फलादेश निकलाने की अनूठी विधि, कमजोर ग्रह भी अच्छा क्यों हो जाता है
#नक्षत्र तक,#nakshtratak,
Subscribe our new channel "नक्षत्र तक Learning" Link is below
https://www.youtube.com/channel/UC7UpprXraoMvxEE_SqE1p-g
visit our website:- Link is below
www.nakshtratak.com
DOWNLOAD OUR APP:- Link is below
https://play.google.com/store/apps/details?id=co.diy17.bjtoq
नक्षत्र तक में आपका स्वागत है, कुंडली परामर्श,कुंडली मिलन,मुहुर्त,रत्न,रुद्राक्ष,पूजा व ग्रह शांति के लिए अप हमसे संपर्क करें,
Contact Us:- 7800771770
Our services:-
One question or one problem solution with remedy Rs- 300.
Full kundali consultation with remedy including your 5 questions Rs- 2100.
Full kundali youtube video consultation with remedy including your 5 questions
Rs- 7500.
Contact for astrology course
Contact Us:- 7800771770,
आजकल हमारे विडियो बहुत से लोग कॉपी कर रहे है ऐसे लोगो से सावधान रहें,हमारी तरफ से सिर्फ उन्ही को कॉल जाता है जिनकी अपॉइंटमेंट बुक रहती है या जिनकी पूजा की बुकिंग होती है या स्टोन का आर्डर रहता है,
Contact Us:- 7800771770
facebook:- https://www.facebook.com/NAKSHTRATAKADITYA/
facebook page:- https://www.facebook.com/profile.php?id=100087887479065
website:- www.nakshtratak.com
फलादेश निकलाने की अनूठी विधि, कमजोर ग्रह भी अच्छा क्यों हो जाता है
मूल रूप से वर्गों का प्रयोग ग्रहों के बल के आंकलन के लिए किया जाता है। एक बली ग्रह जो दशवर्ग में सुस्थित होता है अत्याधिक शुभ परिणाम देता है। नवांश वर्ग में जो ग्रह अपनी राशि कुण्डली की स्थिति की पुनरावृति करता है. वह वर्गोत्तम कहलाता है और वर्गात्तम ग्रह, एक उच्च ग्रह की भान्ति ही अ परिणाम देता है। दशवर्ग के समूह में दो या दो से अधिक वर्गों में अपनी स्थिति की पुनरावृत्ति करने वाले, अर्थात जिस राशि में राशिकुण्डली में है दूसरे वर्गों में भी उसी राशि में स्थित होने वाले ग्रहों को अलग-अलग विशेषणों से पहचाना जाता है। ग्रहों के यह विशेषण इस प्रकार से हैं:
1- यदि एक ग्रह दो वर्गों में पुनरावृति करता है तो इसकी परिजात संज्ञा होती है।
2- यदि एक ग्रह तीन वर्गों में पुनरावृति करता है तो इसकी उत्तम संज्ञा होती
है।
3. यदि एक ग्रह चार वर्गों में पुनरावृति करता है तो इसकी गोपुर संज्ञा होती है।
4. यदि एक ग्रह पांच वर्गों में पुनरावृति करता है तो इसकी सिंहासन संज्ञा होती है।
5. यदि एक ग्रह छः वर्गों में पुनरावृति करता है तो इसकी पारावत संज्ञा होती है।
6. यदि एक ग्रह सात वर्गों में पुनरावृति करता है तो इसकी देवलोक संज्ञा होती है।
7- यदि एक ग्रह आठ वर्गों में पुनरावृति करता है तो इसकी ब्रह्मलोक संज्ञा होती है।
8. यदि एक ग्रह नौ वर्गों में पुनरावृति करता है तो इसकी शक्रवाहन या ऐरावत संज्ञा होती है।
9. यदि एक ग्रह दश वर्गों में पुनरावृति करता है तो इसकी श्रीधाम संज्ञा होती है।
उत्तम संज्ञक पंचमेश जातक का उच्च शिक्षित बनाता है, गोपुर संज्ञक विद्वान बनाता है और यश-कीर्ति देता है जबकि सिंहासन संज्ञक पंचमेश जातक को मंत्री अथवा राजा का सलाहकार बनाता है।
16 वर्ग जीवन के प्रत्येक क्षेत्र जैसे धन-सम्पति, विवाह, सन्तान, व्यवसाय आदि
का अध्ययन करने में अतिसहायक होते हैं।
जो ग्रह अधिकतर वर्गों में अशुभ प्रभाव से मुक्त होता है वह अपनी
दशा / अन्तर्दशा में अच्छे परिणाम देता है।
यदि कोई उच्च का ग्रह षडवर्गो में नीच अथवा शत्रु राशि में होता है तो वह अच्छे परिणाम नहीं देता है।
