Visit Pauri | Uttarakhand | Pujar Village | Tree Man Of India | वृक्षमानव की पूरी story |
#Pauri #Uttarakhand #Pujaar_Village
ये एक एक वनऋषि या Tree Man की कहानी जिन्होनें मात्र 8 साल की उम्र से पेड लगाने शुरु किए और अब तक 50 लाख से अधिक पेड लगा चुके है।ये पहाड का मांझी है जिसने अपनी मेहनत से विशाल जंगल तैयार कर दिया, इस वीडियो में वृक्षमानव की पूरी story
ये है विश्वेश्वर दत्त सकलानी जो अपनी उम्र के अंतिम पडाव पर है।आंखो की रोशनी जा चुकी है जबान से लडखडाते हुए केवल यही शब्द निकलते है वृक्ष मेरे माता पिता.....वृक्ष मेरे संतान.......वृक्ष मेरे सगे साथी ............अब जरा सोचिए कि विश्वेश्वर दत्त सकलानी ने किन परिस्थितियों में अपनी सकलाना घाटी को हरा भरा करने में कितनी मेहनत की। Uttarakhand के Pauri के Pujar Village पुजार गांव में जन्मे विश्वेश्वर द्त्त सकलानी का जन्म 2 जून 1922 को हुआ था।
बचपन से विश्वेश्वर दत्त को पेड लगाने का शौक था और वे अपने दादा के साथ जंगलों में पेड लगाने जाते रहते थे।इनका जीवन भी माउन्टेंन मैन दशरथ मांझी की तरह है जिन्होंने एक सडक के लिए पूरा पहाड खोद दिया।दरशत मांझी की तरह विश्वेश्वर दत्त सकलानी के जिन्दगी में अहम बदलाव तब आया जब उनकी पत्नी शारदा देवी का देहांत हुआ।1948 को हुई इस घटना के बाद उनका लगाव वृक्षों और जंगलों की होने लगा।अब उनके जीवन का एक ही उद्देश्य बन गया केवल वृक्षारोपण...................
अब सोचिए जिसने धरती मां के लिए अपनी आंखो की रोशनी गंवा दी...........बीमारी के बावजूद जंगलों में पेड लगाने का उनका जूनून कम नही हुआ तो फिर शरीर ने भी साथ छोड दिया अब वृक्षमानव की उपाधि से नवाजे गये विश्वेश्वर दत्त सकलानी अपने पैतृक गांव में रहते है।अब उनकी सांसे भी पेडों की बांते करती है।अब आपको बताते है कि विश्वेश्वर दत्त सकलानी ने कैसे पूरी सकलाना घाटी की तस्वीर बदल दी।दरअसल करीब 60- 70 साल पहले इस पूरे इलाके में अधिकतर इलाका पेडविहीन था।धीरे धीरे उन्होने बांज,बुरांश,सेमल,भीमल और देवदार के पौधे को लगाना शुरु किया।शुरु शुुरु में ग्रामीणों ने इसका काफी विरोध किया यहां तक कि उन्हे कई बार मारा भी गया लेकिन धरती मां के इस हीरो ने अपना जूनून नही छोडा और आज स्थिति ये है कि करीब 1200 हेक्टियर से भी अधिक क्षेत्रफल में उनका द्वारा पूरा जंगल खडा हो चुका है।
विश्वेश्रर दत्त सकलानी ने अपना पूरा जीवन पहाड के लिए दे दिया।पेंड़ों और धरती मां के लिए त्याग बलिदान और संघर्ष की ऐसी दास्ता आपने शायद ही कहीं देखी होगी।पुजार गांव के बुजुर्ग बताते है कि जब उनकी बेटी का विवाह था और कन्यादान होने जा रहा था तो उस समय में वो जंगल में वृक्षारोपण करने गए थे।विश्ववेश्वर दत्त सकलानी का जीवन उन पर्यावरविदों के लिए आएना है जो अपने जुगाड के कारण बडे बडे अवार्ड हथिया लेते है लेकिन जमीन में दिखाने के लिए कुछ नही है।
