Загрузка страницы

माँ गंगा को पृथ्वी पर गिरने से पहले ही भगवान शिव ने अपनी जटाओं में क्यों समेट लिया #ShivMahimaHD

माँ गंगा को पृथ्वी पर गिरने से पहले ही भगवान शिव ने अपनी जटाओं में क्यों समेट लिया #ShivMahimaHD

शिवमहिमा
शंकर या महादेव आरण्य संस्कृति जो आगे चल कर सनातन शिव धर्म (शैव धर्म) नाम से जाने जाती है में सबसे महत्वपूर्ण देवताओं में से एक है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव भी कहते हैं। इन्हें भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधर आदि नामों से भी जाना जाता है। तंत्र साधना में इन्हे भैरव के नाम से भी जाना जाता है।[1] हिन्दू शिव घर्म शिव-धर्म के प्रमुख देवताओं में से हैं। वेद में इनका नाम रुद्र है। यह व्यक्ति की चेतना के अन्तर्यामी हैं। इनकी अर्धांगिनी (शक्ति) का नाम पार्वती है। इनके पुत्र कार्तिकेय और गणेश हैं, तथा पुत्री अशोक सुंदरी हैं। शिव अधिक्तर चित्रों में योगी के रूप में देखे जाते हैं और उनकी पूजा शिवलिंग तथा मूर्ति दोनों रूपों में की जाती है। शिव के गले में नाग देवता वासुकी विराजित हैं और हाथों में डमरू और त्रिशूल लिए हुए हैं। कैलाश में उनका वास है। यह शैव मत के आधार है। इस मत में शिव के साथ शक्ति सर्व रूप में पूजित है।

शंकर जी को संहार का देवता कहा जाता है। शंंकर जी सौम्य आकृति एवं रौद्ररूप दोनों के लिए विख्यात हैं। अन्य देवों से माना गया है। सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति एवं संहार के अधिपति शिव हैं। त्रिदेवों में भगवान शिव संहार के देवता माने गए हैं। शिव अनादि तथा सृष्टि प्रक्रिया के आदि स्रोत हैं और यह काल महाकाल ही ज्योतिषशास्त्र के आधार हैं। शिव का अर्थ यद्यपि कल्याणकारी माना गया है, लेकिन वे हमेशा लय एवं प्रलय दोनों को अपने अधीन किए हुए हैं। रावण, शनि, कश्यप ऋषि आदि इनके भक्त हुए है। शिव सभी को समान दृष्टि से देखते है इसलिये उन्हें महादेव कहा जाता है। शिव के कुछ प्रचलित नाम, महाकाल, आदिदेव, किरात, शंकर, चन्द्रशेखर, जटाधारी, नागनाथ, मृत्युंजय [मृत्यु पर विजयी], त्रयम्बक, महेश, विश्वेश, महारुद्र, विषधर, नीलकण्ठ, महाशिव, उमापति [पार्वती के पति], काल भैरव, भूतनाथ, ईवान्यन [तीसरे नयन वाले], शशिभूषण आदि। भगवान शिव को रूद्र नाम से जाता है रुद्र का अर्थ है रुत दूर करने वाला अर्थात दुखों को हरने वाला अतः भगवान शिव का स्वरूप कल्याण कारक है। रुद्राष्टाध्याई के पांचवी अध्याय में भगवान शिव के अनेक रूप वर्णित है रूद्र देवता को स्थावर जंगम सर्व पदार्थ रूप सर्व जाति मनुष्य देव पशु वनस्पति रूप मानकर के सराव अंतर्यामी भाव एवं सर्वोत्तम भाव सिद्ध किया गया है इस भाव से ज्ञात होकर साधक अद्वैत निष्ठ बनता है। संदर्भ रुद्राष्टाध्याई पृष्ठ संख्या 10 गीता प्रेस गोरखपुर। रामायण में भगवान राम के कथन अनुसार शिव और राम में अंतर जानने वाला कभी भी भगवान शिव का या भगवान राम का प्रिय नहीं हो सकता। शुक्ल यजुर्वेद संहिता के अंतर्गत रुद्र अष्टाध्याई के अनुसार सूर्य इंद्र विराट पुरुष हरे वृक्ष, अन्न, जल, वायु एवं मनुष्य के कल्याण के सभी हेतु भगवान शिव के ही स्वरूप है भगवान सूर्य के रूप में वह शिव भगवान मनुष्य के कर्मों को भली-भांति निरीक्षण कर उन्हें वैसा ही फल देते हैं आशय यह है कि संपूर्ण सृष्टि शिवमय है मनुष्य अपने अपने कर्मानुसार फल पाते हैं अर्थात स्वस्थ बुद्धि वालों को वृष्टि जल अन्य आदि भगवान शिव प्रदान करते हैं और दुर्बुद्धि वालों को व्याधि दुख एवं मृत्यु आदि का विधान भी शिवजी करते हैं।

Видео माँ गंगा को पृथ्वी पर गिरने से पहले ही भगवान शिव ने अपनी जटाओं में क्यों समेट लिया #ShivMahimaHD канала Shiv Mahima - HD
Показать
Комментарии отсутствуют
Введите заголовок:

Введите адрес ссылки:

Введите адрес видео с YouTube:

Зарегистрируйтесь или войдите с
Информация о видео
14 октября 2020 г. 15:33:56
00:33:12
Другие видео канала
जय माँ गंगे | माँ गंगा की पृथ्वी पर आने की सम्पूर्ण भक्ति फिल्म | AR Entertainmentsजय माँ गंगे | माँ गंगा की पृथ्वी पर आने की सम्पूर्ण भक्ति फिल्म | AR Entertainmentsशिव - विवाह | फुल फिल्म | महा शिव रात्रि के शुभ अवसर पर जरूर देखे | Shiv_Vivah | Full Movieशिव - विवाह | फुल फिल्म | महा शिव रात्रि के शुभ अवसर पर जरूर देखे | Shiv_Vivah | Full Movieश्री हरी पर जब शनिदेव ने डाली कुदृष्टि फिर क्या हुआ परिणाम @Laxami Narayan -JAP TAP VRATT JTV-10श्री हरी पर जब शनिदेव ने डाली कुदृष्टि फिर क्या हुआ परिणाम @Laxami Narayan -JAP TAP VRATT JTV-10भक्त के ऐसा क्या मांगने पर जाग उठा माँ पारवती का क्रोध - Om Namah Shivaye - Ep 180भक्त के ऐसा क्या मांगने पर जाग उठा माँ पारवती का क्रोध - Om Namah Shivaye - Ep 180महर्षि गौतम की तपस्या से गोदावरी गंगा नदी से कैसे निकली - #ShraddhaBhaktiHDमहर्षि गौतम की तपस्या से गोदावरी गंगा नदी से कैसे निकली - #ShraddhaBhaktiHDभगवान शिव की बिना आज्ञा के माता सती जब पहुँची अपने पिता के यज्ञ समारो में हुआ विनाश || #MaaShaktiभगवान शिव की बिना आज्ञा के माता सती जब पहुँची अपने पिता के यज्ञ समारो में हुआ विनाश || #MaaShaktiदेखिये ,कैसे और क्यों भगवन शिव के जुड़े में समाई थी गंगा || BR Chopra Superhit Hindi Serial ||देखिये ,कैसे और क्यों भगवन शिव के जुड़े में समाई थी गंगा || BR Chopra Superhit Hindi Serial ||हरि विष्णु ने क्यों चला डाला शनिदेव पर अपना सुदर्शन चक्र | #JapTapVratहरि विष्णु ने क्यों चला डाला शनिदेव पर अपना सुदर्शन चक्र | #JapTapVratदेवी यमुना धरती पर कैसे आयी देखिये यमुना की रहस्यमयी कहानी #LaxamiNarayanHDदेवी यमुना धरती पर कैसे आयी देखिये यमुना की रहस्यमयी कहानी #LaxamiNarayanHDJai Maa Ganga - माँ गंगा की पृथ्वी पर आने की सम्पूर्ण भक्ति फिल्म - Prabhu LeelaJai Maa Ganga - माँ गंगा की पृथ्वी पर आने की सम्पूर्ण भक्ति फिल्म - Prabhu Leelaपिता के आदेश के आगे मजबूर हुए परशुराम ने माता पर चला दिया फरसा - पौराणिक कथा - Apni Bhaktiपिता के आदेश के आगे मजबूर हुए परशुराम ने माता पर चला दिया फरसा - पौराणिक कथा - Apni Bhaktiभोलेनाथ ने की सबसे बड़ी गलती भस्मासुर को वरदान देकर | भस्मासुर वध | #ShraddhabhaktiHDभोलेनाथ ने की सबसे बड़ी गलती भस्मासुर को वरदान देकर | भस्मासुर वध | #ShraddhabhaktiHDशिव के रूप में आये राक्षस को माँ पारवती के शेर ने कैसे भगाया @Laxami Narayan - JAP TAP VRATT SG103शिव के रूप में आये राक्षस को माँ पारवती के शेर ने कैसे भगाया @Laxami Narayan - JAP TAP VRATT SG103ब्रह्मा विष्णु महेश से पहले संसार में किसका जन्म हुआ था  | जरूर देखें | जय शिवब्रह्मा विष्णु महेश से पहले संसार में किसका जन्म हुआ था | जरूर देखें | जय शिवभगीरथ ने क्यों किया प्राण त्यागने का विचार किया | माँ शक्ति | Bhakti Sagar AR Entertainmentsभगीरथ ने क्यों किया प्राण त्यागने का विचार किया | माँ शक्ति | Bhakti Sagar AR EntertainmentsEpisode 66 | Om Namah Shivay | भगवान शिव ने महाबली जलंधर का वध क्यों और कैसे कियाEpisode 66 | Om Namah Shivay | भगवान शिव ने महाबली जलंधर का वध क्यों और कैसे कियामाँ पारवती ने भगवान शिव को असुर के भयानक वार से कैसे बचाया @Laxami Narayan - JAP TAP VRATT SG19माँ पारवती ने भगवान शिव को असुर के भयानक वार से कैसे बचाया @Laxami Narayan - JAP TAP VRATT SG19Episode 44 | Om Namah Shivay | देखिये तारकासुर का वध शिव पुत्र कार्तिकेय ने क्यों और कैसे कियाEpisode 44 | Om Namah Shivay | देखिये तारकासुर का वध शिव पुत्र कार्तिकेय ने क्यों और कैसे कियारावण के पिता ऋषि विश्रवा को माँ पारवती ने क्या श्राप दिया था @Laxami Narayan - JAP TAP VRATT ONS180रावण के पिता ऋषि विश्रवा को माँ पारवती ने क्या श्राप दिया था @Laxami Narayan - JAP TAP VRATT ONS180
Яндекс.Метрика