इसके विपरीत यदि नीच का ग्रह, षडवर्गों में उच्च का हो जाता है अथवा स्वराशि या मित्र राशि में स्थित होता है तो उसकी स्थिति में सुधार हो जाता है। वर्गोत्तम नीच का ग्रह भी अच्छे परिणाम देता है।
वर्गोत्तम लग्न और दो या तीन वर्गोत्तम ग्रह, धन-दौलत और समृद्धि देते हैं। फलित कथन में नवांश कुण्डली का लग्नेश भी अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अन्य ग्रहों से इसका दृष्टि या युति का सम्बन्ध शुभ परिणाम देने के लिए मंगलकारी हो जाता है।
यदि राशि एवं नवांश, दोनों कुण्डलियों के लग्नेश बली हो और शुभ युतियों में हों तो जातक का जीवन आनन्दमय और समृद्धिशाली होता है
horoscope reading, Astrology, Horoscope, Birth chart,फलादेश निकलाने की अनूठी विधि,कमजोर ग्रह भी अच्छा क्यों हो जाता है,ग्रहों के बल के आंकलन,वर्गात्तम ग्रह,नीच का ग्रह,दशा / अन्तर्दशा,नीच अथवा शत्रु राशि,सबसे अच्छा ग्रह,धन दिलाने वाला ग्रह,धन-दौलत और समृद्धि,कुण्डलियों के लग्नेश,जातक का जीवन,राशि कुण्डली की स्थिति,कुंडली,उच्च ग्रह,स्वराशि या मित्र राशि में स्थित,problem solution with remedy, NAKSHATRA TAK,कुंडली परामर्श,कुंडली मिलन,पूजा व ग्रह शांति,
Видео फलादेश निकलाने की अनूठी विधि, कमजोर ग्रह भी अच्छा क्यों हो जाता है канала नक्षत्र तक
Subscribe our new channel "नक्षत्र तक Learning" Link is below
https://www.youtube.com/channel/UC7UpprXraoMvxEE_SqE1p-g
visit our website:- Link is below
www.nakshtratak.com
DOWNLOAD OUR APP:- Link is below
https://play.google.com/store/apps/details?id=co.diy17.bjtoq
नक्षत्र तक में आपका स्वागत है, कुंडली परामर्श,कुंडली मिलन,मुहुर्त,रत्न,रुद्राक्ष,पूजा व ग्रह शांति के लिए अप हमसे संपर्क करें,
Contact Us:- 7800771770
Our services:-
One question or one problem solution with remedy Rs- 300.
Full kundali consultation with remedy including your 5 questions Rs- 2100.
Full kundali youtube video consultation with remedy including your 5 questions
Rs- 7500.
Contact for astrology course
Contact Us:- 7800771770,
आजकल हमारे विडियो बहुत से लोग कॉपी कर रहे है ऐसे लोगो से सावधान रहें,हमारी तरफ से सिर्फ उन्ही को कॉल जाता है जिनकी अपॉइंटमेंट बुक रहती है या जिनकी पूजा की बुकिंग होती है या स्टोन का आर्डर रहता है,
Contact Us:- 7800771770
facebook:- https://www.facebook.com/NAKSHTRATAKADITYA/
facebook page:- https://www.facebook.com/profile.php?id=100087887479065
website:- www.nakshtratak.com
फलादेश निकलाने की अनूठी विधि, कमजोर ग्रह भी अच्छा क्यों हो जाता है
मूल रूप से वर्गों का प्रयोग ग्रहों के बल के आंकलन के लिए किया जाता है। एक बली ग्रह जो दशवर्ग में सुस्थित होता है अत्याधिक शुभ परिणाम देता है। नवांश वर्ग में जो ग्रह अपनी राशि कुण्डली की स्थिति की पुनरावृति करता है. वह वर्गोत्तम कहलाता है और वर्गात्तम ग्रह, एक उच्च ग्रह की भान्ति ही अ परिणाम देता है। दशवर्ग के समूह में दो या दो से अधिक वर्गों में अपनी स्थिति की पुनरावृत्ति करने वाले, अर्थात जिस राशि में राशिकुण्डली में है दूसरे वर्गों में भी उसी राशि में स्थित होने वाले ग्रहों को अलग-अलग विशेषणों से पहचाना जाता है। ग्रहों के यह विशेषण इस प्रकार से हैं:
1- यदि एक ग्रह दो वर्गों में पुनरावृति करता है तो इसकी परिजात संज्ञा होती है।
2- यदि एक ग्रह तीन वर्गों में पुनरावृति करता है तो इसकी उत्तम संज्ञा होती
है।
3. यदि एक ग्रह चार वर्गों में पुनरावृति करता है तो इसकी गोपुर संज्ञा होती है।
4. यदि एक ग्रह पांच वर्गों में पुनरावृति करता है तो इसकी सिंहासन संज्ञा होती है।
