अकाल मृत्यु का रहस्य समझें (अचानक मृत्यु क्यों होती है पूरा रहस्स जानिये )अनिरूद्धाचार्य जी महाराज
सभी भक्तों को राधे राधे जय श्री कृष्णा
Видео अकाल मृत्यु का रहस्य समझें (अचानक मृत्यु क्यों होती है पूरा रहस्स जानिये )अनिरूद्धाचार्य जी महाराज канала Radhe Radhe
Видео अकाल मृत्यु का रहस्य समझें (अचानक मृत्यु क्यों होती है पूरा रहस्स जानिये )अनिरूद्धाचार्य जी महाराज канала Radhe Radhe
Показать
Комментарии отсутствуют
Информация о видео
Другие видео канала
मरने के बाद क्या होता है | आत्मा और शरीर में अंतर | श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराजShri aniruddhacharya Ji maharaj | Shri Mad Bhagwat katha | Day 05 | (Vrindavan)जिसकी मृत्यु निकट हो उसे क्या करना चाहिए | मृत्यु के पूर्व के लक्षण, जो देते हैं मृत्यु के संकेत ||मृत्यु के बाद तेहरहवी क्यों मनाई जाती है || आखिर क्यों || गरुण पुराण के अनुसार तेहरहवी का महत्त्व |जानिए कैसे मरने के बाद आत्मा अपने परिवार में जनम लेती है | मरने के बाद आत्मा की अवस्था | Life Deathजो सच बोलते हैं उनकी ही परीक्षा क्यों होती है - ये वीडियो आपका पूरा जीवन बदल देगापूजा पाठ जप तप करने वाला इंसान । सबसे ज्यादा दुखी क्यों रहता है | क्यों भगवान लेते हैं इतनी परीक्षाजानिए इस संसार में हमारा मन क्यों भटकता है | और हम कैसे इस पर आत्मनियंत्रण कर सकते हैंअकाल मृत्यु क्या भगवान के मर्जी से होता है जानिए इस अद्भुत प्रश्न का उत्तरमृत्यु के बाद फिर से जन्म होना || क्या वजह है जो व्यक्ति मरता है जन्म लेता है ||DLive |Shrimad Bhagwat Katha | PP Shri Aniruddhacharya Ji Maharaj | Vrindavan, UP | Day 4| Ishwar TVमृत्यु के बाद लाश को अकेला नहीं छोड़ा जाता आखिर क्यों ??? Aniruddhacharya jipower of sub conscious mind ! sub conscience mind ! Reprogramming sub conscious mind !बेटे ने घर में ताला लगाकर मां को भगा दिया फिर मां रोती हुई महाराज जी के पास आईगलत विचारों से मनको कैसे रोके चिंता करनेवाले हर समय सोचने वालेक्रोध औरअहंकार करने वाले इसे जरूर सुनेभक्तों द्वारा पूछे गए सवालों का उत्तर देते हुए श्री अनिरुद्ध आचार्य जी महाराज लाइवमृत्यु से पहले शरीर के साथ क्या होता है ?लाश को मरने के बाद अकेला क्यों नहीं छोड़ा जाता ? आखिर क्योंपराई स्त्री से सम्बंध बनाने पर क्या दंड मिलता है | स्त्री और पुरुष दोनों समझिये ये बात|भगवान किस घर में आते है | एक एसा प्रसंग जिसे सुनकर पत्थर भी रो पड़े |Anirudhhacharya ji