Загрузка страницы

नया एक रिश्ता पैदा क्यों करें हम | प्रस्तुति- गौरव सतीश

theindianliterature

भारत विविधताओं का देश है। यहां धर्म ,भाषा ,क्षेत्र और रंग की तमाम विविधताएं मौजूद हैं। भाषाई विविधताओं के मामले में तो भारत इस दुनिया का सबसे समृद्ध देश है। आज भी यहां सैकड़ों भाषाएं और बोलियां इस्तेमाल होती हैं लेकिन सैकड़ों भाषाएं जानने वाले और बोलने वाले इस देश में अंग्रेजी की प्रभुसत्ता (Hegemony) और वैधता (legitimacy) हैरान करने वाली है।
अंग्रेजी भाषा अपने आप में बुरी नहीं है और आज के समय में यह भाषा दुनिया को जानने और समझने के लिए बेहद जरूरी है ,लेकिन दुर्भाग्य से अंग्रेजी केवल एक भाषा भर नहीं है। यह एक सिस्टम है, एक औजार है जो एलिट तबके द्वारा भारतीय भाषाओं के खिलाफ इस्तेमाल होता है। यह हमारे औपनिवेशिक सोच (Colonial Mindset )को दर्शाता है।

हम जिस भाषा में अपनी मां से बात करते हैं, हम जिस भाषा में जन्म लेने के बाद तूतलाते हुए बोलना सीखते हैं वह हमारी मातृभाषा है। अंग्रेजी का सिस्टम ऐसा है कि हम अपने मातृभाषा के प्रति ही हीन भावना ( Imferiority Complex) से ग्रसित हो जाते हैं। इसके साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि भारतीय भाषाओं के साहित्य पर भी कुछ खास लोगों का और अत्यधिक एलिट तबके का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। साहित्य से एक आम व्यक्ति की दूरी दिन प्रतिदिन गहरी होती जा रही है। भाषा विचारों के प्रसार का माध्यम होती है , उसकी विरोधी नहीं।व्याकरण निष्ठ भाषा और कठिन शब्दों के इस्तेमाल भाषा को आम जन से जोड़ नहीं पाते।

इन सभी बातों को देखते हुए हम सब नें एक छोटा सा प्रयास शुरू किया है। जिसमें भारत के तमाम विश्वविद्यालयों के लोग शामिल हैं। हम सब ने कविता का एक मंच शुरू किया है ,जिसका नाम "The Indian Literature" है। इस मंच पर सभी भारतीय भाषाओं एवं बोलियों का स्वागत है। इस मंच पर कोई भी व्यक्ति अपनी भाषा या बोली में बेझिझक कुछ भी गा या सुना सकता है ।

यह खास तौर पर उन लोगों के लिए है जो सामान्य तौर पर साहित्य से जुड़े हुए नहीं हैं। आप सभी हम सब का साथ दें और उस भाषा को आगे बढ़ाने का काम करें जिस भाषा में आप अपनी मां से बात करते हैं।

शुक्रिया
Team The Indian Literature

Видео नया एक रिश्ता पैदा क्यों करें हम | प्रस्तुति- गौरव सतीश канала The Indian Literature
Показать
Комментарии отсутствуют
Введите заголовок:

Введите адрес ссылки:

Введите адрес видео с YouTube:

Зарегистрируйтесь или войдите с
Информация о видео
31 января 2023 г. 18:33:00
00:01:52
Другие видео канала
कजरी गीत | भीजे चुनर मोर धानी | Bhojpuri kajri | आवाज़- डॉ० श्याम सुंदर तिवारी | The Indian Poetry |कजरी गीत | भीजे चुनर मोर धानी | Bhojpuri kajri | आवाज़- डॉ० श्याम सुंदर तिवारी | The Indian Poetry |Junak Borokhun #Assamese_Poet presents a heart touching poem. ! ||Junak Borokhun #Assamese_Poet presents a heart touching poem. ! ||धन धन भाग ललनवा तू लिहल जनमवा हो... भोजपुरी सोहरधन धन भाग ललनवा तू लिहल जनमवा हो... भोजपुरी सोहर#theindianliterature तुम मेरा नाम क्यों नहीं लेती… Shorts feed#theindianliterature तुम मेरा नाम क्यों नहीं लेती… Shorts feedफ़र्ज़ करो हम अहले वफ़ा हों | इब्ने इंशा | प्रस्तुति- जावेदफ़र्ज़ करो हम अहले वफ़ा हों | इब्ने इंशा | प्रस्तुति- जावेदनागार्जुन की मैथिली कविता| मुनिक शांति में |  प्रस्तुति हिमांशु झानागार्जुन की मैथिली कविता| मुनिक शांति में | प्रस्तुति हिमांशु झाहरिशंकर परसाई की व्यंग्य रचना 'एक अशुद्ध बेवकूफ'| प्रस्तुति- अभिषेकहरिशंकर परसाई की व्यंग्य रचना 'एक अशुद्ध बेवकूफ'| प्रस्तुति- अभिषेकMarathi poet Mangesh Padgaonkar's poem । Presented by Nikita SinghMarathi poet Mangesh Padgaonkar's poem । Presented by Nikita Singhज्ञानेन्द्रपति की कविता ‘ट्राम में एक याद’  प्रस्तुति- अनामिकाज्ञानेन्द्रपति की कविता ‘ट्राम में एक याद’ प्रस्तुति- अनामिकापरछाइयाँ | साहिर लुधियानवी | जावेद जुकरैत |Sahir Ludhianviपरछाइयाँ | साहिर लुधियानवी | जावेद जुकरैत |Sahir Ludhianviताज-महल | साहिर लुधियानवी | प्रस्तुति- जावेद | Taj Mahalताज-महल | साहिर लुधियानवी | प्रस्तुति- जावेद | Taj Mahalమహాప్రస్థానం |  శ్రీ శ్రీ |Mahaaprasthaanam | Sri Sri | by - Gopi Nath | Telugu Poemమహాప్రస్థానం | శ్రీ శ్రీ |Mahaaprasthaanam | Sri Sri | by - Gopi Nath | Telugu Poemमैंने आहुति बनकर देखा | अज्ञेय | राजीव बिश्नोईमैंने आहुति बनकर देखा | अज्ञेय | राजीव बिश्नोईरुतों के उदास होने पर, पंजाबी/ हिंदी कविता, प्रस्तुति- डॉ. स्वाति 'प्रबंधक (राजभाषा) बैंक ऑफ बड़ौदा'रुतों के उदास होने पर, पंजाबी/ हिंदी कविता, प्रस्तुति- डॉ. स्वाति 'प्रबंधक (राजभाषा) बैंक ऑफ बड़ौदा'नूपुर अशोक की तीन कवितायें | भीड़ का चेहरा | मेरी ज़िंदगी | क़व्वे और औरतनूपुर अशोक की तीन कवितायें | भीड़ का चेहरा | मेरी ज़िंदगी | क़व्वे और औरतदेश कागज़ पर बना नक़्शा नही होता| सर्वेश्वर दयाल सक्सेना | प्रस्तुति- आशीष रंजनदेश कागज़ पर बना नक़्शा नही होता| सर्वेश्वर दयाल सक्सेना | प्रस्तुति- आशीष रंजनपानी में घिरे हुए लोग | केदारनाथ सिंह | प्रस्तुति- वैशालीपानी में घिरे हुए लोग | केदारनाथ सिंह | प्रस्तुति- वैशालीयह दीप अकेला | अज्ञेय | आकांक्षायह दीप अकेला | अज्ञेय | आकांक्षारश्मिरथी महाकाव्य प्रथम सर्गरश्मिरथी महाकाव्य प्रथम सर्गतुम्हारी देह ने एक देह का नमक खाया है| प्रस्तुति- अभिनव उपाध्याय| KedarNath Singhतुम्हारी देह ने एक देह का नमक खाया है| प्रस्तुति- अभिनव उपाध्याय| KedarNath Singhवंदना राय की कविता प्रेम और क्रांतिवंदना राय की कविता प्रेम और क्रांति
Яндекс.Метрика