5. यदि एक ग्रह छः वर्गों में पुनरावृति करता है तो इसकी पारावत संज्ञा होती है।
6. यदि एक ग्रह सात वर्गों में पुनरावृति करता है तो इसकी देवलोक संज्ञा होती है।
7- यदि एक ग्रह आठ वर्गों में पुनरावृति करता है तो इसकी ब्रह्मलोक संज्ञा होती है।
8. यदि एक ग्रह नौ वर्गों में पुनरावृति करता है तो इसकी शक्रवाहन या ऐरावत संज्ञा होती है।
9. यदि एक ग्रह दश वर्गों में पुनरावृति करता है तो इसकी श्रीधाम संज्ञा होती है।
उत्तम संज्ञक पंचमेश जातक का उच्च शिक्षित बनाता है, गोपुर संज्ञक विद्वान बनाता है और यश-कीर्ति देता है जबकि सिंहासन संज्ञक पंचमेश जातक को मंत्री अथवा राजा का सलाहकार बनाता है।
16 वर्ग जीवन के प्रत्येक क्षेत्र जैसे धन-सम्पति, विवाह, सन्तान, व्यवसाय आदि
का अध्ययन करने में अतिसहायक होते हैं।
जो ग्रह अधिकतर वर्गों में अशुभ प्रभाव से मुक्त होता है वह अपनी
दशा / अन्तर्दशा में अच्छे परिणाम देता है।
यदि कोई उच्च का ग्रह षडवर्गो में नीच अथवा शत्रु राशि में होता है तो वह अच्छे परिणाम नहीं देता है।
इसके विपरीत यदि नीच का ग्रह, षडवर्गों में उच्च का हो जाता है अथवा स्वराशि या मित्र राशि में स्थित होता है तो उसकी स्थिति में सुधार हो जाता है। वर्गोत्तम नीच का ग्रह भी अच्छे परिणाम देता है।
वर्गोत्तम लग्न और दो या तीन वर्गोत्तम ग्रह, धन-दौलत और समृद्धि देते हैं। फलित कथन में नवांश कुण्डली का लग्नेश भी अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अन्य ग्रहों से इसका दृष्टि या युति का सम्बन्ध शुभ परिणाम देने के लिए मंगलकारी हो जाता है।
यदि राशि एवं नवांश, दोनों कुण्डलियों के लग्नेश बली हो और शुभ युतियों में हों तो जातक का जीवन आनन्दमय और समृद्धिशाली होता है
horoscope reading, Astrology, Horoscope, Birth chart,फलादेश निकलाने की अनूठी विधि,कमजोर ग्रह भी अच्छा क्यों हो जाता है,ग्रहों के बल के आंकलन,वर्गात्तम ग्रह,नीच का ग्रह,दशा / अन्तर्दशा,नीच अथवा शत्रु राशि,सबसे अच्छा ग्रह,धन दिलाने वाला ग्रह,धन-दौलत और समृद्धि,कुण्डलियों के लग्नेश,जातक का जीवन,राशि कुण्डली की स्थिति,कुंडली,उच्च ग्रह,स्वराशि या मित्र राशि में स्थित,problem solution with remedy, NAKSHATRA TAK,कुंडली परामर्श,कुंडली मिलन,पूजा व ग्रह शांति,
Видео फलादेश निकलाने की अनूठी विधि, कमजोर ग्रह भी अच्छा क्यों हो जाता है канала नक्षत्र तक
Показать
Комментарии отсутствуют
Информация о видео
Другие видео канала
नक्षत्र तक Live Stream, जन्म कुंडली की व्याख्या,रक्षा बंधन 2019,मुहूर्त,विधि और कारण, पौराणिक कथावृष राशिफल january 2019मेष राशि सम्पूर्ण 2020 भविष्यफल #मेष2020#कौन जीत रहा अमेठी का रण 2019 में,ज्योतिष की नज़र सेदीपावली में कर लो ये 3 काम हो जाओगे मालामाल,कर्ज दरिद्रता से मुक्ति,कुण्डली विश्लेषणमहार्षि जैमिनी के 16 ज्योतिषीय सूत्र, इतना ऊँचा करियर की लोग सर उठा कर देखेंगे,SUPPLEMENTARY LESSON FOR BASICSकुंडली विश्लेष्ण,HOROSCOPE ANALYSIS,Astrology Course Announcement, Register now,Astrology Course In Hindi,कुंडली विश्लेष्ण कार्यक्रम.horoscope analysisअक्षवेदांश कुण्डली व अष्टक वर्ग का अनूठा प्रयोग जाना क्या,ग्रह बल व भाव बल रहस्य,FOREIGN SETTLEMENT YOG IN HOROSCOPE,चंद्र ग्रह से क्या क्या विचार करें,full description of moon,मेष लग्न में चन्द्र का सभी भावो में राशी अनुसार सटीक फलादेश,HOROSCOPE ANALYSIS EPISODE 14,कुंडली विश्लेष्ण एपिसोडमंगला महादशा में फलित, योगिनी दशा से फलित,नौकरी या बिजनेश,करू तो क्या करूँ,कौन सी फील्ड देगी छप्पड़फाड़ धन,कुंडली विश्लेषण