Видео Visit Pauri | Uttarakhand | Pujar Village | Tree Man Of India | वृक्षमानव की पूरी story | канала Rural Tales
ये एक एक वनऋषि या Tree Man की कहानी जिन्होनें मात्र 8 साल की उम्र से पेड लगाने शुरु किए और अब तक 50 लाख से अधिक पेड लगा चुके है।ये पहाड का मांझी है जिसने अपनी मेहनत से विशाल जंगल तैयार कर दिया, इस वीडियो में वृक्षमानव की पूरी story
ये है विश्वेश्वर दत्त सकलानी जो अपनी उम्र के अंतिम पडाव पर है।आंखो की रोशनी जा चुकी है जबान से लडखडाते हुए केवल यही शब्द निकलते है वृक्ष मेरे माता पिता.....वृक्ष मेरे संतान.......वृक्ष मेरे सगे साथी ............अब जरा सोचिए कि विश्वेश्वर दत्त सकलानी ने किन परिस्थितियों में अपनी सकलाना घाटी को हरा भरा करने में कितनी मेहनत की। Uttarakhand के Pauri के Pujar Village पुजार गांव में जन्मे विश्वेश्वर द्त्त सकलानी का जन्म 2 जून 1922 को हुआ था।
बचपन से विश्वेश्वर दत्त को पेड लगाने का शौक था और वे अपने दादा के साथ जंगलों में पेड लगाने जाते रहते थे।इनका जीवन भी माउन्टेंन मैन दशरथ मांझी की तरह है जिन्होंने एक सडक के लिए पूरा पहाड खोद दिया।दरशत मांझी की तरह विश्वेश्वर दत्त सकलानी के जिन्दगी में अहम बदलाव तब आया जब उनकी पत्नी शारदा देवी का देहांत हुआ।1948 को हुई इस घटना के बाद उनका लगाव वृक्षों और जंगलों की होने लगा।अब उनके जीवन का एक ही उद्देश्य बन गया केवल वृक्षारोपण...................
अब सोचिए जिसने धरती मां के लिए अपनी आंखो की रोशनी गंवा दी...........बीमारी के बावजूद जंगलों में पेड लगाने का उनका जूनून कम नही हुआ तो फिर शरीर ने भी साथ छोड दिया अब वृक्षमानव की उपाधि से नवाजे गये विश्वेश्वर दत्त सकलानी अपने पैतृक गांव में रहते है।अब उनकी सांसे भी पेडों की बांते करती है।अब आपको बताते है कि विश्वेश्वर दत्त सकलानी ने कैसे पूरी सकलाना घाटी की तस्वीर बदल दी।दरअसल करीब 60- 70 साल पहले इस पूरे इलाके में अधिकतर इलाका पेडविहीन था।धीरे धीरे उन्होने बांज,बुरांश,सेमल,भीमल और देवदार के पौधे को लगाना शुरु किया।शुरु शुुरु में ग्रामीणों ने इसका काफी विरोध किया यहां तक कि उन्हे कई बार मारा भी गया लेकिन धरती मां के इस हीरो ने अपना जूनून नही छोडा और आज स्थिति ये है कि करीब 1200 हेक्टियर से भी अधिक क्षेत्रफल में उनका द्वारा पूरा जंगल खडा हो चुका है।
विश्वेश्रर दत्त सकलानी ने अपना पूरा जीवन पहाड के लिए दे दिया।पेंड़ों और धरती मां के लिए त्याग बलिदान और संघर्ष की ऐसी दास्ता आपने शायद ही कहीं देखी होगी।पुजार गांव के बुजुर्ग बताते है कि जब उनकी बेटी का विवाह था और कन्यादान होने जा रहा था तो उस समय में वो जंगल में वृक्षारोपण करने गए थे।विश्ववेश्वर दत्त सकलानी का जीवन उन पर्यावरविदों के लिए आएना है जो अपने जुगाड के कारण बडे बडे अवार्ड हथिया लेते है लेकिन जमीन में दिखाने के लिए कुछ नही है।
Видео Visit Pauri | Uttarakhand | Pujar Village | Tree Man Of India | वृक्षमानव की पूरी story | канала Rural Tales
