प्रयागराज महाकुम्भ के दौरान घुसा आंतकवादी | कुछ बड़ा करने की थी प्लानिंग | #prayagraj #mahakumbh
प्रयागराज महाकुम्भ के दौरान घुसा आंतकवादी | कुछ बड़ा करने की थी प्लानिंग | #prayagraj #mahakumbhकुम्भ
मेले की शुरुआत कब हुई और किसने की | The history of Kumbh | Mahakumbh #mahakumbh2025
क्यूँ लगाया जाता है महाकुंभ | The mystery of Mahakumbh | Why Mahakumbh is organised
महाकुंभ मेला भारत के सबसे बड़े और पवित्र धार्मिक आयोजनों में से एक है, जो हर 12 साल में चार स्थानों—हरिद्वार, प्रयागराज (इलाहाबाद), उज्जैन और नासिक—में आयोजित होता है। इसका उद्देश्य धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को समर्पित है। महाकुंभ के आयोजन के पीछे कई कारण और धार्मिक मान्यताएँ हैं:
1. पौराणिक मान्यता
महाकुंभ का संबंध समुद्र मंथन की कथा से है। जब देवताओं और असुरों ने अमृत के लिए समुद्र मंथन किया, तो अमृत का एक घड़ा (कुंभ) निकला। इस अमृत कुंभ को लेकर देवता और असुरों के बीच संघर्ष हुआ। इस संघर्ष के दौरान अमृत की कुछ बूंदें चार स्थानों—हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन, और नासिक—पर गिरीं। इसे ही पवित्र स्थान माना जाता है, और इन स्थानों पर कुंभ मेले का आयोजन होता है।
2. धार्मिक महत्व
महाकुंभ को आत्मशुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का अवसर माना जाता है। मान्यता है कि इस समय इन पवित्र स्थानों पर स्नान करने से व्यक्ति अपने पापों से मुक्त हो सकता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
3. ज्योतिषीय महत्व
महाकुंभ का आयोजन ग्रहों और नक्षत्रों की विशेष स्थिति के अनुसार होता है। जब बृहस्पति और सूर्य विशेष राशियों में होते हैं, तो इसे कुंभ मेला आयोजित करने का शुभ समय माना जाता है। इस ज्योतिषीय संयोग को अत्यंत शुभ माना गया है।
4. सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
महाकुंभ न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपराओं और समुदाय की एकता को प्रदर्शित करता है। इसमें लाखों श्रद्धालु, संत, महात्मा और विभिन्न समुदायों के लोग एकत्र होते हैं।
5. आध्यात्मिक शिक्षा और साधना
महाकुंभ के दौरान विभिन्न संतों और साधुओं के प्रवचन और सत्संग होते हैं, जो आध्यात्मिक शिक्षा का माध्यम बनते हैं। यह साधना, तप और ध्यान का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करता है।
महाकुंभ न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय सभ्यता और संस्कृति की समृद्ध परंपरा का उत्सव भी है।
दोस्तों आपको इस चैनल पर भारतीय इतिहास,किले ,मंदिरों,इतिहासिक युद्धों,महाभारत,रामायण,माइथोलॉजी से जुडी वीडियोस मिलेंगी। आप लोगों का सहयोग ही मेरी शक्ति है। मई आप लोगों की सहायता से ऐसे ही भारत के इतिहास की कहानियां आपको बताता रहूँगा जो हमें कभी किताबों में नहीं पढाई जाती। और अधिक जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक कीजिये :-
1.समुद्र पर राज करने वाला किला:- https://www.youtube.com/watch?v=oHJYZjK0UzM
2 रामायण में छुपे 13 रहस्य , जिनसे अपरिचित हैं आप :- https://www.youtube.com/watch?v=PPVX9c19PsY
3 1965 भारत पाकिस्तान युद्ध की पूरी कहानी:- https://www.youtube.com/watch?v=i9MobIYxi0Y
Видео प्रयागराज महाकुम्भ के दौरान घुसा आंतकवादी | कुछ बड़ा करने की थी प्लानिंग | #prayagraj #mahakumbh канала शब्द बाण
मेले की शुरुआत कब हुई और किसने की | The history of Kumbh | Mahakumbh #mahakumbh2025
क्यूँ लगाया जाता है महाकुंभ | The mystery of Mahakumbh | Why Mahakumbh is organised
महाकुंभ मेला भारत के सबसे बड़े और पवित्र धार्मिक आयोजनों में से एक है, जो हर 12 साल में चार स्थानों—हरिद्वार, प्रयागराज (इलाहाबाद), उज्जैन और नासिक—में आयोजित होता है। इसका उद्देश्य धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को समर्पित है। महाकुंभ के आयोजन के पीछे कई कारण और धार्मिक मान्यताएँ हैं:
1. पौराणिक मान्यता
महाकुंभ का संबंध समुद्र मंथन की कथा से है। जब देवताओं और असुरों ने अमृत के लिए समुद्र मंथन किया, तो अमृत का एक घड़ा (कुंभ) निकला। इस अमृत कुंभ को लेकर देवता और असुरों के बीच संघर्ष हुआ। इस संघर्ष के दौरान अमृत की कुछ बूंदें चार स्थानों—हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन, और नासिक—पर गिरीं। इसे ही पवित्र स्थान माना जाता है, और इन स्थानों पर कुंभ मेले का आयोजन होता है।
2. धार्मिक महत्व
महाकुंभ को आत्मशुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का अवसर माना जाता है। मान्यता है कि इस समय इन पवित्र स्थानों पर स्नान करने से व्यक्ति अपने पापों से मुक्त हो सकता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
3. ज्योतिषीय महत्व
महाकुंभ का आयोजन ग्रहों और नक्षत्रों की विशेष स्थिति के अनुसार होता है। जब बृहस्पति और सूर्य विशेष राशियों में होते हैं, तो इसे कुंभ मेला आयोजित करने का शुभ समय माना जाता है। इस ज्योतिषीय संयोग को अत्यंत शुभ माना गया है।
4. सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
महाकुंभ न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपराओं और समुदाय की एकता को प्रदर्शित करता है। इसमें लाखों श्रद्धालु, संत, महात्मा और विभिन्न समुदायों के लोग एकत्र होते हैं।
5. आध्यात्मिक शिक्षा और साधना
महाकुंभ के दौरान विभिन्न संतों और साधुओं के प्रवचन और सत्संग होते हैं, जो आध्यात्मिक शिक्षा का माध्यम बनते हैं। यह साधना, तप और ध्यान का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करता है।
महाकुंभ न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय सभ्यता और संस्कृति की समृद्ध परंपरा का उत्सव भी है।
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1.समुद्र पर राज करने वाला किला:- https://www.youtube.com/watch?v=oHJYZjK0UzM
2 रामायण में छुपे 13 रहस्य , जिनसे अपरिचित हैं आप :- https://www.youtube.com/watch?v=PPVX9c19PsY
3 1965 भारत पाकिस्तान युद्ध की पूरी कहानी:- https://www.youtube.com/watch?v=i9MobIYxi0Y
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9 января 2025 г. 19:40:02
00:08:24
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