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Dwadasha Jyotirlinga Stotra | द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र 108 बार जाप | शिव द्वादश नाममंत्र

सावन का महीना सनातन धर्म में बहुत विशेष माना गया है। शिव शंभू को प्रसन्न करने के लिए यह महीना बहुत अनुकूल है। सावन मास में मंत्रों का जाप करना बहुत लाभदायक है। आइये सुनते है द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति।
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्‌।
उज्जयिन्यां महाकालमोंकारं ममलेश्वरम्‌ ॥1॥
परल्यां वैजनाथं च डाकियन्यां भीमशंकरम्‌।
सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने ॥2॥
वारणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमी तटे।
हिमालये तु केदारं ध्रुष्णेशं च शिवालये ॥3॥
एतानि ज्योतिर्लिंगानि सायं प्रातः पठेन्नरः।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरेण विनश्यति ॥4॥
मंत्र शब्दों का एक खास क्रम है जो उच्चारित होने पर एक खास किस्म का स्पंदन पैदा करते हैं, जो हमें हमारे द्वारा उन स्पंदनों को ग्रहण करने की विशिष्ट क्षमता के अनुरूप ही प्रभावित करते हैं। हमारे कान शब्दों के कुछ खास किस्म की तरंगों को ही सुन पाते हैं।

Видео Dwadasha Jyotirlinga Stotra | द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र 108 बार जाप | शिव द्वादश नाममंत्र канала Pratibimb Prakash
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