Показать
Комментарии отсутствуют
Информация о видео
Другие видео канала
![Barefoot Padma Awardees; A tribal enviornmentalist, a woman farmer, a fruit seller philanthropist](https://i.ytimg.com/vi/-dNoOKyqg5E/default.jpg)
![Khina tho hoga 13](https://i.ytimg.com/vi/bRBNxkjyTcs/default.jpg)
![](https://i.ytimg.com/vi/8-tV0pN87h0/default.jpg)
![Visit Chamoli | Beauty Of Uttrakhand | Best Tourist Spot | Kanol गांव की कहानी |](https://i.ytimg.com/vi/5r6MBEifRQQ/default.jpg)
![DNA: भारत के 'जंगल मैन' की कहानी | Forest Man Of India | Jadav Payeng | Biography | Sudhir Chaudhary](https://i.ytimg.com/vi/TLghHqc01qo/default.jpg)
![Visit Himachal | Jehra Village | मंदिर बनाने में माहिर गांव](https://i.ytimg.com/vi/dYltnmhmhpQ/default.jpg)
![Visit Rishikesh | Dhotiya Village | कहानी एक गांव की](https://i.ytimg.com/vi/itRPzjG1vIw/default.jpg)
![Visit Uttarkashi | भैजी की बारात में | Women Village में जोरदार Fashion Show | Uttarakhand](https://i.ytimg.com/vi/rHaGLhWgs0M/default.jpg)
![Heaven On Earth village fitari Uttarkashi Uttarakhand](https://i.ytimg.com/vi/Vu89fPGxwYM/default.jpg)
![Visit muzaffarnagar | Shukrtaal की सैर | कहानी एक अमर वट वृक्ष की |](https://i.ytimg.com/vi/pYKgGUeZjF0/default.jpg)
![Uttarakhand Ep 20 | Mana Village | Last village of India](https://i.ytimg.com/vi/4bEmVaUF6kw/default.jpg)
![Koti Banal & Lakhamandal Short study trip | Earthquake Resistant | Ancient Temple | Uttarakhand](https://i.ytimg.com/vi/bIa_HHlo29Q/default.jpg)
![शमीपत्र!!कैसे करें शमी वृक्ष की पूजा घरमें शमी का पौधा कब और किस दिशा में लगाना चाहिए/shami vriksh](https://i.ytimg.com/vi/r5d6Mw3TEfY/default.jpg)
![कैसे हुई थी गौतम बुद्ध की मृत्यु, सच जानकार हो जायेंगे हैरान | Gautam Buddha Life Story | Spiritual](https://i.ytimg.com/vi/u8KhGKxh31A/default.jpg)
![उत्तराखंड की लोक कहानियां (57) – राजा और सात बेटियां (Uttarakhand ki Lok Kahaniyan)](https://i.ytimg.com/vi/7yhMw7GmmPo/default.jpg)
![shadi dance video 📷 Garhwali song](https://i.ytimg.com/vi/Tk9qsFwhOqs/default.jpg)
![Visit Himachal | Snow Fall | Most Beautiful Tourist Places to Visit in Himachal | Rural tales](https://i.ytimg.com/vi/pyNhhp1FmsM/default.jpg)
![पीपल द्वारा नौकरी, व्यापार, स्वास्थ्य, दुखों का नाश | पीपल के असीम चमत्कार Know Pipal Tree](https://i.ytimg.com/vi/Be2IljNP-9Q/default.jpg)
![चुनौती - पलायन उत्तराखंड स्पेशल](https://i.ytimg.com/vi/eDCKM4AmxgU/default.jpg)
![पपीते की खेती के बारे में पूरी जानकारी | पपीता लगाने का सही समय क्या है | Papaya Farming](https://i.ytimg.com/vi/zuBcPKiX7VQ/default.jpg)