के अमरूद को पीछे कर दिया,जो कभी अमरूदों की नगरी कहा जाता था,उक्त क्षेत्र के अमरूद के खाने को भरतपुर सहित राज्य के लोग तरसते थे,अब भरतपुर जिले के अमरूद की मांग उक्त इलाका से भी आने लगी है।
वैर,भुसावर,बयाना उपखण्ड में सर्वाधिक अमरूद की बागवानी है,वैसे भरतपुर,रूपवास,नदबई,सेवर,कुम्हेर आदि उपखण्ड में भी बागवानी लगी हुई है। जिले में करीब 20 हजार वीद्या से अधिक अमरूद की बागवानी है,जिसमें से वैर-भुसावर में 13 वीद्या से अधिक भूिम पर अमरूद के बाग है। प्रति साल 500 से 800 वीद्या पर बागवानी में बढोत्तरी होती है।
जिसको श्रेय कृषि उद्यान विभाग एंव लुपिन फाउन्डेशन का है,जो किसानों को बागवानी करने का प्रशिक्षण दिलाते है,लुपिन के अधिशाषी निदेशक सीताराम गुप्ता ने प्राकृतिक खेती व बागवानी के बढावा देने के लिए आधुनिक कृषि मशीन,पाॅवर रूटावेटर व स्प्रे मशीन आदि सहित कम दर पर उन्नत किस्म के पौधा उपलब्ध कराए,वैर उपखण्ड में सबसे ज्यादा बागवानी के बढावा देने का श्रेय कृषि विभाग के पप्पूसिंह धाकड एवं लुपिन के नरेन्द्र शुक्ला का रहा,जिन्होने साल 2002 से बागवानी के प्रति किसानों को जागरूक किया और सरकार व लुपिन से आर्थिक मदद दिलाई। यहां के काला बादशाह स्वाद का बादशाह है,जो अन्दर से काला और बाहर से भी काला है,जिसे लोग काला बादशाह के नाम से जानते है।
काला बादशाह के पेड भले ही कम है,लोग इसका स्वाद अवश्य चखते है। गांव छौंकरवाडा कलां निवासी द्वारिकाप्रसाद गोयल एवं नयावास निवासी रामेश्वर धाकड ने बताया कि वैर.भुसावर उपखण्ड क्षेत्र में काला बादशाह अमरूद के करीब 200 से 300 पेड हैएपेड भी काला हैएजिसका अमरूद अन्दर व ऊपर से काला हैएखाना में स्वाद है,जिसकी मिठास मिठाई से कम नही। लोग ऐसे अमरूद को काला बादशाह के नाम से जानते है।
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Видео विदेशों में फैली भरतपुर के अमरुदों की मिठास / Sweetness of guava of Bharatpur spread abroad канала kisan kheti
हलैना(विष्णु मित्तल) भरतपुर जिले की भी अब अमरूद की बागवानी किसी भी स्थान की बागवानी से कम नही,यहां के अमरूद ने स्वाद व गुणवक्ता के कारण देश-विदेश में पहचान कायम कर ली। देश व कई राज्यों की राजधानी सहित एक दर्जन से अधिक प्रान्त तथा कई देशों से यहां के अमरूद की मांग आने लगी है।
देश की राजधानी नई दिल्ली,मुम्बई व कई महानगरों में गांव छौंकरवाडा कलां,लखनपुर,नयावास,गोठरा,सिरस आदि स्थान के अमरूद को भरतपुरियां अमरूद के नाम से जाना जाता है। ना कि अमरूद की उन्नत किस्म के नाम से नही जाना जाता। जिले के अमरूद ने उत्तरप्रदेश प्रान्त के इलाहाबाद,मलियाबाद,लखनऊ के अमरूद को पीछे कर दिया,जो कभी अमरूदों की नगरी कहा जाता था,उक्त क्षेत्र के अमरूद के खाने को भरतपुर सहित राज्य के लोग तरसते थे,अब भरतपुर जिले के अमरूद की मांग उक्त इलाका से भी आने लगी है।
वैर,भुसावर,बयाना उपखण्ड में सर्वाधिक अमरूद की बागवानी है,वैसे भरतपुर,रूपवास,नदबई,सेवर,कुम्हेर आदि उपखण्ड में भी बागवानी लगी हुई है। जिले में करीब 20 हजार वीद्या से अधिक अमरूद की बागवानी है,जिसमें से वैर-भुसावर में 13 वीद्या से अधिक भूिम पर अमरूद के बाग है। प्रति साल 500 से 800 वीद्या पर बागवानी में बढोत्तरी होती है।
जिसको श्रेय कृषि उद्यान विभाग एंव लुपिन फाउन्डेशन का है,जो किसानों को बागवानी करने का प्रशिक्षण दिलाते है,लुपिन के अधिशाषी निदेशक सीताराम गुप्ता ने प्राकृतिक खेती व बागवानी के बढावा देने के लिए आधुनिक कृषि मशीन,पाॅवर रूटावेटर व स्प्रे मशीन आदि सहित कम दर पर उन्नत किस्म के पौधा उपलब्ध कराए,वैर उपखण्ड में सबसे ज्यादा बागवानी के बढावा देने का श्रेय कृषि विभाग के पप्पूसिंह धाकड एवं लुपिन के नरेन्द्र शुक्ला का रहा,जिन्होने साल 2002 से बागवानी के प्रति किसानों को जागरूक किया और सरकार व लुपिन से आर्थिक मदद दिलाई। यहां के काला बादशाह स्वाद का बादशाह है,जो अन्दर से काला और बाहर से भी काला है,जिसे लोग काला बादशाह के नाम से जानते है।
काला बादशाह के पेड भले ही कम है,लोग इसका स्वाद अवश्य चखते है। गांव छौंकरवाडा कलां निवासी द्वारिकाप्रसाद गोयल एवं नयावास निवासी रामेश्वर धाकड ने बताया कि वैर.भुसावर उपखण्ड क्षेत्र में काला बादशाह अमरूद के करीब 200 से 300 पेड हैएपेड भी काला हैएजिसका अमरूद अन्दर व ऊपर से काला हैएखाना में स्वाद है,जिसकी मिठास मिठाई से कम नही। लोग ऐसे अमरूद को काला बादशाह के नाम से जानते है।
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